Wings of Destiny Part 5

  तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत में यकीन कर अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है 

हमारे कारवा का मंजिलों को इंतजार है यह आंधियों यह बिजलियां की पीठ पर सवार है 

जिधर पड़ेंगे यह कदम बनेगी एक नई डगर अग अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है 

जमी के पेट पे पली अगन पले ये जलजले टिके ना टिक सकेंगे भूख रोग के स्वराज ये मुसीबतों के सर कुचल बढ़ेंगे एक साथ हम अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है बुरी है आग पेट की बुरे हैं 

दिल के दाग ये ना दब सकेंगे एक दिन बनेंगे इंकलाब ये गिरेंगे जुल्म के महल बनेंगे फिर नवीन घर अगर कहीं है स्वर्ग तो उतार ला जमीन पर तू जिंदा है तू जिंदा है तो जिंदगी की जीत में यकीन कर अगर कहीं स्वर्ग तो उतार ला जमीन  पर यह शैलेंद्र जी की कविता की कुछ पंक्तियां 

 अब थोड़ा सा 2 ओ क्लक घूमा जाए चलिए घूम लेते हैं कल्पना वहां से अपने कदम निकाल लेती है चौपर भी जो है इनके सर से उड़ जाता है हवा हो जाता है यहां से निकल जाता है गीतिका कहती है चौपर निकल जाने के बाद देखा तूने देखो इस एरोगेंट लेडी को देखा किस चीज का गुरु है इसे किस चीज का मैं देख लूंगी इसे तो अन कहती चुप र यार कैसी बातें कर रही है तू शी सेव्ड यू मैन बस कर दे तो सूरज कहता है हां वो अनू की बातों को वो करता है एक्सेप्ट करता है अनू की बातों को मानते हुए उसे कहता है हां तो गीतिका कहती चुप रहो तुम दोनों पता नहीं पता नहीं उसने क्या घुट्टी पिला द सबको जिसको देखो उसी की साइड लेता रहता है तो अन्नू जो है वो तो पहले खुद खड़ी होती है इसकी बात को सुनते हुए खुद खड़ी होकर गीतिका को हाथ देती है खड़े होने के लिए और कहती है चल अब खड़ी हो जा तो  गीतिका जो है इसके हाथ को झटक देती है अपने हाथ से और फिर कहती है कि मुझे नहीं चाहिए किसी का हाथ और वो खुद खड़ी हो जाती है दूसरी तरफ कल्पना यहां से निकलकर जब बाहर की तरफ बढ़ती है तो रुक जाते हैं उसके कदम उसकी नजर का जो रिफ्लेक्शन जैसे उसके कदमों पर पड़ गया हो और वह रुक गए हो वह देख रही है कि घायलों को कैसे सहारे के जरिए एक प्लेस से दूसरे प्लेस ले जाया जा रहा है जबकि वह खुद यह करके आई है और इससे कहीं डेंजरस सिचुएशन में करके आई है लेकिन यह अब इस मंजर को कैप्चर कर रही है अपने दिमाग में अपनी आंखों में तो यह देख रही है कि कोई होश में है कोई बेहोश है किसी को अपने दर्द की खबर है किसी को अपने दर्द की खबर ही नहीं है तो कोई किस किसी भाव के साथ ही नहीं है जो एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा रहा है किसी और की मदद से लेकिन उसमें उसकी बॉडी में कोई भाव ही नहीं है आप समझ गए होंगे तो यह हालात है यहां तभी वह अपने दो कदम आगे लेकर कहती है क्या यहां चाय पीने आई हैं आप फोन रखिए चलिए जल्दी कीजिए टाइम वेस्ट मत कीजिए फोन रखिए आपके पास दिमाग नाम की चीज नहीं है आई एम श्यर होगा अगर नहीं होता तो आप इस प्रोफेशन में नहीं होती जब काम करने का मन नहीं है आपका तो यहां आप आए क्यों हैं यह  कल्पना के वर्ड हैं एक्चुअली कल्पना के सामने एक नर्स है जो स्टेचर पर लेटे हुए मरीज को ना देखने की बजाय अपने फोन पर किसी से बात