Wings of Destiny Part 11
इसी बात पर उसकी बहस अन्नू से होती है और इस बहस में यह दोनों एक दूसरे के विपरीत खड़े नजर आते हैं एसीपी उमरान के साथ कल्पना चाय पर जाती है चाय पर व उसी मुद्दे पर चर्चा करती है उमरान कल्पना से बहुत पहले से इंप्रेस है तो उसमें वह बढ़ोतरी कर लेते हैं और अपनी आंखों में उस बढ़ोतरी को मोहब्बत बनाकर भरकर अपने दिल में बसा लेते हैं शायद और उसी मोहब्बत से वह कल्पना को निहारते हैं पूरे दिन को खत्म कर लेने के बाद यह रात कुछ ऐसा खेल खेली जाती है कि इन दोनों की मुलाकात दोबारा हो जाती है तो चलिए यही था रिकप अब थोड़ा सा आगे चलते हैं आपको किस चीज का इतना गुरूर है गीतिका ने कल्पना के छोड़ने पर गिरते हुए कहा जो चाहे वह मान लीजिए और मैंने अपने से दूर रहने के लिए कहा था आपको आपने तो मेरे घर का रास्ता नाप लिया अपने बेबाक रुख से कल्पना ने कहा मुझे कोई शौक नहीं है और अगर मुझे पता होता ना यह आपका घर है तो मैं इससे कोसो दूर रहती इस बार गीतिका ने अपने आप को खड़ा करते हुए कहा और अपने हाथ में पकड़े मोबाइल को तिरछा किया जिसकी वजह से उसमें जल रही टॉर्च का रुख कल्पना के चेहरे पर हो जाता है और उस टॉर्च की रिफ्लेक्शन उसकी आंखों पर पढ़ जाता है आह इसे बंद कीजिए अपनी आंखों को बंद करके चेहरा लेफ्ट साइड में करते हुए कल्पना ने झल्ला हुए कहा और अपनी बात को आगे किया बाहर तो बाहर आप मेरे घर में भी मुझे चैन नहीं लेने देंगी ब्रेनलेस औरत कल्पना के यह शब्द सुनकर मैंने कहा ना अगर पूरी वैली में एकलौता आपका घर बचा तब भी तब भी मैं आपके घर की तरफ नहीं झकूंगी गीतिका ने अपने दोनों दांतों को पीसते हुए चिड़ते हुए अपनी बात को को आगे किया मुझे यकीन नहीं आता इतनी सॉफ्ट हार्टेड हबल प्यारी लेडी की बेटी आप जैसी होगी एरोगेंट घमंडी सेल्फिश गुसल फीलिंग लेस इतनी बुरी है आप लेकिन यह सब आपका सेल्फ ईगो है आपके पेरेंट्स को भी शायद पता नहीं होगा कि आप ऐसी है अगर उन्हें पता होता तो वो कबका आपको अपने आप से अलग कर देते गीतिका के इन शब्दों ने जैसे अंगारे का काम किया गेट आउट कल्पना के शब्दों में घोर कठोरता थी कमरे में अंधेरा होने पर भी उसने अपनी आंखों को जोर से बंद किया गीतिका के यह शब्द सुनकर अपनी गर्दन को मोड़ते हुए अपनी आवाज को और रूट करते हुए कहा गेट आउट वरना मुझे जरा सा वक्त नहीं लगेगा आपको बाहर धकेलने में तो बेहतर होगा यह काम आप खुद कर ले मेरी एरोगेंस देखनी है आपको देख नहीं पाएंगे आप सो गेट आउट ऑफ माय रूम नाउ चलिए जल्दी कीजिए टाइम वेस्ट मत कीजिए अपने कानों को बहुत गर्म महसूस किया कल्पना ने वो इससे भी ज्यादा लाउड हो सकती थी लेकिन यह उसका घर था और गौरव वो इसी घर में सोया है अम्मा इसी घर में है तो कल्पना ने अपने भावों को हल्का सा दबाया लेकिन जितना भी खोला उससे गीतिका को यह महसूस हुआ ती अगर कहे तो यह महसूस हुआ अब यह कल्पना का घर है यह अच्छे से जान रही है गीतिका तो वह भी गुस्से में अपने दांतों को पीसने के अलावा और ज्यादा कुछ कर नहीं पाती अपने आप को एक अजीब सी स्थिति में पाती है और इसी भा से कहती है पता नहीं यह भगवान क्यों चाहता है वरना मैं आपका नाम भी सुनना ना गवारा करूं अपने कानों को निर्लज