Wings of Destiny Part 18
कल्पना एसीपी उमरान की बताई हुई खबर से हैरान है और परेशान भी है उसकी परेशानी का सबब यह है जिसे वह ब्रेनलेस कहती है जिसे वह देखना उससे मुलाकात करना पसंद नहीं करती आज उसी क वजह से अम्मा की जान को बचाया गया है वहां गीतिका की परेशानी अलग है उसके ऑफिस में पॉलिटिक्स खेली जा रही है जिसे वह पूरी तरह से चैलेंज कर देती है अम्मा को घर लाने का वक्त हो गया है और गीतिका भी वहां पहुंच जाती है यह पहली बार है शायद कि कल्पना उसे देखकर इग्नोर नहीं कर पाती और यह क्यों है हां जस्ट बिकॉज ऑफ अमा जाने अनजाने इन दोनों का जो स्पर्श है वो जरा सा गीतिका को हिला जाता है अंदर से लाइक करंट कार के फ्रंट मिरर में कल्पना के चेहरे के स्ट्रक्चर को अच्छी तरीके से नोटिस करती है गीतिका और इन सबों में यह घर यह लोग घर पहुंच जाते हैं अम्मा की इजाजत लेकर गीतिका चाय बनाने के लिए किचन की तरफ बढ़ जाती है बस यही है रिकप तो चलिए थोड़ा सा आगे बढ़ा जाए अरे रे रे आप कहां चली चलिए चुपचाप से बैठे रहिए अम्मा को उठने की कोशिश करते देख कल्पना ने ऑर्डर देते हुए कहा अरे बेटा उसे हेल्प की जरूरत होगी उसे कहां कुछ पता है कि चीजें कहां रखी हैं अम्मा ने अपनी धीमी आवाज में कल्पना की बात का जवाब दिया हां तो ठीक है ना किसने कहा उन्हें जाने के लिए खुद ही गई है वोह खुद ही उठकर गई है तो खुद ढूंढे खुद जाने आप अपनी जगह से नहीं हिलेगी कल्पना ने अपने अंदाज को जारी रखा बेटा इस बार अम्मा को थोड़ी असहजता महसूस हुई ओके अब आप चुपचाप बैठे रहिए चुपचाप बैठे रहिए कल्पना ने अम्मा की कठिनाई को भांपते हुए कहा और अपनी बात को आगे किया मैं देखती हूं मिस जर्नलिस्ट को आप अपनी जगह से हिलेगी नहीं यह कहते हुए कल्पना ने अपना मुंह पिचका जैसे कि वो वहां जाना ही नहीं चाहती थी अपने कदमों को किचन की तरफ बढ़ा दिया किसने कहा था इन्हें घर आने के लिए कल्पना आगे बढ़ते हुए अपने होठों में ही बुदबुदा आई कदम कुछ ले लेने के बाद कुछ देरी पर जाकर उसके कदम अपने आप रुक जाते हैं और उसकी आंखें एक जगह ठहर जाती हैं गीतिका ने चूल्हे पर चाय का पानी तो रख दिया है मगर पीछे घूमकर वह कुछ ढूंढ रही है सेल्फ को खोलकर उसका बैक साइड कल्पना की तरफ है और उसे बखूबी नजर आ रहा है ना ना ना बैकलेस नहीं है ड्रेस हां तो ज्यादा इमेजिनेशन को बढ़ाने की जरूरत नहीं आप लोगों को तो जरा थाम के रखिए एनीवेज बैक टू द स्टोरी यह ऊपर वाले सेल्फ में क्या ढूंढ रही है चीनी छपती साइड वाले सेल्फ में है कल्पना ने अपने आप में ही कहा और अपनी आंख को छोटा करके आगे कदमों को किया क्या ढूंढ रही है आप इस बार कल्पना ने अपनी आवाज को थोड़ा ऊंचा कर दिया अचानक से अपने कानों में इतनी ऊंची आवाज पाकर सुनकर गीतिका का दिल एक अ एकदम से डर डरने वाला जो नौक होता है वो अपने ऊपर पाता है और अपनी आंखों को बड़ा कर लेती है गीतिका यह वाली टोन सुनकर और उसके दिल की धड़कनें तेज हो जाती हैं इन शॉर्ट व चौक जाती है आह ऐसे कौन पीछे से आवाज लगाता है अपने डर वाले भाव को पकड़ते हुए गीतिका ने पीछे मुड़ते हुए कहा ओ शैतान भी डरा करते हैं कल्पना ने फिर से अपने होठों में बुदबुदा आया क्या क्या कहा आपने गीतिका ने चिड़ते हुए पूछा क्या ढूंढ रही है आप कल्पना ने अपने शब्द के भाव को बिल्कुल सीधा रखा और अपने चेहरे के भाव को भी चाय में जो डलता है ना वही गीतिका ने अपनी उखड़ी हुई आवाज में और अपनी सांसों की जो ल है उसे बांधने की कोशिश करते हुए कहा अच्छा चलो इतना तो आपको पता है कि चाय में पानी के अलावा भी चीजें डल हैं यह कहते हुए कल्पना ने चूल्हे का टेंपरेचर लो किया मगर यह सुनकर गीतिका का टेंपरेचर हाई हो गया मुझे क्या पता है और क्या नहीं इसका सर्टिफिकेट देने की आपको जरूरत नहीं है गीतिका ने और चुड़ते हुए कल्पना की बात का जवाब दिया हां हां मैं क्या इस दुनिया में कोई इंसान इंसान नहीं कोई यूनिवर्सिटी भी नहीं है जो आपको सर्टिफिकेट देने की जुरत करे क्योंकि उसे