कर रही है कल्पना अपनी बात को आगे बढ़ाती है इसे देखते हुए कहती है जब अपने प्रोफेशन की सीरियसनेस को आपको समझना ही नहीं है जब आप समझ ही नहीं सकती हैं तो क्यों वेस्ट की है एक डिजर्विंग पर्सन की जगह क्यों आई है आप यहां इन सब में यह जो कल्पना इससे बोल रही है नर से इन सब में गीतिका अनु सूरज अपने कदम इस तरफ ले लेते हैं और थोड़ी दूर पर खड़े होकर इन दोनों को य इन तीनों को यह नजारा जो है दिख जाता है अब कल्पना दोबारा कहती है आपको शर्म नहीं आती एक पर्सन एक मरीज अपनी सांसों से लड़ रहा है अपनी जिंदगी से लड़ रहा है दर् से करा रहा है और आपके कानों में इसकी आवाज नहीं जा रही है हा मेरा मुंह क्या देख रही है आप चलिए टाइम वेस्ट मत कीजिए अपना काम शुरू कीजिए वह अपने हाथ से भी इशारा करती है उस नर्स से कि पेशेंट को देखे उसकी केयर करें उसको क्योर दी जाए और यह सारा एक्शन यह तीनों दूर खड़े होकर देख रहे हैं मगर विदाउट अ साउंड बस ये एक्शन देख रहे हैं कल्पना के हिलते हुए होठ देख रही है गीतिका कल्पना के चेहरे का एक्सप्रेशन देख रही है जो गुस्से में है जो उसे एरोगेंट लगेगा आई एम श्यर तो इस पर गीतिका बोलती है इन दोनों से सी सी तुम दोनों ही सो कॉल्ड तुम दोनों की सो कॉल्ड हॉट स्क्वाड्रन लीडर कितनी घमंडी है कितनी एरोगेंट है कितनी गुरूर वाली है इसके अंदर देख लो इससे बात करने की तमीज नहीं है अपने छोटों से और तुम इसी के गुणगान गाते रहते हो तो अनू कहती है तो यह कैसे बोल सकती है चुप रहना अब गीतिका अनु की बात का जवाब देती है क्या सच में अनु तुझे दिख नहीं रहा वह किस तरह से एक नर्स से बात कर रही है हां यू कांट सी या फिर तू देखना ही नहीं चाहती सी एरोगेंट वुमन  मैन तो अनू कहती बस कर यार बस कर तू क्यों एक तरफ देख रही है बस कर अब इनकी बातों के बीच में कल्पना वहां से निकल चुकी है यह तीनों आपस में बात कर रहे हैं कल्पना व से निकल गई अपनी टीम के साथ व बेस के लिए निकल जाती है जब यह लोग कैप करने यहां कैप करके यहां से निकलते हैं तो अभिनव अपने पास बैठी परेशान दिख रही कल्पना से बोलता है कि पांडा इतनी उखड़ी हुई क्यों है क्या फिर कोई ऐसा मिल गया जिसने अपना काम नजरअंदाज किया हा केरलेससवीडियो जिसे काम नहीं कुछ और इंपॉर्टेंट लगा होगा द बिस्ट रीजन इ नेगलिजेंस अभी उसकी बात के बाद उसकी बात का जवाब देता है कि तेरी एक एक बात ठीक है पांडा पर वट व डू कल्पना कहती है यह लाइन मुझे बहुत तंग करती है व्ट वी डू बस यही बोल के हाउ कैन वी स्केप हा र के बाहर के दुश्मनों को तो बड़ी आरामीणता है पकड़ा जा सकता है बट व्ट वी डू व्ट वी टू डू विथ द इनसाइड क्या करें हम जो काम हम पे है एटलीस्ट अगर वो हम ऑनेस्टी के साथ करें ईमानदारी के साथ करें तो क्या नहीं क्या सिर्फ हम अपना काम नहीं देख सकते अगर हर यही सोचे हर इंसान यही सोचे कि उसे अपना काम ऑनेस्टी से करना है तो क्या यही तस्वीर बनेगी इस देश की य जो टरमाइट है य अंदर से देश को खत्म कर रहे हैं और हम सिर्फ यही लाइन कहकर निकल जाते हैं व्ट वी डू कब समझ जाएगा इन् नहीं कि देशभक्ति सिर्फ आर्मी नेवी या एयरफोर्स की जिम्मेदारी नहीं ना ही इन पर हम पर यह लगाकर छोड़ सकते हैं हर देशवासी पर लगा है इस देशभक्त का चिन्ह तो यह देशभक्ति हर देशवासी की