इंसान है आप यह कहते हुए गीतिका अपनी मोबाइल टॉर्च के सहारे उसके कमरे से निकल जाने के लिए आगे बढ़ती है बाहर का मौसम बेहद खराब है तेज हवाओं के साथ-साथ बर्फबारी भी हो रही है और बिजली का तो कोई अता पता ही नहीं है दू दूर दूर तक कल्पना की नजर अचानक खिड़की पर पड़ती है और पर्दा हल्के से उड़ते हुए बाहर की एक झलक दिखाता है उतने से पल में ही कल्पना की निगाह कुछ नोटिस कर लेती है वह अपने कदम खिड़की की तरफ ले जाती है पदे को हल्का सा हटाती है उसका डाउट यकीन में बदल जाता है कोई है वहां और कल्पना के घर की तरफ अपनी निगाहें किए हुए हैं वो फट से अपने कदमों को जल्दी से नापते हुए अपने रूम के बाहर चली जाती है मुझे जर्नलिस्ट को रोकना होगा अपने चेहरे पर परेशानी का भाव लेते हुए कल्पना ने कहा व बाहर देखती है तो गीतिका को रोके हुए अम्मा उसे कुछ बात कर रही है लो कल्पना बेटा भी आ गई अम्मा ने गीतिका के सामने से थोड़ा सा तिरछा होकर कल्पना को देखते हुए कहा हॉल में एक हल्की सी लैंप जिसे हम लाल टेन कह सकते वह जल रही है जिसका मध्यम उजाला चारों तरफ है बेटा अब तू इसे रोक मान ही नहीं रही है इतने खराब मौसम में और इतनी रात हो जाने के बावजूद य जाने की जिद कर रही है अम्मा ने बड़ी प्यारी आवाज से कल्पना से कहा गीतिका अपनी पीठ कल्पना की तरफ कि खड़ी है रुक जाइए बड़ी है ना आपसे तो आपसे रिक्वेस्ट करही है अम्मा और आप तो बहुत मैनर्स वाली है बहुत हंबल है तो अपनों से बड़ों की अलना तो नहीं करेंगी आप और ना कर सकती हैं मिस जर्नलिस्ट कल्पना ने सोफे पर बैठते हुए कटाक्ष भरते हुए कहा और उसका कटाक्ष काम कर गया गीतिका के कान एक बार दोबारा गर्म हो गए वो कल्पना को नजर अंदाज कर देती है और आंटी मैं बस आपके कहने पर रुक रही हूं अब मां की तरफ देखकर कहती है वाह बेटा मैं ही तो इतनी देर से कह रही हूं चलो अब आप दोनों अपने अपने कमरे में जाओ रात बहुत हो गई सो जाओ कल्पना एक लंबी सांस छोड़ते हुए रिलीफ लेते हुए सोफे से उठती है और धीरे से कहती है अच्छा तोड़ मिला है इसका और मुस्कुरा देती है अरे बेटा कमरे में जाकर सो जाओ अम्मा ने गीतिका से कहा जो सोफे पर बैठ रही थी कल्पना ने अम्मा की आवाज पर पीछे मुड़कर इन्ह देखा कोई बात नहीं आंटी मैं यही ठीक हूं गीतिका ने मुंह बनाते हुए अमा से कहा कल्पना ने अपनी गर्दन को बात को भुला देने वाले अंदाज में हिलाया और अपने कमरे की तरफ बढ़ गई वो वापस जाकर फिर से खिड़की की बाहर अपनी नजरें करती है मगर इस बार वह जगह खाली पाती है कल्पना का मन नहीं मानता वह बेड पर आकर लेट जाती है अपने आप को इधर उधर घुमा लेने के बाद वह बेचैनी से उठती है अपने कदमों को गौरव के रूम की तरफ बढ़ाते हुए वहां पहुंचती है बड़ी सावधानी से गौरव के करीब जाती है और अपनी होठों को तिरछा करके अपने मन में धीरे से कहती है उमर का यह तो संघर्ष के लिए नहीं बनाता तू यह कहकर उसके वह अपना सर ऊपर की तरफ कर लेती है और अपनी बात को आगे करती है इसकी मासूमियत को कायम रखना क्योंकि जगह जगह लोग खड़े हैं इसे छीनने के लिए यह कहकर कल्पना ने गौरव के लिहाफ को ठीक किया उसके सर पर अपने हाथ को बड़े ही मुलायम तरीके से सहला या लेकिन मैं यहां रख भी नहीं सकती आपको