Winga of Destiny Part 13

 


 यह सभी हॉस्पिटल के इमरजेंसी वर्ड के बाहर वाले कॉरिडोर में खड़े हैं या फिर बैठे हैं रिलैक्स अभी टेबल पर बैठे अपने चेहरे को अपने हाथ में दबाए या छिपाए या यह कहूं कि बेबस हुए अभी के कंधे पर हाथ रखकर जनाब ने कहा मैं मैं क्या करूंगा अपने आप को बहुत बेबस पाया अभी ने कुछ नहीं होगा उन्हें अभी जनाब यह कहते हुए अभी के ठीक साइड में आकर बैठ जाती है वो वो मुझे सौंप कर गई थी अम्मा को मेरे हवाले करके गई थी मैं उसे क्या कहूंगा क्या करूंगा यह कहते हुए अभी अपना रुख जरना की तरफ करता है और उसकी बहती आंसुओं को देखकर जनाब उसे गले से लगा लेती है अभी ऐसे रोता है जैसे एक छोटा बच्चा हो बस कीजिए प्लीज जनाब की आवाज भी यह कहते हुए काम जाती है बैट और अमेज अपनी आंखों में आंसू लेकर अभी और जरना आपके पास आ जाते हैं देखा आपने अपनों को खोने का डर कैसा होता है जबकि ये सभी फाइटर [संगीत] हैं और इनकी यूनिटी देखिए कैसे एक साथ है थोड़ी दूर पर खड़ी गीतिका वह भी अपनी होश संभालने की कोशिश कर रही है जो यह सब इतनी जल्दी इनकी नजरों के सामने हुआ और जो घायल है वह कल्पना की अम्मा है उसकी शर्ट भी इस सारी कहानी का हिस्सा बता रही है अनु और सूरज एक जगह खड़े हो इन सभी को देख रहे हैं गीतिका की आंखों से पानी गिरे जा रहा है कहीं ना कहीं गीतिका को भी यह मालूम है कि कल्पना को पता चलेगा तो वह क्या करेगी और अभी को इस कदर रोता देखकर उसे समझ आ रहा है कि अभी उसके पास क्यों गया था जब उसने उससे कहा था कि कल्पना की पैरवी करने आए हो कल्पना को लेकर गीतिका ने जो अपना नजरिया बनाया हुआ था वह कुछ वक्त पहले चेंज हो रहा है उसके अंदर अब ना जाने यह नजरिया कहां घूमेगा ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो गई है हमें ब्लड की जरूरत होगी एक नर्स इनकी तरफ आकर कहती है नर्स अम्मा कैसी है अभी अपनी जगह से उठकर नर्स के पास फौरन जाते हुए कहता है स्टिल इन क्रिटिकल सिचुएशन नर्स ने अभी की बात का जवाब दिया हम सब यही है आपको जितना चाहिए उतना ब्लड ले लीजिए अमेज ने अपने कदमों को तेजी से इनकी तरफ करते हुए कहा हां जो करना है जल्दी करो सिस्टर बस हमारी अम्मा को जल्दी से जल्दी ठीक कर दो बैट ने अपनी खामोशी तोड़ते हुए कहा आप लोग एक एक करके मेरे साथ आइए नर्स इनकी तरफ देख के कहती है और अपने कदमों को ब्लड फ्यूजन की तरफ आगे ले जा जाती है मैं जाता हूं बैठ य कहकर नर्स के साथ आगे बढ़ जाता है आप सभी में से किसी का भी ब्लड ग्रुप मैच नहीं कर रहा सिवाय एक के नर्स ने एक बार फिर से इनकी तरफ आकर कहा और अपनी बात को आगे किया गीतिका चौहान नर्स ने नाम लिया और इसका नाम लेते ही सभी ने गीतिका की तरफ देखा और गीतिका अपनी चेर से खड़ी  हो गई आईम गीतिका गीतिका ने अपने आप को नर्स कीत कर कर कहा मेरे साथ चलिए नर्स ने यह कह के आगे की तरफ अपने कदम किए और गीतिका ने अपने कदमों को नर्स के कदम के पीछे कर दिया डॉक्टर अम्मा की सिचुएशन को हैंडल कर रहे हैं और यह सभी दोस्त बस अपने कदम इधर से उधर कर रहे हैं दुआ कर रहे हैं वक्त आगे जाता है वैली का मौसम अपनी तबीयत के