होगी होनी चाहिए क्योंकि देश के दुश्मन बाहर से ज्यादा अंदर है क्यों नहीं समझ आता यह किसी को भी या यह कहकर वह परेशान हो जाती है तो अभी कहता है कि अगर यह इन्हें समझ आ जाए पांडा तो क्या तू बता तो क्या ऐसे हाथ से होते  फिरेंगे और क्यों क्यों फिरेंगे ऐसे हाथ से होते कोई बच्चा भूखा क्यों सोएगा और क्यों भगवान के दर्शन के लिए अलग-अलग लाइंस बनाई जाएंगी क्यों कोई मरीज बिना दवाइयों के मर जाएगा हां यह पुलिस जो इन अनपढ नेताओं की उंगलियों पर नाचती है जिसे देश की अंदरूनी रक्षा के लिए बनाया गया है तैयार किया गया है वह अगर यह समझ जाए तो क्या यह जो हो रहा है क्या वह होगा क्या वह होगा क्या वह मुमकिन होगा अगर वह अ काम समझ ले तो बात ही क्या हो हां मगर ऐसा नहीं है कि सभी लोग ऐसे हैं मगर ऐसा नहीं है कि 10 लोगों के समूह में आठ लोग ऐसे हैं नहीं चार लोग तेरे  जैसे भी हैं हां कुछ लोग हैं जो देश को ऊपर रखते हैं सबसे पहले अपने काम को ऊपर रखते हैं जैसे तू तो यह देश है ना आगे और यह देश हमेशा आगे रहेगा क्योंकि ऐसे लोग हमेशा रहेंगे अब अभी नव के इतनी बड़ी लाइनस इतनी सारी लाइन को पूरा हो लेने के बाद कल्पना कहती है यर राइट और जैसे तू तू अपने आप को कैसे भूल जाता है हम हवाई दुश्मनों को तो खत्म कर देंगे और करते आए हैं मगर जमीन में र वाले जमीन में रहने वालों के बीच में रहने वाले जो एक अलग ही खतरा है हमारे देश के लिए उन्हें कैसे खत्म किया जाए तो अभी कल्पना की बात का जवाब देते हुए कहता है

डोंट वरी पांडा पापा कहते हैं हमेशा कहते हैं के अपना दिल अपने कर्मों से स्वेत रखना अपनी नजरें अपने दिमाग को तलवार की तरह तेज र जीत जाओगे हर बाजी बस अपने अंदर राम जैसा विवेक रखना यह मेरी लाइंस है तो डोंट कॉपी पेस्ट करने की कोशिश भी मत करना यह सुनकर बैक टू द स्टोरी यह सुनकर कल्पना के चेहरे पर एक ठहराव आ जाता है एक मुस्कुराहट आ जाती है वह अपने ग्लासेस अगेन अपने आंखों पर लगाती है जो उसकी फेवरेट चीजों में से एक है और कहती है हम तभी तो तुझे अपना नेविगेटर रखा हुआ है मैंने कल्पना की यह बात सुनकर यह दोनों हंस पड़ते हैं फिर कल्पना दोबारा कहती ट्स  वाई योर डैड इज माय क्लोज यार तो अभी मुस्कुरा कर कहता है हां आज सुबह ही पूछ रहे थे व तुझे और यह दोनों अपनी बात करते हुए कुछ देश की कुछ निजी कुछ मोटिवेशन की यह लोग अपने बेस की तरफ आगे बढ़ जाते हैं यहां गीतिका मेडिकल रिलीफ जहां दी जा रही है वहां पहुंचती है आफ्टर ऑल पत्रकार है हर जगह की पत्रकारिता करेगी पॉइंट नोट करेगी व वहां जाती है और पाती है कि किस तरीके से लापरवाही है वह इन सबके बारे में एक डॉक्टर से पूछ लेती है लापरवाही इन द सेंस चीजें नहीं है और चीजें हैं तो उस स्तर पर नहीं है जो स्तर पर होनी चाहिए तो यह गीतिका इसके बारे में एक डॉक्टर से पूछ लेती है और उलझ जाती है उससे अगर मैं यह कहू तो गलत नहीं होगा उस डॉक्टर का यह कहना होता है कि यह सारे इक्विपमेंट दवाइयां इंस्ट्रूमेंट चीजें जो भी ड्रेसिंग का सामान है यह सारी चीजें स्ट्रेचर यह सब देखना यह सब प्रोवाइड करवा और मुहैया करवाना उसकी जिम्मेदारी नहीं है डॉक्टर का यह कहना होता है गीतिका से गीतिका इस चीज पर भड़क जाती है इस डॉक्टर पर एक आर्गुमेंट कर लेती है उसके साथ और भगवान