अपने मन को थोड़ा चिंतित करते हुए कल्पना ने कहा अपने केर और अपने प्यार गौरव के प्रति दिखाकर कल्पना वहां से उठकर अपने कमरे की तरफ बढ़ने लगती है हॉल से गुजर कर जाना होता है उसे अपने कमरे के लिए और उसकी नजर एक जगह पर आकर रुक जाती है और वह कल्पना के कदमों को भी झक लेती है यह हल की मध्यम रोशनी गीतिका के चेहरे पर पड़ रही है उसने अपने दोनों हाथों को जोड़कर अपने गालों के नीचे दबा रखा है अपने दोनों नीज को सिड़क भर के देख लेने के बाद अपने होठों को एक इंच फैलाते हुए अपनी नजरें दूसरे सोफे पर करती है कल्पना जिस पर एक ब्लैंकेट है जो अम्मा ने गीतिका को ओड़ने के लिए दिया था मगर इसने याया नहीं कल्पना व ब्लंकेट उठाकर गीतिका के ऊपर फैला देती है बहुत ऊपर ऊपर से ताकि उसे जरा सा भी स्पर्श ना मिले गीतिका का इस बीच गीतिका हल्का सा हिल जाती है इसके हिल जाने के कारण इसके सर का जो तकिया है वह नीचे गिर जाता है कल्पना जाते हुए पीछे ती है और एक लंबी सांस लेती है और धीरे से कहती है एक तकिया तो संभाल नहीं पाता इसका सर इतनी सारी जानकारी कैसे संभालता होगा यह भी इसके लिए एक मिशन ही है यह कहकर कल्पना अपनी नी पर बैठकर गीतिका के सर के सामने हो जाती है वह अपने राइट हैंड से तकिया उठाती है और अपनी इंडेक्स फिंगर से गीतिका के दिमाग पर रखकर उसे ऊपर उठाती है और अपनी धीमी धीमी आवाज में कहती है ब्रेन तो है नहीं फिर इसका सर इतना भारी क्यों है लगता है ली की बर्फ भर गई है इसमें और कल्पना य ककर एक झटके से उसकी पिल्लो को उसके सर के नीचे रखकर उसके सर को झटके से छोड़ देती है गीतिका हिलती जरूर है यह कर लेने से मगर सोए सोही सोए सोए ही वो तकिया पर अपना सर एडजस्ट कर ले और कल्पना वहां से निकलकर अपने कमरे में आकर लेट जाती है उसकी नींद कब लंबी हो जाने के बाद सुबह का पहर पकड़ लेती है उसे भी पता नहीं चलता और उठकर सुबह वह रेडी होती है बाहर हॉल में जाती है तो देखती है अरे गौरव महाशय टोस्ट खाया आपने कल्पना ने मुस्कुरा करर कहा हां खाया गुड मॉर्निंग अपने मुंह को टोस्ट से भरते हुए गौरव ने कल्पना से कहा गुड मॉर्निंग बच्चा कल्पना उसके सर को सहला हुए कुर्सी पर बैठ जाती है क्या रवि आ गए अपनी चाय के कप से एक सिप लेते हुए कल्पना ने अम्मा से पूछा हां वह आ गया है अम्मा ने काम करते हुए कल्पना का जवाब दिया आपकी गेस्ट चली गई क्या कल्पना ने चारों तरफ अपनी गर्दन को घुमाया और अम्मा से फिर सवाल किया हां बेटा वह तो बहुत सुबह चली गई उसका फोन आया था कोई अम्मा ने भी कल्पना का जवाब अपना काम करते हुए दिया चलिए अब मैं चलती हूं आप घर से बाहर नहीं निकलिए गौरव महाशय ओके और आप भी अम्मा किसी भी चीज की जरूरत हो तो मुझे कॉल करिएगा बाहर जाने की कोई जरूरत नहीं है स्पेशली इस वक्त ठीक है अम्मा भी गर्दन हिला देती हैं कल्पना की बात पर और गौरव भी हिला देता है यह कहकर अपनी आंखों पर अपने चश्मे को लगाए अपनी चिन्ह को ऊपर किए अपनी लेदर जैकेट को अपने कंधों पर अटका हुए बाहर आते हुए कहती है कलपना गुड मॉर्निंग रवि साहब कैसे हैं आप गुड मॉर्निंग मैम सब ठीक है वह तेजी से अपने कदमों के साथ गाड़ी की तरफ बढ़ता है और दरवाजा खोलते हुए कहता है रवि यह मत किया कीजिए