अपना रजिस्ट्रेशन फेल थोड़ी करवाना है कल्पना की इस बात ने गीतिका के अंदर जल रही आग पर घी का काम किया और इस बार गीतिका अपनी दांतों को पीसकर अपनी मुट्ठ को बांधकर वापस मुड़ गई सेल्फ की तरफ और दोबारा से वो चीनी और चा पत्ती के बॉक्स ढूंढने लगी उसकी इस हरकत पर कल्पना को हंसी तो आ रही थी लेकिन उसने अपने आप को रोक रखा था तभी कल्पना अपने कदम गीतिका की तरफ आगे बढ़ा देती है और जो सेल्फ अभी गीतिका ने खोला उसी में चीनी और चायपत्ती इस के बॉक्सेस है अम्मा की हाइट गीतिका से थोड़ी लंबी है इसलिए वह ऊपर की तरफ यह बॉक्सेस रखती हैं जब गीतिका ने अपना हाथ ऊंचा किया वह डब्बे वह बॉक्स व जार निकालने के लिए तो वह हल्की सी छोटी पड़ गई और इस चीज को देखकर कल्पना ने उसके हाथ के डायरेक्शन में अपने हाथों को बढ़ाया और जिस बॉक्स को पकड़ा हुआ था गीतिका ने कल्पना ने भी पकड़ लिया और इसका हाथ गीतिका के हाथ से टच हो गया गीतिका को ऐसा लगा जैसे उसने ज्वालामुखी को टच किया हो जबकि ज्वालामुखी ने उसको टच किया और उसने फट से अपना हाथ अपनी ओर खींच लिया कल्पना ने वह जार उतार कर गीतिका के सामने वाले सेल्फ पर रख दिया और दूसरा जार जो चाय पत्ती का है वह भी उतार कर चीनी वाले के पास रख दिया लीजिए यह चाय इन दोनों से ही बनती है गीतिका के कान में कल्पना ने धीरे से कहा कल्पना को कोई इरादा नहीं था उसके कान में कहने का उसने सिर्फ अपनी बात धीमी तरीके से रखी हां गीतिका के कान जरूर कल्पना के लबों के पास थे तो इसलिए गीतिका को उसकी आवाज बड़ी ही फुसफुसाना पीछे हट गई गीतिका कुछ देर कुछ पल के लिए वहीं खड़ी रही जैसे उसके कदमों ने जैसे उसके कदमों को कल्पना के लफ्जों ने जमा दिया हो जब कल्पना ने यह देखा कि गीतिका के कदम जम गए हैं तो उसने फिर से अपना अंदाज पकड़ा वैसे आपके चाय बनाने का तरीका अच्छा है के फ्लेम का टेंपरेचर इतना हाई कर दो के टी पेन में पानी ही ना बचे सिर्फ टी पेन बचे और पानी जाए जैसे आपका दिमाग उड़ जाता है और इस बात ने फिर से गीतिका को ट्रिगर कर दिया वह फिर से अपनी आंखें बड़ी करती है वह फिर से पीछे गुस्से में मुड़ती है और कल्पना की नजरों में नजरें डालती है लेकिन कुछ कहती नहीं लेकिन कल्पना अपने थम से इशारा कर देती है फ्लेम की तरफ और टी पन की तरफ जिसमें सच में पानी जितना गीतिका ने डाला था उससे आधा हो चुका चुका है अपने िड़ वाले भाव को ही लेकर वो चीनी का बॉक्स उठाती है गीतिका और टी पैन की तरफ यानी कि फ्लेम की तरफ बढ़ जाती है तब तक कल्पना फिर से एक अपना टोन मारती है अच्छा तो सीधा चीनी डल है पानी में और इस बात से गीतिका के कदम वापस रुक जाते हैं और वह जार जो होता है वह सल्फर पटक देती है अब जार जो है वह शीशे का है उसने जैसे ही पटका व फूट जाता है फूटकर व चारों तरफ बिखर जाता है और अपनी इस कार सानी पर गीतिका रुक जाती है और जितना भी उसके अंदर बुलबुला रहे थे ना गुस्से वाले वल्कानो वो थोड़ी देर के लिए ठंडे हो जाते हैं कि यह क्या किया उसने जार तोड़ दिया व भी शुगर का एनीवे जैसे हमें हंसी आ रही है वैसे कल्पना को भी हंसी आती है लेकिन वो अपने अपने लबों को थामकर अपनी हंसी रोक लेती है लेकिन अंदर ही अंदर हंसती है और इस चीज से गीतिका जो है वह हल्का सा शर्मिंदा हो जाती है वापस से व अपनी गर्दन नीचे करती है और पीछे की तरफ मुड़ जाती है ताकि कल्पना की नजरों में उसकी नजर ना पड़े और वापस वो पीछे जब मुड़ने लगती है तो जो जार के जो टुकड़े हैं जो शीशे के टुकड़े जो नीचे गिरे हैं जमीन पर उनमें से एक जो है वो गीतिका के पैर में चुप जाता है जैसे ही व शीशे का टुकड़ा उसके पैर में चुकता है उसकी आवाज निकल जाती है आ उ और वैसे ही वह अपना जो पैर है वो ऊपर कर लेती है और एक टांग पर खड़ी हो जाती है क्या करती हैं आप सच में आपके पास ब्रेन नहीं है दिखाइए मुझे यह कहते ही कल्पना अपने घुटनों पर बैठ जाती है और गीतिका का पैर अपने हाथ में पकड़ लेती है गीतिका ये जद्दोजहद करती है कि कल्पना