का शुक्र है कि यह डॉक्टर जो है वह कल्पना के सामने नहीं आई लेकिन कुछ कम नहीं है गीतिका भी व भी इससे थोड़ा सा हाईली ही आर्गुमेंट कर लेती है अन इस आर्गुमेंट को रुकते हुए अनु और सूरज गीतिका को समझाते हुए यहां से ले जाते हैं यह लोग अपनी गाड़ी के पास पहुंचते हैं तभी अनु कहती है कि शांत हो जागी तू क्या हो गया यार तुझे आज हां तो गीतिका कहती है मैं नहीं जानती मुझे क्या हुआ है और तू नहीं समझ रही मुझे क्या हुआ है ये सारी चीजें देख रही है तू अपनी नजरों के आगे कोई अपनी सांसों से लड़ रहा है कोई अपने दर्द से लड़ रहा है किसी को कोई होश ही नहीं है और कोई तो लड़ने लायक ही नहीं है पर त मुझसे पूछ रही है कि क्या हो गया है हां मैं इस डॉक्टर को भी नहीं [संगीत] छोडूंगी तो ये वर्ड्स होते हैं गीतिका के और वो कार में से अपनी एक टीशर्ट जो उसने सीट के पीछे रखी हुई है वो निकाल कर पहन लेती है यह लोग अपना जुगाड़ लेकर चलते हैं तो यह लोग भी अब कार में बैठकर अपने न्यूज ब्रांच ऑफिस के लिए निकलते हैं और वहां हमारी एयर बास टीम जो है वह बेस पहुंचकर सीओ सर के साथ एक मीटिंग पर है कल्पना वहां भी यह बात उठाती है और रखती है अपनी कि यह जो इतने बड़े स्तर पर यह जो डिजास्टर हुआ इंसिडेंट डिजास्टर ही कहेंगे इसे तो वह अपनी बात को रखती है और और ये सुर्खियां बन चुकी है अब सिर्फ गीतिका ही क्या और कल्पना ही क्या पूरी वैली में यह सुर्खिया बन चुकी है कि इस  जगह यह इंसिडेंट हुआ है और मजदूर जो है इसमें फस गए हैं कई मजदूरों की जान चली गई है कई अपनी जान के लिए लड़ रहे हैं तो यह पूरा फैल चुका है वैली में यह खबर तो इसी बात को कल्पना अपनी सीओ सर के साथ जो मीटिंग है इनकी उस पर उठाती है और वो सवाल सिस्टम पर कर देती है और फिर कहती है कि गलती सिस्टम के है लेकिन यह अपनी गलतियों को आप किसी और पर थोप यह सब सारी चीजें इनमें होती है तो सीओ सर उसे समझाते हैं और काम करवाते हैं रिलैक्स होने के लिए कहते हैं क्योंकि यह ऐसी चीजें यह देखते रहेंगे और देखते आए हैं कल्पना ने कुछ कम नहीं देखा है आगे आगे चलिए देखते हैं उसके बाद सीओ सर के काम करा देने के बाद ये जो टीम है वो बाहर आती है थोड़ा स्माइल थोड़ा मजा जा थोड़ा अपने आप को चेयर अप करते हुए क्योंकि यह बहुत जरूरी है तो कल्पना बीच में कहती है कि मुझे हॉस्पिटल जाना है आप लोग कर करते रहिए बातें तो अमेज कहते हैं कि क्या हुआ पांडा सब खैरियत तो कल हां हां वो रवि साहब है ना उनके घर नया मेहमान आने वाला है तो अभी बोलता है क्या बात कर रही है तो हम भी चलते हैं भाई तो बैट साहब कहते हैं रोजा पीछे से भागते हुए आते हुए कहते हैं तो कल्पना कहती है ओके ओके लेट्स गो तो यह बदमाशों की जो उड़ान वाली टोली है वह हॉस्पिटल पहुंचती है वहां रवि कल्पना के पास आकर कहता है मैम आप यहां तो कल्पना जी हम सभी यहां और हम सभी यहां अपने न्यू मेंबर से मिलने आए हैं कहां है भाई तो अभी जो है वो कहता है कि अरे जल्दी बताइए तो रवि कहते आइए चलिए तो जो रवि जी है रवि जी याद है ना आपको कल्पना के ड्राइवर जी हां तो अब रवि इन चारों को अपने साथ लेकर जाते हैं और यह सब एक नन्ही सी जान जो इस दुनिया से दूर दूर तक बेखबर गहरी नींद में सोई हुई है तो इन सब की नजर उस पर पड़ती है