मैं खुद डोर खोल सकती हूं बड़े ही सरल स्वभाव से कल्पना ने कहा और कार में बैठ गई और रवि भी आकर अपनी सीट पर बैठ गया और कार स्टार्ट की नन्नी परी कैसी है और उनकी मां के क्या हालचाल कल्पना ने मुस्कुराते हुए मिरर में देखते हुए रवि से पूछा दोनों बिल्कुल ठीक हैं वो घर आ गए मैम रवि ने गाड़ी स्टार्ट करते हुए कहा कितनी बार मैंने आपको समझाया और कितनी बार समझाना पड़ेगा रवि यह वर्ड मत यूज किया कीजिए मेरा नाम लिया कीजिए कल्पना ने सीधे-सीधे लफ्जों में कहा और अपनी सीधी हाथ से ही किताब को उठाया रवि मुस्कुराया और यह दोनों बेस की तरफ बढ़ गए थैंक गॉड तुझे होश आ गया डॉन कहीं के गीतिका ने सूरज के वर्ड में आते हुए बड़ी सी स्माइल के साथ कहते हुए तेजी में जाकर सूरज को गले लगाकर कहा अच्छा त क्या फोड़ देगी मुझे उसके हक को महसूस करते हुए सूरज ने अपने दाहिने हाथ से गीतिका को पकड़ते हुए कहा गीतिका की आंखें हल्की सी गीली हो गई रिलैक्स अब वो ठीक है गीतिका की पीठ को सहला हुए अनू ने बैठिए अभी ने चेयर को पुल करते हुए अपनी फियांसी को प्यार भरी नजरों से देखते हुए कहा शुक्रिया जरना ने अपनी गर्दन को झुकाकर अभी का एहतराम करते हुए कहा और अपनी बात को आगे किया तो आज आपको वक्त मिला यह चेर पुल करने का जनाब ने तंज कसते हुए कहा मान लिया मान लिया आपकी शिकायत सरा आंखों पर अभी ने अपने कान को खुजला हुए जरना आप की बात का जवाब दिया जो सजा दीजिए वो मंजूर है मुझे जान इतनी खूबसूरत लाइन अपने लिए सुनके जरना आप का चेहरा सुर्ख लाल हो जाता है क्योंकि यह कहते हुए अभी ने जरना आप के हाथ को हल्के से थाम लिया था सर ऑर्डर वेटर आकर खड़ा होकर बोलता है क्या यार डरा देते हो तुम अभी ने वेटर को देखते हुए कहा थोड़ा टाइम तो दो यार अभी तो आए हैं हम अभी की यह बात सुनकर जरना अब हल्की से मुस्कुरा देती है अभी की टेबल और वह जो वेटर है व अभी की टेबल से हल्का सा दूर हो जाता है दूसरी टेबल पर वहीं अभी की टेबल के ठीक पीछे वाली टेबल पर एक अंकल चाय के साथ अखबार पढ़ रहे हैं जिसका बैक पेज अभी साफ-साफ देख पा रहा है और उस पर साफ-साफ कल्पना का नाम पड़ पा रहा है जरना भी अभी के व्यू पर मुड़ती है और वह भी वही पढ़ती है जो अभी पढ रहा है और वह अपनी पलकों को बंद कर लेती है सर इट्स माय रिक्वेस्ट मुझे यह वाला पेज प्लीज दे देंगे प्लीज सर अभी ने उस बुजुर्ग आदमी से रिक्वेस्ट करते हुए कहा अरे बेटा बिल्कुल और उस बुजुर्ग आदमी ने व पेज निकालकर अभी को दिया थैंक यू सर थैंक यू अभी वह पेपर लेकर अपनी टेबल पर आता है और अपनी बात को आगे करता है जनाब मेरी जान अभी यहां से चले प्लीज जरना हमेशा की तरह मुस्कुरा देती है मुस्कुराते हुए अपनी गर्दन ना में हिलाती है और कहती है पांडा और आप अभी ने मुस्कुराते हुए जनाब का हाथ थामा और अपनी गाड़ी में लेके अपनी गाड़ी की तरफ हो जरना आप को लेकर चल दिया थोड़ी दूर चलने के बाद कार रोककर अभी ने कहा शाम को तैयार रहिएगा अभी ने यह ते हुए जरना का हाथ चूम लिया और जरना फिर से सुर्ख हो गई बिल्कुल कश्मीर की चाय की तरह जी बिल्कुल जरना ने उसी सुर्क वाले भाव को महसूस करते हुए अपना सर हिलाते हुए अभी की बात का जवाब दिया और कार से उतर कर वह घर