के हाथ से अपना पैर छुड़ा सके मगर वो नाकामयाब होती है और इस चीज को भाप लेती है कल्पना मत करिए आप नहीं कर पाएंगी आपको समझ नहीं है जरा सी अभी अभी ये जार टूटा है ना आपसे ही टूटा है और आपको ही नहीं पता कि इसके टुकड़े नीचे जमीन पर गिरे हैं यहां पर कल्पना का यह भाव देखकर यह गुस्सा देखकर गीतिका चुपचाप से शांत हो जाती है शायद यह पहली बार है कि गीतिका शांत हो गई है कल्प के आगे एक पानी तक उबालना नहीं आता चली चाय बनाने कल्पना ने अपने उसी भाव को थाम हुए अपनी बात कही और गीतिका को थोड़ा सा पीछे हट जाने का इशारा किया गीतिका उसके इशारे को फॉलो तो करती है लेकिन लड़खड़ा जाती है फ रुकिए रुक दोबारा से कल्पना ने अपने अंदाज में कहा और यह कहकर वह खड़ी हो गई खड़े हो जाने के बाद गीतिका को कल्पना ने उसकी कमर से पकड़ लिया कमर से पकड़ लेने के बाद उसने उसे उठाकर सेल्फ जो पीछे की साइड लगा हुआ है किचन में एक होता है चूल्हे वाला चूल्हे की जो पीछे की साइड लगा हुआ है उस पर कल्पना गीतिका को बिठा देती है गीतिका इस बार भी जद्दोजहद करती है क्या है आपको एक बात में समझ नहीं आता एक बारी में आपके दिमाग में घुसती नहीं है चीजें फिर आप मुझसे आर्गू करती है मुझे कहती है एरोगेंट चुपचाप से बैठे रहिए जहां बैठने को कहा है मैंने यह ऑर्डर देकर कल्पना फ्रिज की तरफ बढ़ जाती है फ्रिज से वह आइस क्यूब्स निकालती है आइस क्यूब्स निकाल लेने के बाद वह किचन के एक ड्रॉर खोलकर उसमें से एक सूती कपड़ा निकालती है आइस क्यूब को कपड़े में लपेटकर वह कल्पना के पैर के पास ले जाने लगती है अपने घुटनों पर बैठ जाती है उसके पैर के निचले हिस्से को तलवे को जब वो देखती है तो उसमें एक कांच का टुकड़ा है उसको देखकर वो थोड़ा सोच में पड़ जाती है अगर मैंने इसे निकाला तो यह चिल्लाएगी क्या करूं कल्पना यह सोच रही है उसके पैर को देखकर और गीतिका की नजरें सिर्फ कल्पना पर टिकी है और उसकी नजरों में व वो गुस्सा वह चड़ नहीं है जो हमेशा होती है आपको किसने कहा था चाय बनाने के लिए किसने कहा था आपको किचन में आने के लिए जब आपको कुछ आता ही नहीं है तो आप वो काम करने क्यों निक लेती है कल्पना ने एक ट्रिक खेला वो चिढ़ाना चाह रही है गीतिका को ताकि वो चिड़या उसका ध्यान जो है कल्पना के साथ होने वाली बातचीत पर हो जाए और यही होता है छोड़िए आप छोड़िए हमें आपको किसने गाया मेरा पैर पकड़ने के लिए आप आपको मैंने बुलाया आपको मैंने किचन में बुलाया हां नहीं बुलाया आपने लेकिन क्या करें घर मेरा है किचन मेरा है अगर खराब हो गया तो इतना ही कहती है कल्पना कि उसके पैर का एक हाथ से उसके पैर के जॉइंट को पकड़ती है एंकल जॉइंट को और दूसरे हाथ से उस शीशे को पकड़ कर निकाल देती है आप और गीतिका सिर्फ यह वर्ड ही कह पाती है तब तक वह शीशा निकल जाता है जैसे ही कल्पना वह शीशा निकाल देती है कपड़े में लिपटी आइस क्यूब को उस जखम पर कस कर दबा लेती है ताकि जो ब्लीडिंग होगी वो रुकी हुई रुक जाएगी और गीतिका कुछ नहीं कह पाती शायद दर्द की वजह से और कल्पना बहुत देर तक उसको वैसे ही उसके पैर पर दबाए बैठी रहती है कल्पना अपनी गर्दन को ऊपर उठाकर गीतिका को देखना चाहती है कि उसका दर्द में चेहरा कैसे बनता है और वह पाती है कि गीतिका ने सिर्फ अपनी आंखें बंद की हुई है अपनी भव को सिकोड़ागाड़े अ दबाया हुआ है एक दूसरे से हां उसे दर्द हो रहा है काफी देर तक ऐसे ही बैठ लेने के बाद जब कल्पना उस कपड़े को हटाकर उस आइस क्यूब को हटाकर देखती है तो ब्लीडिंग जो है वह तो नहीं हो रही लेकिन जाहिर है दर्द हो रहा होगा और अगर उस परे प्रेशर पड़ेगा देन दोबारा से उसमें ब्लीडिंग होगी कल्पना वह आइस क्यूब का कपड़ा हटाकर खड़ी हो जाती है अभी भी आपको चाया बनानी है हां य चलना है यहां से मुझे चाय बनानी है गीतिका ने मुंह टेढ़ा कर कर कल्पना की बात का जवाब दिया चुपचाप से बैठे रहिए जहां बैठे हैं चाय बनानी है यह सब जो आपने फैलाया है यह कौन साफ करेगा आपने तो अपने पैर में चोट लगाकर बैठ गई बहुत अच्छा तरीका है यह अपने कामों से बचने का कल्पना की बात पर दोबारा से गीतिका चड़ गई और अपने मन में कहती कितनी एरोगेंट है कितनी एरोगेंट है मुझे चोट लगी है तो भी इसको सिर्फ और सिर्फ मुझे डांटना है आई डोंट लाइक हर गीतिका यह सब कह तो अपने मन में रहिए लेकिन यह सब कहने का जो भाव है जो एक्सप्रेशन है उसके चेहरे पर दिख रहा है