अमेज के मुंह से निकल जाता है आवाज स्लो रखिए देखिए तो सही कितना क्यूट बच्चा है तो बैट कहता है कि यस बिल्कुल मेरी तरह तो अमेज कहता है अरे बोला ना आवाज स्लो रखिए तो कल्पना कहती हां बिल्कुल और वह अपने होठों को दबाकर जो हंस रही है व शायद कुछ समझ रही है तभी जो है व रवि साहब बोल पड़ते हैं कि यह कल्पना मैम की तरह है तो अभी रवि की तरफ देखकर कहता है कि क्या मतलब कल्पना उस बच्चे के पास जाती है तो कल्पना अपने हल्के हाथों से हल्का दबाव डालते हुए उस बच्चे को अपनी गोद में उठाकर कहती है अरे बेवकूफ अभी दिस इ अ गर्ल तो बैट कहता है मुझे भी देना पांडा प्लीज तो कल्पना कहती वेट मुझे तो देख लेने दो इस नई उड़ान को कल्पना उस बच्चे को बहुत प्यार भरी नजरों से देखती है और उसके माथे को चूम लेती है और फिर कहती है लीजिए रवि साहब आपकी तो सुन ली भगवान ने यह कहते हुए वो बैट को पकड़ा देती है बच्ची को और बड़े हल्के हाथों से पकड़ती है और उसे भी कहती है कि हल्के से पकड़ना और रवि की जो वाइफ है उनकी तरफ बढ़ जाती है कल्पना और उनके पास जाकर बैठकर कहती है कि कैसी हैं आप तो रवि की वाइफ कहती है कि मैं ठीक हूं मैडम तो कल्पना कहती है कि कितनी बार कहा मुझे मेरे नाम से पुकारा कीजिए तो रवि की वाइफ कहती है नहीं मैडम अगर आप नहीं होती इतना ही कती तब तक कल्पना उन्हें रोक देती और कहती बस करिए बस करिए कुछ मत बोलिए आपको मैंने कितनी बार कहा है तो रवि कहता है कह दे कि वह सही कह रही है मैडम कह लेने दीजिए उसे अगर आप हमें इस हॉस्पिटल में हमारी मदद इतना कहते हैं रवि तभी कल्पना इनको भी रोक देती है बस कीजिए आप दोनों बस कीजिए सब भगवान करता है और वही करवाता है मानते हैं ना आप लोग तो बस और आप मेरी फैमिली है फैमिली के लिए कौन नहीं करता है रवि की वाइफ की जो प्रेगनेंसी है वो बहुत कॉम्प्लिकेटेड थी इतनी कि उनकी जान जाने का खतरा था और डॉक्टर्स ने पहले ही चेताया था और बड़े महंगे महंगे इंजेक्शन दवाइयां ट्रीटमेंट उनका बड़ा महंगा चला तो इन सबका जो वह सब हमारी कल्पना ने किया संभाला तो इसका आभार ये दोनों कल्पना को बहुत बहुत करते हैं रवि कहते हैं कि आपका आभार मैं जिंदगी भर नहीं भूलूंगा और मैं अपनी बेटी को बिल्कुल आपकी तरह बनाऊंगा यह सुनकर कल्पना के अंदर जैसे एक बहुत महत्त्वपूर्ण स भाव होता है और अपनी जगह से वह बच्चे की तरफ देखते हुए कहती है कि जरूर जरूर बनाइए मगर सबसे पहले इनकी मर्जी जरूर पूछिए क्या पता यह कुछ और बनना चाहे क्या पता इनका आसमान दूसरा हो क्या पता यह अपना आसमान खुद बनाना चाहे हां तो पहले इनसे पूछिए फिर अपना डिसीजन बताइएगा तो रवि कहता है कि जी मैडम बिल्कुल मैं कब से ड्यूटी पर जॉइन आ मीन ड्यूटी जवाइन करता हूं तो कल्पना कहती है कि बिल्कुल भी नहीं किसने कहा है आपसे हां कोई जरूरत नहीं है मैं सब मैनेज कर लूंगी कर सकती हूं भाई अपनी बुलेट में उड़ा सकती हूं जमीन पर अभी आपकी जरूरत यहां ज्यादा है और इन दोनों को ज्यादा है और इन दोनों को आपकी जरूरत आपका प्यार आपकी केयरिंग सब की है तो आप निश्चिंत रहिए और आप लोग चलिए यह चलिए वाला जो जुमला है जो डायलॉग है वह इन तीनों से कहती है और कहती है कि अब लिटिल प्रिंसेस को आराम करने दीजिए हा  तो तीनों एक साथ बोलते हैं कि रोजा और यह लोग