के अंदर चली गई अभी ने अखबार उठाकर पढ़ा और उतनी ही तेजी में उस अखबार को दोबारा गाड़ी में की सीट पर फेंक दिया और उसने अपनी गाड़ी स्टार्ट की और अखबार के ऑफिस पहुंच गया वहां उसे जाकर पता लगा कि गीतिका अभी नहीं है और वह कहां है वह भी यह पता लगा लेता है और अपनी कार को यूटर्न में डाल देता है कल्पना को कार से उतरते देख रश की नजर उस पर ठहर जाती है और नजर जहां ठहर जाए शायद दिल भी वहां ठहरने लगता है कभी कभी य हो है यही रश के साथ भी हो रहा है हे पांडा गुड मॉर्निंग बैड ने एक टैप लेते हुए कहा गुड मॉर्निंग सोल्जर्स पांडा ने मुस्कुराते हुए कहा तो शाम का क्या प्लान है अमेज ने बड़े ही एक्साइटमेंट वाले अंदाज से पूछा श्याम अपने चेहरे पर सवालिया भाव बनाकर कल्पना ने पूछा हां श्याम मेयर ने पार्टी रखी है ना अमेज ने कल्पना की बात का जवाब दिया आई डोंट लाइक पार्टी कल्पना ने अपनी सांस को नीचा करते हुए कहा और मुंह बनाया और अपनी बात को आगे किया ठीक है उससे पहले मुझे कुछ काम है वैसे आज कोई मिशन है क्या यह तो शिव सर बताएंगे बैट ने कल्पना की बात का जवाब दिया वो सब तो ठीक है बट हमारा रोमियो नजर नहीं नहीं आ रहा कहीं कहां है अपनी जूलियट के पास अजने कल्पना की बात का जवाब दिया और यह टोली जो है हसते मुस्कुराते आगे बढ़ गई तूने यह क्या किया सूरज ने गीतिका से नर्म लहेजी में पूछा वही किया जो सच है गीतिका ने चिड़चिड़ा में उसका जवाब दिया अनू अपनी नजरों को गीतिका पर गड़ाए उसे देखती है तूने तूने देखा नहीं था सूरज तू नहीं देख पाया लेकिन तुम दोनों ठीक मेरे सामने थे उसने तुझे धकेला इतनी तेज पुश किया कि तू उस पत्थर पर जाकर टकरा गया साफ है सूरज बिल्कुल साफ है लेकिन तुम सबको क्यों नजर नहीं आता उसने ऐसा क्या पढ़ा दिया है तुम लोगों को कि तुम दोनों इनफैक्ट तुम सब उसी के बारे में और उसी के फेवर में के बारे में फेवर में बात करते हो तेरी जान खतरे में डाली उसने और तू उसी का फेवर ले रहा मेरे सामने गीतिका ने अपने फ्रस्ट्रेटिंग वाले अंदाज में अपनी बात कही गीतू उसने मेरी जान खतरे में नहीं डाली उसने मुझे बचाया है गीतिका फिर से झल्ला गई लेकिन सूरज ने अपनी बात को आगे किया अगर कल्पना मुझे धक्का नहीं देती मुझे पुश नहीं करती तो वह बुलेट सीधा मेरे दिल में लग जाती और मैं वहीं का वही खत्म हो जाता तो शायद और वह बहुत करीब था मेरे शायद इसीलिए कल्पना ने मुझे इस तरीके से धक्का दिया क्या हो गया है तुम लोगों को यार क्या हो गया है गीतिका अब अपने आप से परेशान होने लगती इन दोनों का कशन बहुत देर से सुन रही है अनू और अब वह बोल पड़ती है गीतू यार मान जा ना क्या हो गया है तुझे हां हां शी सेव्ड मी गीतू शी सेव्ड माय लाइफ मान जा सूरज ने अपने अल्फाजों को बहुत सॉफ्ट करते हुए कहा मान लो इनकी बात अभी अपने कदम अंदर करते हुए यह लफ्ज कहता है न्यूजपेपर को आगे करता है और अपनी बात को भी आगे करता है यह आर्टिकल आपका है गीतिका की तरफ देखकर कहता है लो धमकी देने वालों में एक और इजाफा हुआ गीतिका यह कहकर मुस्कुरा देती है आप तो स्क्वाड्रन लीडर के कोलीग है राइट अच्छी मेमोरी है आपकी बहुत अच्छी मेमोरी है लेकिन इतनी अच्छी भी नहीं है शायद यह दिमाग जो है