मुताबिक चल रहा है स्नो है हल्की हल्की मगर हवा तेज हो गई है एक दरवाजे पर अपना सर टिकाए बैठा है बैठ वह अचानक से खड़ा हो जाता है सामने एक परछाई देखकर पांडा और यह कहकर बैट अपनी जगह से खड़ा हो जाता है और अपना रुख सीधा करता है उसकी बात और एक्शन पर सभी लोग उसके देखने की दिशा में अपना चेहरा घुमा लेते हैं पांडा अभी अपने कदमों को तेज से लेकर जाता है कल्पना के पास और उसके सामने खड़ा हो जाता है मैं तेरे पास छोड़ के गई थी ना अम्मा को यह कहते हुए कल्पना की आंखों में जैसे खून उतर आता है वह अपनी ज लाइन को कड़क रखते हुए अभी से यह पूछती है कल्पना की सांसे जैसे उसे जैसे उसे बगावत कर रही है बाहर आ जाने के लिए मगर कल्पना उन्हें इजाजत नहीं दे रही बाहर आने की वह अपनी सांसों को बांधे हुए हैं उसकी गर्दन वैसे ही ऊंची है जैसे हमेशा रहती है मगर इस बार उसका क्रोध उसकी गर्दन ऊंचे  किए हुए हैं थोड़ी दूर खड़ी गीतिका व कल्पना को देखकर बिल्कुल चुपचाप रहती है उसकी दोनों हथेलियां पसीज रही हैं उसे पहले से पता है कि कल्पना कैसे रिएक्ट करेगी शायद वो इतना जान गई है कल्पना को क्योंकि उसकी नजर में कल्पना हमेशा गुस्सा करने वाली और एक बहुत एरोगेंट लेडी रही है लेकिन वह दूसरी तरफ यह भी मानती है कि वह स्ट्रंग भी बहुत है पांडा यह सब अचानक हुआ हम लोग घर के लिए निकल रहे थे तभी अम्मा गीतिका से बात करने लगती है और वहां वह लोग अभी सिर्फ इतना ही कह पाता है और उसके आंसू रो के नहीं रुकते कल्पना की सा कितनी तेज है और उसके अंदर कितना गुस्सा है उसकी चेस्ट की मूवमेंट बता रही है गीतिका का नाम सुनते ही कल्पना का गुस्सा न जाने कौन सा ठिकाना ढूंढने लगता है या यह कहूं कि उसे कोई ठिकाना ही नहीं मिलता उसकी आंखें और ज्यादा बड़ी हो जाती हैं और उसकी आंखों में जो खून गुस्से के रूप में आ रहा है वह और बढ़ जाता है वह अपने दोनों हाथों की हथेलियों को कसकर बांध लेती है और गीतिका की तरफ अपने कदम बढ़ाने लगती है अपनी तरफ आते कल्पना के कदमों को देखकर पहली बार गीतिका डर रही है मगर उस डर को अपने चेहरे पर आने नहीं देती और वह अपनी हथेलियों को बांध लेती है जो  गीली हो चुकी है कल्पना की नजरें सिर्फ गीतिका के चेहरे तक ही रहती हैं उसके कपड़ों पर नहीं जाती अबे यार को फिर से अनु ने अपने शब्दों को रोकते हुए कहा और उसके शब्दों ने पास खड़े सूरज ने सुना हां यार इस बार हमारी गत की कोई गलती नहीं है अनु की बात का धीरे से सूरज ने जवाब दिया और इन दोनों की आंखें भी गीली होने लगी है मुझे इस फॉर्म पर साइन चाहिए आप में से कौन करेगा इस बार फिर से नर्स इनके करीब आकर बोली उसकी आवाज पर फट से अभी कल के पास जाता है पांडा पहले तू मेरे साथ चल अभी ने कल्पना के कंधे पर हाथ रखा और कहा मुझे जो करना है मैं खुद कर लूंगी इस बार कल्पना ने अभी को भी यही रोक दिया अपना रुख नर्स की तरफ किया कल्पना ने चलिए जल्दी कीजिए और यह कहकर कल्पना सिस्टर के साथ दूसरी तरफ च ली गई यह वक्त बड़ा वक्त लगा रहा है गुजरने के लिए बहुत भारी लग रहा है यह रात का अंधेरा जैसे काला हो गया है बहुत काला जिसे स्याह कहते