बाहर आ जाते हैं और जब यह लोग बाहर आने लगते हैं तो कल्पना अपने कदम रोक लेती है और पीछे मुड़कर रवि के पास आती है और धीरे से कहती है कि रवि किसी भी चीज की जरूरत हो तो बेझिझक मुझे कॉल करिएगा समझे आप एक बार भी नहीं सोचिए और ख्याल रखिएगा दोनों का तो रवि बहुत विनम्र चेहरा बना करो जी मैडम यह कहता है और कल्पना भी अन अपनी टोली में शामिल हो जाती है और यह टोली अपने-अपने घर के लिए निकलती है वहां अपने कबि में जहां फटाफट ये तीनों काम करने में लगे हुए हैं अफरा तफरी में जा रख है गीतिका ने अपने रूम में अपनी कैब में तो गीतिका कहती है अनू अ तेरे पास जितनी भी फोटोज हैं उन सबको उन सबका टाइटल दे और मेरे पास ला जल्दी तो अनू कहती है ओके वो निकल लेती है फोटोस निकलवाने गीतिका अब सूरज से कहती है कि सूरज तू अपने पॉइंट दे जो तूने पॉइंट बनाया सूरज अपने पॉइंट निकाल कर इसे देता है यस और ये तीनों जो है वह कंटीन्यूअसली इसी तरह काम करने लगते हैं और कॉफी चाय के गिलास के छोटे-छोटे मीनार बना लेते हैं दोनों तभी गीतिका बोलती है कि डन इतने अंतराल इंटरवल लेते हैं भाई ऐसा नहीं है फटाफट काम करते वक्त भी तो आगे जाता है ना हा उसके बाद बोलती है गीतिका

गीतिका कहती है डन द आर्टिकल इ रेडी रेडी टू फ्लाई अनू यह कहती है तो अन की बात का जवाब देती रेडी टू फायर तो अनू कहती है ओ समझ गई मैं थक गए यार गीत तो गीत कहती है कि हां बहुत थक गए अब मेरी वाली कॉफी भी नहीं है तो यह दोनों बोल पड़ते हैं हां हां बिल्कुल भी नहीं है तो वितिका कहती ओके मैं लेके आती हूं गीतिका जो है वह अब कॉफी लेने चली जाती है यहां कल्पना अपनी बुलेट पर अपने घर पहुंचती है अम्मा से गले लग जाती है अम्मा कहती है तो ठीक है ना बेटा हां मैंने खबर देखी तो कल्पना कहती है कि आ यह खबर खबर बबर छोड़िए मैं बिल्कुल ठीक हूं

बस आपके हाथ की एक सेक्सी वाली चाय चाहिए जो बिल्कुल आपकी तरह होनी चाहिए बिल्कुल अंदर से हिला देने वाली इसकी बात सुनकर अम्मा जो है वह हंस देती है और कहती है बदमाश जा फ्रेश हो जा मैं ला लाती हूं तो कल्पना कह थैंक यू और वह चली जाती है थोड़े से इंटरवल पर ही इसे चाय मिल जाती है कल्पना को और इन तीनों को इन तीनों को नहीं इन दोनों को बिकॉज तीसरा तो कॉफी बनाने गया था इन दोनों को कॉफी मिल जाती है यहां चाय पीते हुए बाहर देखकर कल्पना आसमान की तरफ देखती है और आज के दिन का जो बड़ा ही शायद ही कोई चाहे कि उसकी जिंदगी में आए और आज के  दिन का सारा मंजर उसकी नजरों के सामने एक-एक करके आने लगता है तभी वह उस पल पर पहुंचती है जहां उसके चेहरे पर कुछ आया और वह अपने चेहरे पर कुछ महसूस करती है उसे महसूस होता है और वो वही फल होता है जब वह अपना चेहरा पीछे कर रही थी और उसे गीतिका का चेहरा दिखता है जब उसके बाल खुलकर उसके चेहरे पर आ रहे थे हवा में लहरा रहे थे उसके बाल और उसकी आंखों को परेशान कर रहे थे गीतिका का वह घबराता हुआ चेहरा जब वह हवा में थोड़ा सा ऊपर चली जाती है गीतिका का वो लिपटने का अंदाज जो कल्पना को बॉडी में कुछ तो फील करा गया था उसे वह दोबारा फील होता  है उस पल को वह दोबारा महसूस करने लगती है इससे पहले कि यह पल यह फीलिंग कुछ ज्यादा देर ठहरे कल्पना की बॉडी में वह अपने आप को शेक कर लेती है अपनी आंखों