आपका यह काम नहीं करता आप जानती क्या है पांडा के बारे में जो यह सब वाहियात लिखा है दिमाग आपके ठिकाने पर नहीं है मैंने तो सुना था आप बहुत काबिल जर्नलिस्ट हैं क्या यहीं तक आपकी काबिलियत सीमित हो जाती है अभी ने बहुत सारी बातों को एक साथ कह डाला मुझे अपनी काबिलियत किसी को दिखाने या साबित करने की जरूरत नहीं है अभी की बात का गीतिका ने बड़े ही कॉन्फिडेंटली जवाब दिया और अपनी बात को आगे किया काबिलियत तो शायद आपकी स्क्वाड्रन लीडर को साबित करनी है तभी उन्होंने आपको भेजा है यह सुनकर अभी मुस्कुरा देता है और कहता है वह ऐसी पर्सनालिटी नहीं है उसको किसी की जरूरत नहीं है अपनी प्रेफरेंस प भेजने की अपने बिहाव पर भेजने की समझिए आप जर्नलिस्ट और वह तो यह वाहियत पेपर देखती भी नहीं है पढ़ना तो बहुत दूर की बात है और जान लेना तो बहुत दूर की बात अच्छा तभी आप यहां है और अपनी दोस्त की पैरवी कर रहे हैं मेरे सामने गीतिका ने अभी की बातों का जवाब दिया जर्नलिस्ट गीतिका चौहान अपने शब्दों पर आप बहुत पछताएंगे याद रखिएगा मेरी बात आपके दोस्त समझ गए लेकिन आप नहीं समझ रही हैं लेकिन आप अपने दोस्तों को समझिए आपने जो यह आर्टिकल लिखा है यह सरासर झूठ है ये सरा सर गलत है सरासर वाहियात है अब यह तो छाप दिया है आपने इसके बाद आप अपनी अपॉलॉजी भी छाप येगा और आपको छापने पड़ेगी ओ माय डेड बॉडी गीतिका ने अपने बड़े रूड अंदाज में अभिनव का जवाब दिया अच्छा चिल्ड्रन ट्रैफिकिंग पर काम कर रही थी ना आप हां क्य ब्रो तुम्हारा यह हाल उसी तुम्हारे उसी पर हुआ है ना हां सूरज पर अपनी नजर टिकाए हुए कहकर अपनी आंखें ग गीतिका पर करते हुए कहा अभिनय जर्नलिस्ट हो ना आप तो पता नहीं लगाया आपने कि उस ट्रैफिकिंग में जो बच्चे थे अब वह कहां है अपने दोस्त को उठाया और वहां से भाग आई आप यह सुनकर गीतिका चुप हो जाती है उन बच्चों का ख्याल नहीं आया आपको अभिनव अपनी बात को आगे करता है बस दूसरों को टारगेट करना आता है पॉइंट करना आता है हां और उसको जो आप सबसे इनफैक्ट हम सबसे बहुत ऊपर है बहुत ऊपर है जानती क्या है आप पांडा के बारे में हां किसी के बारे में लिखने से पहले दो टुक कन्फर्मेशन तो कर लेती जान तो लेती अपनी बातों पर अड़क तो हो जाती पक्की तो हो जाती जब छपती लेकिन नहीं आप तो बहुत बहुत काबिल जर्नलिस्ट है ना गीतिका चौहान तो आपने उन बच्चों के बारे में जानने की कोशिश नहीं की कि वह कहां गए यह जानने की कोशिश नहीं की कि एक स्क्वाड्रन लीडर वहां क्या कर रही है चलिए यह ना जानिए उन बच्चों के बारे में तो जानना था आपको बहुत जिम्मेदारी वाली बनती है ना शायद आप जहां तक मैं जान पा रहा हूं आपको हां जानिए खबर छाप हैं आप खबर की तह तक पहुंच तब छापी किसी को टारगेट करने से किसी के बारे में यह वाहियात अल्फाज लिख देने से आपको अवार्ड नहीं मिलेंगे बहुत पछताएंगे आप अपने इन्हीं शब्दों पर बहुत पछताएंगे अभी यह कहकर पेपर को झटके से एक टेबल पर फेंक कर या रखकर यहां से चला जाता है और गीतिका सोचने पर मजबूर हो जाती है अभी की एक बात कि उन बच्चों के बारे में जानने की कोशिश नहीं किया आपने अब गीतिका का दिमाग खटकता है और वह यहां से अपना बैग उठाती है और सीधा पुलिस स्टेशन पहुंच जाती