मगर कल्पना अभी दूसरी तरफ मुड़ी हुई है और जैसे ही इसकी तरफ मुड़ती है इसका भाव बिल्कुल सेम हो जाता है बिल्कुल नॉर्मल कर लेती हैय अपने चेहरे के भाव को कल्पना वापस टूटे इन बिखरे शीशों को देखकर कहती है अब यह सब मुझे ही क्लीन करना होगा वरना अम्मा देखेंगी तो व खुद क्लीन करने लग जाएंगे और यह मैं अफोर्ड नहीं कर सकती यह कहकर कल्पना ने अपने माथे को रगड़ा और उसे देख रही है गीतिका दो कांच के टुकड़े उठाने उसमें इनको अपना माथा रगड़ना है यह बड़बड़ा है गीतिका और उसके बड़बड़ाना की फुसफुसाना ने सुना क्या क्या कहना चाह रही है आप सीधे-सीधे ऊंचे लफ्जों में कहिए कल्पना ने अपना चेहरा गीतिका की तरफ मोड़कर कहा गीतिका ने बिना कुछ कहे सिर्फ अपने लबों को इधर-उधर हिला दिया और अपनी जगह से हिलने लगी हिलने लगी इन द सेंस उतरने की कोशिश करने लगी मुझे चाय पीनी है यह कहते हुए चुपचाप से वहीं बैठे रहिए चाय पीनी है अगर हिली ना आप तो ये सारे कांच के टुकड़े दूसरे वाले पैर में मैं घुसा दूंगी तो चुपचाप जहां बै वही बैठे रहिए कल्पना ने अपनी फिंगर को पॉइंट करते हुए उससे कहा और वह चुपचाप वहीं सपा गई चुपचाप गीतिका वही की वही बैठी रही कि यह तो कर भी देगी भाई सारे कांच के टुकड़े इकट्ठे करेगी और उसके पैर में ऐसा कोई करता है क्या गतिका पहली बार कंट्रोल्ड नजर आई कल्पना की बातों पर कल्पना ने एक लंबी सांस ली इधर-उधर देखा इधर-उधर देख के उसे कुछ क्लीनिंग का सामान मिला उसने अपने हाथ में उठाया और उन कांच के टुकड़ों को इकट्ठा करते हुए एक पॉलिथीन में बांधा पॉलिथीन में बांधकर उसे उसे अखबार में लपेटा अखबार में काफी मोटी परत बनाई और उसे एक अच्छे से बांध के तब उसने जाकर उस टस्ट पिन में डाला गीतिका ने उसकी इस बात को नोटिस किया अब कल्पना ने सबसे पहले अ चूल्हे को बंद कर दिया बिकॉज जो भी पानी बचा है शायद वह भी खत्म ही होने वाला था पहले उसने चूल्हे को ऑफ किया कल्पना ने अपनी जेब से फोन निकाला हेलो रवि आप कहां है इस वक्त मैं तो बाहर ही हूं हां ठीक है आप एक काम करिए मुझे कुछ शुगर के पैकेट चाहिए होंगे आई मीन आप चीनी लेकर आ जाएंगे क्योंकि जो घर की चीनी है वो चीटियों ने खा ली है तो आप प्लीज थोड़ा सा चीनी लेकर आइए ओके ओके मैम रवि कितनी बार कया मैंने मैम के अलावा मेरा नाम है नाम लिया करिए प्लीज ठीक है ठीक है रभ कुछ कोई नाम नहीं ले पाता और व ठीक है ठीक है करके फोन काट देता है फोन कट हो जाने के बाद कल्पना गीतिका की तरफ देती है देखती है गीतिका की तरफ देख लेने के बाद व उसके पैर को देखती
है और उसके दिमाग में कोई बात आती है वह अपने कदमों को रसोई के बाहर कर देती है कुछ ही मिनट के बाद मिनट भी नहीं होगा सेकंड्स कह सकते हैं हम या एक मिनट ले लीजिए व एक मिनट के बाद अपने हाथ में एक बॉक्स ले आती है और गीतिका के बगल में रख देती है लीजिए और अपने पैर पर टमेंट लगाइए टमेंट लगाने के बाद उसे कवर करिए खुला छोड़ना ठीक नहीं समझी आप चलिए जल्दी कीजिए टाइम वेस्ट मत कीजिए कल्पना ने ऑर्डर देते हुए कहा गीतिका ने फिर से उसकी बात से चिड़कर अपना मुंह बना लिया मुंह बनाने के लिए नहीं कहा है आपको मुंह बनाने के लिए आपके पास बहुत टाइम है पहले अपना पैर बनाइए चलिए कल्पना ने अपनी बात को दोहराया कल्पना चूल्हे की तरफ बढ़ गई और उस टी पैन में जो पानी था उसमें उसने पानी ऐड किया पानी ऐड करने के बाद उसने फ्लेम ऑन कर दिया फ्लेम ऑन होने के बाद उसने उसमें टी डाला टी टी लीफ चाय पत्ती उसने धीमी आंच कर दी ताकि वो चाय पत्ती जो है वह अपना हल्का हल्का सा कलर धीरे-धीरे