को बंद करके खोलकर अपने चेहरे को शेक कर लेती है और कहती है कि नहीं और उसके चेहरे का भाव बदल जाता है कल्पना कहती है ब्रेनलेस औरत है वो बिल्कुल नहीं और वो अगेन अपने चेहरे को एक झटका सा देती है जैसे हम कैसे देते हैं झटका देते हैं ना मुंह जब हम धोते हैं अपना पानी से तो किसी चीज का जो हैंग ओवर हो हैंग ओवर किसी चीज का भी हो सकता है अब गर्मी में तब 15 मिनट चल लीजिए तो आपको हैंग ओवर हो जाएगा तो बस जब पानी पर छपक से पड़ता है तो सारा हैंगओवर निकल जाता है तो बस वैसे ही व अपना चेहरा टकती है यहां इन तीनों में भी वार्तालाप होता है आज के मंजर का जिक्र होता है अनु से अनु पूछती है गीतिका से गीतिका तू वहां कैसे पहुंच गई थी तो गीतिका कहती है मैं मैं सिर्फ अपने पॉइंट कलेक्ट कर रही थी और मुझे ऐसा लगा किसी ने मुझे पुश किया मुझे धक्का दिया तो सूरज कहता है धक्का दिया क्या तेरे पास कोई था तो गीतिका कहती मुझे मैं उन सब चीज में इतना हो गई थी मैंने ध्यान नहीं दिया कि मेरे पास कौन था कौन नहीं मतलब मुझे अचानक से मैं अचानक से उस जगह पहुंच गई जहां से मैं नीचे सरकती हुई जा रही थी मैंने अपने आप को संभालने की कोशिश की बट मैं नहीं संभाल पाई वह जगह ही ऐसी थी तो अनू कहती है हां अगर कल्पना स्क्वाड्रन लीडर नहीं आई होती मेरी स्क्वाड्रन लीडर तेरा क्या होता गीतिका गीतिका चड़ जाती है और अपने अपना कप लेके वो बाहर विंडो की तरफ चली जाती है और तुम और तुम्हारी स्क्वाड्रन लीडर वो एरोगेंट लेडी व एरोगेंट वुमन अगर नहीं आती तो कोई और तो आता तो सूरज कहता कोई और कैसे आता वो वहां हमारे कहने पर दोबारा अपना चॉपर लेकर गई थी तो कहती हां और तूने तो हमें भी थैंक यू नहीं बोला यार तू उनको  एरोगेंट एरोगेंट करती रहती है तू खुद क्या है तो गीतिका कहती है तू सिर्फ दो बार मिली है उससे तू उसकी हो गई है पूरी य सालों से मैं तेरे साथ हूं तू तुम लोगों को क्या हो गया है तो अनू कहती तू नहीं समझेगी कॉफी पी अपनी और बाहर देख चल और गीतिका यही करती है अपना कॉफी का एक सिप लेती है और और बाहर देखने लगती है जब व बाहर देखती है तो उसे कल्पना केबल से लटकी हुई अपने सामने दिखती है और देखती है कि कैसे कल्पना ने उसे झटके से अपनी तरफ कर लिया अपने से चिपका लिया हुक बांध दिया और फिर कैसे वह डर गई थी जब चौपर ऊपर दूरी पर गया ऊंचाई पर गया और उस डर में उसने कल्पना को ही थाम लिया और इसे भी एहसास हुआ था जब इसने कल्पना को जोर से थाम लिया था या मैं यह कहूं कि उसके गले लग गई थी उसे अपना प्रोटेक्टर बना लिया था गीतिका को भी कुछ कुछ हुआ कुछ गुदगुदी टाइप और यह भी अपनी गर्दन शेक करती है और इस फीलिंग से बाहर आ जाती है और कहती है एरोगेंट औरत है वो गुरूर घमंडी श और वहां जो आसमान में देख रही है कल्पना उसकी नजर जो है आसमान से शिफ्ट होकर उसके सेल फोन पर पड़ती है जो बज रहा है और वह किसी और का नहीं दूर भाष का ही टेलीग्राम है तो फट से उठाकर कहती है कनेक्टिंग दूरभाष अब आगे से दूरभाष जी कहते हैं रोजर पांडा हाउ आर यू कल्पना बिना कोई टाइम वेस्ट करा करे हुए बोलती है कि य ल एवरीथिंग इज फाइन टेल मी द अ अपडेट प्लीज अपडेट करिए तो आगे से दूर भास जी कहते हैं कि पांडा यह जो आपकी दी हुई इंफॉर्मेशन के मुताबिक जिस चीज पर