हैं कल्पना उधर जाकर डॉक्टर से बात कर लेती है वह उससे कहते हैं अभी जो सर्जरी हुई है वह सक्सेसफुल तो हो गई है मगर अभी कुछ कहा नहीं जा सकता 24 आवर्स की ऑब्जर्वेशन में रखा जाएगा इस बीच में उन्हें होश आना बहुत जरूरी है और उसी के साथ-साथ उन्हें रिकॉग्नाइज करना बहुत जरूरी है कि वह चीजें या इंसान को रिकॉग्नाइज कर सके जहां उन्हें चोट आई है वह हमारा ब्रेन वह हिस्सा है हमारे ब्रेन का जो मेमोरीज को स्टोर करता है और चीजों को लोगों को याद रखता है जिसे टेंपोरल लॉ भी कहते हैं अगर वह रिकॉग्नाइज नहीं कर पाई तो यह सर्जरी फेल हो जाएगी और अगर वो लोगों को चीजों को रिकॉग्नाइज करने में काम हो जाती है तो हमारी सर्जरी 100% सक्सेसफुल हो जाएगी अदर वाइज उन्हें कुछ याद नहीं रहेगा डॉक्टर की यह सारी बातें सुनकर कल्पना के कदम थोड़ा लड़खड़ा जाते हैं जो बहुत रेर है और डॉक्टर कल्पना के शोल्डर पर हाथ रखकर उसे एक दिलासा देकर वहां से चले जाते हैं सबके सामने तो कल्पना ने अपने आप को स्ट्रांग बनाए रखा हुआ मगर यहां कोई नहीं है उसके और चंद लाइट्स के अलावा वह अपने कदमों को पीछे करती है यह जाने बगैर कि पीछे कुछ चेयर्स है और उन चेर से उसके पैर टकरा जाते हैं जिसे वह अचानक उन चेयर पर बैठ जाती है मेरी मेरी अम्मा को अगर कुछ हुआ मैं किसी को नहीं छोडूंगी किसी को भी नहीं यह कहते हुए कल्पना की आंखों में और ज्यादा गुस्सा और न जाने कितनी नफरत आ जाती है और इन सबके साथ-साथ उसकी दोनों आंखों में पानी भी आ जाता है मगर वह पानी उसकी आंखों से नीचे नहीं गिरता जैसे कि वह कल्पना की इजाजत के बगैर वहां से हिलेगा ही नहीं वह फिर से अपने चेहरे को दोनों हाथों से सहला हुए अपने सर तक ले जाती है बड़ी तेज अपने हाथों को झटक देती है अपने सर से हटाकर और फिर से खड़ी हो जाती है और बेचैनी से कमरे में अपने कदम लेने लगती है टहलने लगती है जैसे उसके सामने कोई आ जाए तो वह उसका मुंह तोड़ दे वह अपने अंदर की उत्तेजना को गुस्से को कंट्रोल करने की कोशिश करती है और इसी कोशिश में वह अपना हाथ खिड़की के किनारे पर जोर से मारती है उसके मारने पर खिड़की के उस पार खड़ी गीतिका जाती है और उसका चेस्ट एक पॉप अप ले लेता है और कल्पना का जो हाथ है वह इंजर्ड हो जाता है गीतिका कल्पना के पीछे पीछे तभी यहां आ गई थी जब उसे सिस्टर लेकर आई थी कल्पना की आंखों का आंसू उसकी परमिशन के बिना गिरता ही नहीं है और वहीं दूसरी तरफ गीतिका की आंखों से आंसू रुकता ही नहीं है गीतिका अपने कदमों को अंदर की तरफ लाती है कैसे ना कैसे करके अपने कदमों में हल्का सा या बहुत सारा साहस भर के कल्पना अपना एक हाथ वहीं टिकाए हुए खड़ी है जहां उसने उस हाथ को मारा था अपने आप को बस चार कदम की दूरी पर खड़े करके अपने होठों को हिलाना चाहती है गीतिका मगर उसकी हिम्मत अभी इकट्ठी नहीं हो रही है कैसे ना कैसे करके वह अपने होठों को हिलाने में कामयाब हो जाती है उन्हें उन्हें कुछ नहीं होगा कल्पना इतना सा सेंटेंस बोलते हुए हजार गुना हिम्मत जुटा है गीतिका और कैसे ना कैसे लफ्जों को जोड़कर बोल ही देती है जैसे ही कल्पना के कानों में