धीमे-धीमे हले हले छोड़े ताकि चाय जो है वह बहुत लजीज बने और इसके इस एक्ट को गीतिका ने अपनी तिरछी निगाहों से देखा तिरछी निगाहों से व इ देख भी रही है और वो जो बॉक्स दिया है कल्पना ने उसे खोल रही है उसमें दो तीन ऑइंटमेंट की ट्यूब्स है वो उनको बारी-बारी से देख रही है आई थिंक वो कंफ्यूज है कि कौन सा वो लगाएगी वो बर्निंग जेल उठा लेती है बर्निंग जेल उठाने के बाद वह उसे ओपन करने लगती है तभी कल्पना की नजर उस पर पड़ती है क्या कर रही हैं आप हां सच में किसी भी यूनिवर्सिटी से आपने सर्टिफिकेट या डिग्री नहीं हासिल की है पढ़िए उसे क्या कर रही है यह कहती है कल्पना और गीतिका के हाथ से वो ट्यूब लेकर करके वापस से फर्स्ट ड बॉक्स में रख देती है और जो कट वाले प जो सल्ट लगाना है व ट्यूब व टमेंट उठाती है और उसके सामने यह यह लगाते हैं पढ़िए इसे और याद रखिएगा आपकी याददा बहुत है बहुत तेज है क्या हुआ कमजोर पड़ने लगी है कल्पना ने फिर देखी बात कही और उसकी बाद से गीतिका का जो वोल्केनो है वो नीचे से ऊपर की तर तरफ बढ़ तो रहा है लेकिन किसी किसी बात से वो वापस से शांत हो जा रहा है इतनी देर में रवि जो है वह चीनी के पैकेट्स लेकर आ जाता है और चीनी कल्पना ने अपनी गर्दन उठाई और रवि को देखा तो आपको कुछ नहीं बोलना है सिर्फ चीनी बोलना है रवि रख दीजिए वं ओके जाइए बैठिए अमा के साथ थोड़ी बात करिए अकेली है वो कल्पना ने बहुत ही सहज तरीके से रवि से बात की और रवि जो है वह हंसते हुए मुस्कुराते हुए अम्मा के पास चले गए अब जो चीनी आई है वो पैकेट्स में है तो कल्पना ने उन पैकेट्स को हल्का सा काटा और एक बाउल में चीनी ले ली करीबन तीन चम्मच और बाकी की जो पैकेट्स है उसने सेल्फ में रख दिया क्योंकि जार ढूंढने में टाइम लगेगा हो सकता है हो ना हो तो दोबारा कैसे लगाना है अगेन उसने अपनी चाय अपने तरीके से बता बनाई मैं क्यों तरीका बताऊं भाई आपको आप कल्पना की चाय बनाने का तरीका चुराकर खुद चाय पीने लगोगे लजीज लजीज नहीं तो मैं क्यों बताऊ सीक्रेट रखते हैं कल्पना ने अपने तरीके से चाय बना ली और उसे देखती गई गीतिका गीतिका अपना ऑइंटमेंट सिर्फ अपनी उंगली से अपनी जखम पर के पास ले जाकर बैठी हुई है उसे डर लग रहा है कि चलेगा यहां कल्पना की चाय ऑलमोस्ट ऑलमोस्ट रेडी हो गई है लेकिन इसका ऑइंटमेंट अभी उसके कट पर लगा नहीं है कल्पना की नजर फिर इस पर पड़ती है कल्पना फिर घूमकर खड़ी हो जाती है नहीं आपके ऑफिस से आपके कलीग्स को बुलाया जाए उनके आ जाने के बाद आप यह ऑइंटमेंट अपनी जखम पर लगाएंगी पहले जखम लगाती हैं जखम पर ऑइंटमेंट लगाने के लिए दिया जाता है तो वो नहीं लगा आपसे कल्पना ने फिर से एक बसी अंदाज में इससे बात की और गीतिका इस बार मुह बनाए बैठी रही लाइ दीजिए मुझे कल्पना ने उसके हाथ से टमेंट छीन लिया और टमेंट से अपनी उंगली पर निकाला और गीतिका के जखम पर डायरेक्ट लगा दिया डायरेक्ट लगा लेने की वजह से गीतिका थोड़ा सा चिल्लाई आ जलता है ये हा तो जले गई ना काटा जो है आपने जब काट सकती है तो जलाओ अभी फील करिए बर्दाश्त करिए जलता है ये कल्पना ने गुस्सा आए अंदाज में और बन को का कैप लगाया और वापस से बॉक्स में रख दिया वहां पर एक कॉटन का एक कॉटन का क्या कहते हैं उसे यार याद नहीं आ रहा मुझे पैच है उस पैच को उठाया उसके जखम पर लगाया और हल्का सा दो बार उसमें बैंडेज कर दिया पट्टी जो होती है और एक हल्की सी गांठ लगा दी गांठ लगाते हुए वो खड़ी हो गई बस दो मिनट का काम है आप इसको 15 मिनट से लेकर बैठी हुई है सच में कितनी केरलेससवीडियो ऑलमोस्ट जैसा कि मैंने कहा रेडी हो गई थी तो चाय वो कप्स में निकाल लेती है कप्स में निकालने के बाद सबसे पहले वो अम्मा और रवि को कप पकड़ाया आती है क्या हुआ बेटा अम्मा ने कल्पना से सवाल किया कुछ नहीं हुआ अम्मा आपकी चती ने अपना पैर कट कर लिया और किचन में उनको क्यों जाने दिया आपने व चाय बनाने गई चीनी खत्म कर दी क्या हुआ बेटा अम्मा इसकी बात सुनकर थोड़ा सा परेशान आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है वो ठीक है बस उनके पैर में हल्का सा कट लग गया है आप चाय पीजिए मैं उन्हें देखती हूं दोबारा से अपना मुंह बिगाड़ा कल्पना ने और किचन की तरफ बढ़ गई किचन की तरफ बढ़ लेने के बाद उसने चाय को दो कप में बांटा और जो चाय का पेन था टी पन उसे डिशवा शर या क्या कहते हैं उसे सिंक आई थिंक यही कहते तो उसमें रख दिया और उसमें पानी डाल दिया चाय एक बूंद भी चूल्हे पर नहीं गिरी है ना वहां एक चाय की एक चाय की पत्ती का दाना है ना चीनी का दाना है यह चीज गीतिका नोटिस कर रही है और चाय को कप में लेने के बाद आपको यही चाय पीनी है या बाहर जाना है नहीं मुझे बाहर जाना है आपके साथ मुझे चाय वाई नहीं पीनी हां ठीक है तो जाइए किसने रोका है आपको गो कल्पना ने बेबाकी से उसे जाने के लिए कह दिया उसी बेबाकी से वह सेल्फ से नीचे उतर गई और यह भूल गई कि उसके पैर में चोट है जैसे ही वह नीचे उतरती है उसकी चोट पर प्रेशर पड़ता है और एक बार फिर से गीतिका आ उसके मुंह से ये आवाज निकल जाती है ना आप तो बहुत ब्रेव है ना जाइए हद होती है किसी भी चीज की हद होती है कल्पना ने अपने हाथ में थामे हुई कप को सेल्फ पर रख दिया और गीतिका को उठा लिया जी हां गीतिका को अपनी बाहों में उठा लिया बाहों में उठाते हुए वह बाहर लिविंग रूम की तरफ बढ़ गई गीतिका उसे बहुत हैरानी से देख रही है कि इसने क्या किया बाहर ले जा रही है बाहर तो अम्मा और रवि बैठे हुए हैं क्या हुआ बेटा क्या हुआ यह देखकर कि गीतिका को उठाते हुए कल्पना लेकर आ रही है रवि अपनी जगह से खड़ा हो गया बैठिए रवि बैठिए बैठ जाइए ज्यादा व करने की जरूरत नहीं है और अम्मा मैंने आपसे कहा ना आप बैठे रहिए गीतिका को लेकर आते हुए ही कल्पना इन सबको यह ऑर्डर दे रही है व फट से इन दोनों के पास आती है और सोफे पर जस्ट लाइक पटक देना होता है ना वैसे गीतिका को अटक देती है गीतिका जो है वह अब क्या ही करें पैर में उसने चोट लगवा ली है अपनी अब तो उसे भाव उठाने ही पड़ेंगे कल्पना के और व जो कर रही है बड़ा क्यूट है लेकिन वही अभी वो चर्चा हुई नहीं है ना दिलों में तो यह थोड़ा सा ऑकवर्ड लगेगा तो बस यही है अम्मा को गीतिका कुछ नहीं हुमा बस थोड़ा सा कट लगा है हां बताइए बताइए इन्हें मेरी बात पर तो यकीन है नहीं यह कहकर कल्पना वापस किचन में जाती है किचन से दो कप जो उसने वहां रखे हुए थे एक अपना एक गीतिका का वो लेकर आती है और गीतिका के सामने टेबल पर रख देती है और अपना कप लेकर अम्मा के पास बैठ जाती है उसी अंदाज में बैठती है अपने लेफ्ट पैर पर अपना राइट पैर रखती है अपनी गर्दन को ऊंचा करती है और अपनी कप से चाय का सिप लेती है चाय का एक सिप लेने के बाद वापस से वो को अपने दोनों हाथों में पकड़ लेती है जैसे उसके अपने उसे अपने हाथों को गर्म करना है चाय तो बहुत अच्छी बनाई है बेटा अम्मा ने एक सिप लेते हुए गीतिका की तरफ देखकर कहा हां हां आप तो वही देखेंगी चाय उन्होंने नहीं बनाई है चाय मैंने बनाई है चाय बनती है इनसे जार तोड़ देती है कल्पना ने गीतिका की तरफ देखकर कहा गीतिका कुछ नहीं कह पा रही पहली बार वो शायद अपने शब्दों को ढूंढ रही है क्योंकि सच में उसी से जार टूटा है और घर भी तो दूसरे का है पहली बार वो किसी के किचन में गई और इसने शीशे का जार तोड़ दिया अभी यहां बहुत सारे ऑप्शन उठ सकते थे शीशा जो टूट जाता है उस बड़े सवाल उठते हैं बाय द वे कोई उसे नेगेटिव रूप में लेकर जाता है तो कोई पॉजिटिव रूप में लेके जाता है बाय द वे आप क्यों मुझे डिस्ट्रक्ट करते हैं स्टोरी पर आइए यह लोग अपनी बातें करते हैं और चाय पीते हैं चाय पीते पीते गीतिका जब गीतिका जाय का पहला सिप लेती है हाय क्या ही कहे उसका दिल एक बार और नौक करता है चाय के टेस्ट से मैंने कहा था ना चाय लजीज बनेगी चाय बहुत लजीज बनती है चाय का एक सिप लेते हुए पूरे सिप को फील करती है फील कर लेने के बाद कल्पना को देखती है जिसके होठ मुस्कुरा रहे हैं क्योंकि वह