मैंने अपने टेलीस्कोप्स को लगाया था वह अलग ही सिनेरियो दिखा रहे हैं एक अलग पार्ट दिखा रहे हैं एक अलग ही तस्वीर पैदा कर रहे हैं तो कल्पना कहती है दूर भाष जी प्लीज एक्सप्लेन करिए तो दूरभाष जी कहते हैं कि यह जो आपने गौरव की सिचुएशन मुझे बताई आई थिंक वैली में चाइल्ड ट्रैफिकिंग गिरोह जो है वो एक्टिव  है थोड़ी देर के लिए कल्पना ये सुनकर खामोश हो जाती है उसके बाद कहती है माय गॉड दूरभाष जी आप सच कह रहे हैं तो दूर बास जी कहते हैं जी इट्स अ चाइल्ड ट्रैफिकिंग इसमें कोई दो राय नहीं है तो कल्पना कहती है कि आई नो आपकी दी हुई इंफॉर्मेशन है साबित ही होगी तो आप कह रहे हैं कि गौरव महाशय माय गॉड मुझसे बोला नहीं जा रहा है दुर्वास जी तो दुर्वास जी कहते हैं कि यस और इससे भी शॉकिंग यह बात है कि वैली के ऐसे कई लोग हैं जो खुद अपने बच्चे को इसमें फेंक देते हैं जोड़ देते हैं इन लोगों के या मैं कहूं कि बेच देते हैं इन लोगों से हां यह बात अलग है कि वह बायोलॉजिकल पेरेंट्स नहीं है अगेन कल्पना थोड़ी देर चुप हो जाती है और चुप हो जाने के बाद कहती है कि आपको इस गह गिरह का कोई लोकेशन मिला यह लास्ट टाइम कहां एक्टिव था कुछ इंफॉर्मेशन इस बारे में तो दुर्वास जी कहते यह बहुत शातिर है इसका लास्ट लोकेशन ट्रैक नहीं हो पाया अभी लेकिन इस पर काम जारी है तो कल्पना कहती हां इतना बड़ा गिरो इतनी बड़ी टीम जो है इतना बड़ा काम जो कर रही है तो शातिर तो होगी ही मतलब कि सबको वैली ही अपनी अपने लिए मिलता है मतलब बहुत आसान है यहां एक मैं क्या बो दरस जी किसी किसी का भी इस तरफ ध्यान नहीं जाएगा अलग ही सिनेरी में बिजी है यहां के  लोग यहां की गवर्नमेंट तो दूर बास जी कहते हैं मुझे जैसे ही लोकेशन के बारे में पता लगता है इसका लास्ट एक्टिवेशन पता लगता है मैं आपको अपडेट करता हूं तो कल्पना कहती है जी लेकिन थोड़ा जल्दी कीजिएगा दर् भाषी तो दूर बास जी कहते हैं रोजा पांडा और इस पॉइंट पर कॉल डिस्कनेक्ट कर देते हैं कल्पना जो है वह डिसपे गौरव महाशय को घर ले आना चाहिए था मगर मैं उन्हें घर भी तो नहीं रख सकती क्या करू इसी कश में इसी कशमकश के साथ व बेड पर लेट जाती है वहां गीतिका जो है वह अपने ब्रांच के साथ कॉल पर है और कहती है सर मैंने आपको मेल किया है आर्टिकल का कैन यू चेक प्लीज तो  ब्रांच कहते हैं इसमें चेक क्या करना है गीतिका गो अहेड तो गीतिका कहती है फिर भी सर तो ब्रांच अगेन कह गो अहेड और फोन जो है वो रख देते हैं [संगीत] और गीतिका मूर्ति है कि सूरत से बोले कि वो आगे का प्रोसीजर करे जो उसका सुबह आर्टिकल छपना है न्यूजपेपर में तब तक सूरज गीतिका के पास आ जाता है और धीरे से कहता है कि हे गीतिका जिस पॉइंट पर हम सीक्रेट काम कर रहे हैं मेरे पास उसके लिए कुछ है देख तो गौरव सॉरी सूरज सूरज जो है वो अपना मोबाइल का स्क्रीन गीतिका के सामने करता है और उसका जो मु फोन है व देखते ही गीतिका अपने हाथ में ले लेती है और हाथ में लेते हुए कहती है माय गॉड तो हमारा शक सही निकला हम जिस पर काम कर रहे हैं इट्स चाइल्ड ट्रैफिकिंग मतलब मले में भी और यह भी शॉक्ड हो जाते हैं तो इस पाठ को मैं यही रोकती हूं अब कल्पना और गीतिका के पॉइंट अगेन मिल गए हैं 

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