गीतिका के यह लफ्ज पड़ते हैं जैसे लगता है उसके कानों में किसी ने लोहा पिघलाकर डाल दिया हो कल्पना फिर से एक बार अपनी हथेलियों को कस कर बांध लेती है अपने दांतो को एक दूसरे को एक दूसरे में कस कर जकड़ लेती है गीतिका अपने लबों को हल्का सा हिलाने की कोशिश करने वाली होती है कि तभी उसे पता ही नहीं चल पाता कि कब कल्पना अपने दोनों  हाथों में उसके शोल्डर को कस कर पकड़ लेती है गीतिका कोई रिएक्शन दे उससे पहले ही कल्पना उसे पुश करते हुए उस कमरे की दीवार पर बहुत तेजी से लगा देती है दीवार से हिट कर जाने की वजह से गीतिका को उसके बैक में चोट लग जाती है और वोह अपनी आंखों को बंद करती है इस दर्द को पाकर और इस दर्द को बर्दाश्त कर जाती है मैंने आपसे कहा था मुझसे दूर रहिए एक बार नहीं बार-बार कहा लेकिन आपको आपको चैन नहीं आया इतनी सी बात आपको याद नहीं रहती हां कहा था ना मैंने मुझसे दूर रहिए मेरी जिंदगी से दूर रहिए मर आपको बात समझ नहीं आई आप मेरी अम्मा तक पहुंच गई जितना गुस्सा जितनी नफरत कल्पना के शब्दों में है उतना ही उसकी पकड़ में भी है गीतिका के शोल्डर पर उसके हाथ गीतिका को दर्द दे रहे हैं और इसी दर्द को देते हुए कल्पना अपनी बात को आगे करती है आपको अपनी के आगे कुछ नजर नहीं आता ना जहां भी आप होती हैं जहां भी आप होती है वहां कुछ ना कुछ जरूर होता है जो बेकार होता है जो गलत होता है मगर मेरी बात आज ध्यान से सुनिए आज आज मैं दूर रहने के लिए नहीं कहूंगी आपसे अगर आज मेरी अम्मा को कुछ भी हुआ अगर कुछ भी हुआ तो मैं आपको जान से मार दूंगी आप मेरे क्या किसी के भी पास नहीं रह पाएंगे जान से मार दूंगी मैं आपको कल्पना की पकड़ से जो दर्द हो रहा है गीतिका को उसे वह चुपचाप सह रही है गीतिका सिर्फ कल्पना को देख रही है कल्पना अपने दोनों हाथों को अपनी तरफ करती है और राइट की तरफ करक उसे झटके से छोड़ देती है और उसके झटके से छोड़ने की वजह से गीतिका भी झटके से दूर हो जाती है उससे उसे छोड़ते हुए कल्पना कह दि है गेट आउट मुझे अपना चेहरा मत दिखाना आज के बाद और दुआ करिए कि अम्मा को कुछ ना हो और उन्हें होश आ जाए गीतिका की आंखों से आंसू गीतिका की आंखों में आंसू लबालब भर जाते हैं और वो अपने दोनों कंधों को सहला हुए कमरे से बाहर आ जाती है पास वाले फायर एग्जिट में वह अपने कदमों को ले जाती है तीन चार सीढ़ियां नीचे उतर जाने के बाद व वहां सीढ़ियों पर बैठकर रोने लगती है अपनी नी को फोल्ड करकर अपने चेहरे तक लाती है और अपने चेहरे को अपनी नी में छुपा लेती है और तेज तेज रोने लगती है और वहां उस रूम में कल्पना उस चेयर पर बैठकर अपने अपने दोनों हाथों में दोनों हथेलियों से अपना चेहरा बंद कर लेती है और ऑपरेशन थिएटर से अम्मा को दूसरे आईसीयू या फिर एक होता है अभी मुझे नाम याद नहीं आ रहा वहां शिफ्ट किया जाता है ऑब्जर्वेशन रूम भी कह सकते हैं हम तो आज के भाग में इतना ही देखते हैं अम्मा को होश आता है क्या वो रिकॉग्नाइज कर पाएंगे और क्या गीतिका और कल्पना अब कभी फि र मिलेंगे मिलेंगे तो क्या मिलना होगा चलिए 

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