है वहां से यह पता लगाती है कि यह जो गिरोह पकड़ा गया है जो बच्चे यहां मिले हैं उन्हे कहां ले जाया गया है तो उसको वहां से अब ये जर्नलिस्ट कुछ ना कुछ कैसे ना कैसे तो पता लगा ही लेगी हां आम इंसान को पता लगाने में अरस लग जाते हैं वहां से इसको पता लगता है कि कुछ बच्चों को उनके पेरेंट्स के हवाले कर दिया गया है और जो बच्चे यहां नसीब में कम पड़ गए हैं उन्हें एक एनजीओ के ऑफेन में भेजा गया है कल्पना वो एड्रेस सॉरी गीतिका वो एड्रेस निकालने में कामयाब हो जाती है और ये उसका जाना पहचाना और फैन है ये फटाफट से एक ऑटो लेती है और इस एड्रेस पर निकल जाती है जैसे ही वो इस एड्रेस पर पहुंचती है अंदर दाखिल होती है जैसा कि मैंने कहा यह जाना पहचाना है वो अंदर दाखिल होने में उसे ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ती लेकिन अंदर जाते-जाते उसके कदम रुक जाते हैं और वो एक दीवार का सहारा लेकर छिप जाती है छिप इसलिए गई है क्योंकि उसने कल्पना को देख लिया है कल्पना गिरधारी जी से कुछ बात कर रही है गिरधारी जी यहां के एक तरीके से केयर टेकर कह लीजिए या ओनर कह लीजिए वह है जिन्हें शायद गीतिका भी जानती है गिरधारी जी कल्पना से बड़े हंबल बहुत प्यार से बात कर रहे हैं उसके सामने अपने दोनों हाथों को जोड़ रहे हैं और उन दोनों हाथों को कल्पना ने अपने हाथों में भर रखा है और गौरव जो है उसके साथ है कल्पना गिरधारी जी से शायद यह कह रही है गौरव का ख्याल रखिएगा बहुत मासूम है बाकी इसके पेरेंट्स को तो [संगीत] मैं आज शाम तक सबक सिखा ही दूंगी लेकिन आप प्लीज गिरधारी जी बच्चों का ख्याल रखिएगा यहां कुछ भी आपको अटपटा लगता है आप मुझे कॉल कीजिएगा जरा भी देर ना कीजिएगा क्योंकि मुझे कुछ ठीक से नहीं लग रहा है बाकी मैं इसी परान से यहां की बात करती हूं यह कहकर गिरधारी जी के पैर छू लेती है कल्पना और गिरधारी जी उसके सर पर अपना हाथ रखकर उसे अपना आशीर्वाद देते हैं और कल्पना गौरव के सामने अपनी नी के सहारे बैठ जाती है उसके चेहरे को अपने दोनों हाथों में भरकर उसके माथे को चूम करर कहती है बेटा अब आप यही रहेंगे ठीक है आप यहां पढ़ाई करेंगे खेलेंगे दोस्त बनाएंगे और एक बहुत अच्छे इंसान बनेंगे गौरव थोड़ा तो मायूस जरूर होता है लेकिन कल्पना की बातों से वह फिर से अपने शब्दों में उत्साह भर कर कहता है जी दीदी बिल्कुल लेकिन आप चिंता मत करिए मैं आपसे यहां मिलने आती रहूंगी और आपके पास तो मेरा नंबर है ना अब तो याद हो गया है तो जब मर्जी तब घुमाइए मैं आपके सामने हाजिर हो जाऊंगी महाशय यह सुनकर गौरव बहुत खुश हो जाता है और कल्पना दोबारा खड़ी हो जाती है क्योंकि वक्त बिकत रहा है शाम हो रही है और शाम को इन्हे किसी फंक्शन में जाना है अब कल्पना गिरधारी जी से एक और चीज कहती है मैंने चेक डिपॉजिट करा दिया है आप विड्रॉल करा लीजिएगा और किसी भी चीज की कोई भी जरूरत हो तो आप प्लीज मुझे कॉल कीजिएगा गिरधारी जी बिल्कुल संकोच मत कीजिएगा आप मेरी बात सुन रहे हैं गिरधारी जी कल्पना की बात का जवाब देते हैं हां बेटा खुश रहो जीते रहो भगवान तुम्हारे जैसा औरों को भी बनाए खुश रहो मेरे बच्चे बस यही आशीर्वाद रखिए और मैं आती हूं अब मुझे जाना होगा आप