अपनी अम्मा से बात कर रही है और उसकी आंखें कुछ चमक रही है और यह जो उसका भाव है चेहरे का व शायद गीतिका पहली बार देख रही है और वह बहुत खुश हो रही है उसके चेहरे को देखकर उसकी चाय को पीकर जैसे कि उसकी उसके लिए सिर्फ उसी के लिए कल्पना नहीं चाय बनाई है लेकिन ऐसा नहीं है तो यह लोग अपनी अपनी चाय खत्म कर लेते हैं खत्म कर लेने के बाद रवि इन लोगों से इजाजत ले लेते हैं कि उन्हें घर जाना है उनकी नन्ही परी उनका इंतजार कर रही होगी अम्मा रवि से कहती है नन्ही परी को लेकर आना किसी दिन कल्पना भी कहती है बहुत वक्त हो गया है उससे मिले तो लेकर आइएगा रवि उनकी हां में भर देता है और चले जाते हैं व अपने घर के लिए बाकी जब वो देखती है गीतिका की ये भी गए तो वह उठने की कोशिश करने लगती है कहां उठ रही हां अम्मा ने गीतिका से कहा अम्मा वो घर जाना है ना टाइम हो गया है काफी और आपको तो पता है अमा वली का मौसम कभी बारिश होने लगती है तो कभी बर्फ और अंधेरा होना शुरू हो जाता है हां मुझे मालूम है बेटा लेकिन तू कहां जाएगी इस वक्त और पैर में तेरी चोट लगी है तो यही ठहर जा जब अम्मा यह कहती है तो कल्पना अपनी आख बड़ी कर कर अम्मा को देखती है कि नॉट अगेन प्लीज अपने मन में कहती है और गीतिका कल्पना को देखती है कल्पना उसे देख ही नहीं रही नहीं अम्मा मैं जाती हूं और यह कहकर व उठने लगती है लेकिन जब वह अपना उस पैर पर अपना प्रेशर डालती है वापस से व सोफे पर बिखर आई बिखर नहीं बैठ जाती है बैठने के बाद उसे समझ में आता है कि चोट जरा अंदर तक लग गई है क्या हुआ क्या हुआ बेटा और दर्द हो रहा है अम्मा जब ये यह बात कल्पना के कान में जाती है तो गीतिका को देखने लगती है लगता है डीप हो गया है आपका कट जाइए और दो कांच पड़े होंगे उन्हे भी घुसा लीजिए अपने पैर में कल्पना ये सीधे-सीधे लफ्जों में सीधे-सीधे शब्दों में कह नहीं बेटा ऐसा नहीं बोलते अम्मा कल्पना से कहती है अम्मा यह क्या बच्ची है क्या पांच साल की उम्र है इनकी 10 साल के बच्चे भी इस तरह नहीं करते इन्होंने ही जार गिराया है और फिर उसी के कांच के टुकड़े पर ये खड़ी हो जाती है ऐसा थोड़ी कोई करता है दिमाग ही नहीं है इनके अंदर कल्पना लगातार तीन चार बातें बोल जाती है और उसकी बातें सुनकर गीतिका का दिमाग फिर गर्म हो जाता है और वो खड़ी हो जाती है अपनी उस दर्द पैर से ही और जाने लगती है बेटा उसकी बात का बुरा नहीं मानो बैठ जा बैठ जा नहीं अम्मा मैं मुझे जाना है बैठ जाइए मुझे जाना है जाना ही था तो आपको पहले बोलना था रवि आपको छोड़ आते आपके घर कुछ काम आपको टाइम पर नहीं होता
(34:21) है कुछ काम कोई भी बात आपकी टाइम पर नहीं आती आपके दिमाग में कल्पना उसे कंटीन्यूअसली डांटे जा रही है डांटे जा रही है बेटा जाने दो जाने दो बच्ची है गलती हो जाती है कोई बात नहीं जाने दो और हां गीता तू नहीं जाएगी कहीं तू यही रह सुबह चले जाना इस बार गीतिका अम्मा की बात को बात बार गर्दन हिला देती है और आप ज्यादा स्टेट मत लीजिए मना किया है ना डॉक्टर ने आपको हां इस बार कल्पना के चेहरे पर थोड़ी सी घबराहट थी केयर वाली जो फीलिंग होती है जो भाव होता है वह था चलिए मैं आपको आपके रूम में छोड़ देती हूं आप वहां आराम करिए और खाना मैं वही लेकर आऊंगी ठीक है अम्मा चलिए उठिए अम्मा को एक हाथ का सहारा देकर कल्पना उठा लेती है और उन्हें अपने रूम में ले जाती है बेड पर बिठा देती है अच्छे से और ब्लैकट ब्लैकट जो है वो कवर कर देती है उनके पैरों पर बेटा उसका भी ध्यान रख पैर में चोट लगा ली उसने उसे मेडिसिन वगैरह टेबलेट वगैरह दे देना हां उसे जाने मत देना अमा बहुत ही सहज शब्दों में कल्पना से कहती है हां हां ठीक है आप उनकी टेंशन मत लीजिए आप चुपचाप से आराम करिए आपको इजाजत नहीं है उनकी टेंशन लेने की चलिए कल्पना यह कहकर सब खिड़की चेक वैक कर लेती है प्रॉपर्ली लॉक्ड है कि नहीं है पर्दे वर्दे सब और यह सब कर लेने के बाद वह रूम की जो लाइट्स है वह ऑफ कर देती है जो डिम लाइट है उन्हें चालू रहने देती है और दरवाजा जो है वह लॉक नहीं करती बस बंद करके बाहर आती है तो आप यही रात गुजारने वाली है या रूम में जाएंगी नहीं मैं यही ठीक हूं ठीक है यही ठीक हो तो यही ठीक रहिए बेटर है आपके लिए मैं ब्लैंकेट देके लेकर आती हूं आपके लिए नहीं वह भी मैं ले लूंगी खुद गीतिका ने चिड़ते हुए कहा हां आप सब कुछ कर सकती है ठीक है ले लेना ओके ये कह के कल्पना सच में स्ट्रेटली अपने रूम की तरफ बढ़ जाती है गीतिका ने एक्सेप्ट नहीं किया था कि ये य सच में चली जाएगी न जाने क्यों कीति काने य उम्मीद की जबक उसे मालूम है और उसी के हिसाब से कल्पना सबसे एरोगेंट लेडी है तो फिर क्यों उसने यह उम्मीद कर ली कि वह नहीं जाएगी कल्पना चली जाती है अपने ड अपने रूम का जो डोर है वो बंद कर लेती है और अपने बेड पर बैठ जाती है और मुस्कुरा देती है गीतिका की आज की सारी हरकतों पर उसे हंसी आती है सच में ब्रेनलेस है पैर में चोट लगवा ली क्या ही कहा जाए यह कहकर वह अपने बेड पर आधे रूप से लेट जाती है और तभी जो है उसके फोन पर रिंग होता है और वह फोन उठाती है अपने चेहरे के सामने करती है और और उसमें नाम फ्लैश हो रहा है एसीपी उमरान वो फट से फोन कान पर लगा लेती है हां जी बोलिए इमरान साहब पांडा लीड मिली है एक यह सुनते ही कल्पना सीधी हो जाती है उसका बैक जो है व बिल्कुल सीधा हो जाता है हां क्या लीड है लीड यह है कि उन तीनों में से एक हमारी टीम के हाथ आ गया है लेकिन उसे रिकॉग्नाइज जो उस दिन उसके सामने आए थे उ उनको करना होगा क्योंकि वो साफसाफ इंकार कर रहा है कि वह वहां मौजूद था और उस मुठभेड़ में उस इंसीडेंट में वह शामिल था ओके ठीक है एसीपी मैं बात करती हूं जो लोग वहां थे लेकिन एक सेकंड एक सेकंड उस जगह पर सीसीटीवी भी तो होंगे उनकी फुटेज में क्या है इसकी चेहरा नहीं है इनका नहीं पांडा उस फुटेज में इसका चेहरा कहीं नहीं है लेकिन हमें सोर्सेस से पता लगा कि यह शामिल है लेकिन यह बिल्कुल मना कर रहा है इंकार कर रहा है हमें तीन कैमरे की फुटेज मिली है जिसमें यह दिख नहीं रहा और जो बाकी के जो दिख रहे हैं लोग वो उनको यह रिकॉग्नाइज करने से मना कर रहा है कल्पना कुछ देर सोचने लगती है ओ ओके ठीक है मैं बात करती हूं एसीपी इमरान क्या वो अभी आप लोगों के पास है मतलब कि अभी आना होगा मुझे किसी को लेकर हां पांडा अगर अभी आ सको तो मच बेटर और फिर हम आगे की कारवाही जल्दी कर सकेंगे और वो तीनों जो हैं वो हमें जल्दी हासिल हो सकेंगे ओके और कल्पना को तो बहुत जल्दी है उन तीनों को ढूंढने के लिए ठीक है एसी इमरान मैं जर्नलिस्ट को लेकर पहुंचती हूं जर्नलिस्ट जर्नलिस्ट का नाम सुनकर रान ने ना जानने वाले भाव से उसका नाम लिया क्योंकि उसको नहीं मालूम तो हां आप नहीं जानते उन्हें मैं लेक लेकर पहुंचती हूं आप मैं आपको 10 मिनट में कॉल करती हूं आल कॉल यू बैक ओके एंड थैंक यू और कल्पना जो है यह कहकर फोन कट कर देती है फोन कट करने के बाद वो बाहर जाती है और और वो कोई नहीं गीतिका है गीतिका ने शायद उन तीनों को बहुत अच्छे से रिकॉग्नाइज किया हुआ है तो अब इसको गीतिका की हेल्प की जरूरत पड़ने वाली है तो तो यह कल्पना जो है वह बाहर आती है लिविंग रूम में और देखती है गीतिका जो है वह लेट गई है और व से ही उसका लेटने का जो फेवरेट अंदाज है दोनों हाथों को बांधकर अपने गाल के नीचे रख लेना और अपनी नीज को फोल्ड कर लेना तो ऐसे ही गीतिका लेटी हुई है या सो गई है यह तो तभी पता चलेगा जब कल्पना उसके पास जाएगी क्योंकि अभी वह सोफे के बैग से उसे देख रही है तो आज के लिए इतना ही रखते हैं ये जो खट्टे मीठे पल है इन लोगों के उन्हे एंजॉय करिए खुले दिमाग से सुनिए और देखते हैं आगे क्या होता है अभी तो इसके पैर में चोट है इसको ही लेकर जाना है कल्पना इसे कैसे हैंडल करेगी कैसे इसे समझेगी और गीतिका जो कल्पना के सीधे-सीधे शब्द है उन्हें कैसे बर्दाश्त करेगी बहुत मुश्किल है
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