बच्चों का ख्याल रखिएगा प्लीज धार जी आप बहुत सतर्क रहिएगा यह कहकर कल्पना अपनी चिंता के साथ यहां से निकल जाती है जब वह यहां से निकलती है गीतिका दोबारा से अपने आप को एक दूसरे एंगल से छुपा लेती है और जब देखती है उसको शटी हो जाती है कि कल्पना यहां से चली गई है तब वह गिरधारी जी के पास जाती है गिरधारी जी से उसे सब पता लगता है कि कितने बच्चे यहां आए हैं और कैसे आए हैं वह बस वहां नम हो जाती है ब्लैक हो जाती है अपने इसी भाव से वो गिरधारी जी से एक सवाल और करती है चाचा यह जो लेडी आई थी यहां यह इसका क्या लेना देना है यहां से गिरधारी जी मुस्कुराते हुए कहते हैं इसका क्या लेना देना है जो तुम यह सब देख रही हो यह सब इसी का किया है बेटा इसके जैसी लड़किया शायद ही न जाने कितने उसमें पैदा होती है जाने कौन सा रहा होगा जब इसने जन्म लिया होगा यह सब इसी का है आज से पा साल पहले जब यह ऑर्फन भी खत्म हो जाने की कागार पर था तब कल्पना ने इसे थामा है और वही अब तक चलाती आ रही है और उसने यह सब मुझे बताने के लिए मना किया है लेकिन जैसे वह है वैसे ही तुम हो तो मैं तुम्हें बता रहा हूं गिरधारी जी की यह बात सुनकर गीतिका के पैरों के तले से जमीन खिसकने लगती है गिरधारी जी फिर अपनी बात को आगे करते हैं कल्पना ने सब संभाला है यहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी उसी ने ली है यहां के बच्चों की पढ़ाई उनके कपड़े सब कुछ वही देखती है कहने को यह एनजीओ के नाम पर चल रहा है लेकिन कल्पना को एनजीओस पर थोड़ा कम यकीन है इसलिए वो सब खुद देखती है और हर महीने वो यहां आती है और बच्चों को देखती है यहां का हर बच्चा उसे जानता है बेटा अगर मैं यह कहूं कि यहां की मालिक है वह तो यह गलत नहीं होगा अच्छा मुझे काम है मैं चलता हूं गिरधारी जी गीतिका की सर पर भी हाथ रखकर चले जाते हैं अब सर पर तो हाथ रख दिया है लेकिन जमीन कदमों के नीचे क्या रखा जाए गीतिका जैसे जमीन में धस जाती है अभी के शब्द उसके कानों में गूंजने लगते हैं कि तुम जानती क्या हो उसके बारे में तुम समझती क्या हो खुद को बहुत बड़ी जर्नलिस्ट समझती हो बहुत काबिल समझती हो क्या काबिलियत तुम्हारी यही तक है उसके शब्द जैसे गीतिका के अंदर भाले की तरह छुपते हैं और वह इन्हीं चुभन के भाव से वहां से निकलती है क्योंकि इन लोगों को भी शायद उसी पार्टी में उसी फंक्शन में जाना है जहां पर कल्पना और उसका गैंग पहुंचेंगे अब शाम हो जाती है शाम को ये सभी रेडी होकर फंक्शन में पहुंचते हैं फंक्शन में कल्पना ने वही अपनी लेदर जैकेट अपनी जींस अपने बूट और अपनी वाइट शर्ट पहनी हुई है और वो अपने गैंग के साथ बात कर रही है बैठ है अमेज है अभी है रैश भी है अभी बात करते करते ग्रुप से अलग होता है और टेबल पर बैठी जरना का हाथ पकड़कर अपने ग्रुप में लेकर जाता है जरना मुस्कुरा देती है अरे तो मोहतरमा आप कब से यहां है कल्पना ने मुस्कुराते हुए जनाब से कहा हमारी छोड़िए आप तो ना रह भी हर जगह रहती है अच्छा यह कब हुआ कल्पना ने यह जनाब को देखकर उसकी बात को सुनकर सवालिया निशान बनाकर अपने चेहरे पर पूछा अभी ने जनाब का हाथ जरा दो जोर से दबा दिया क्योंकि वह आर्टिकल के बारे में कुछ जानती नहीं है और आर्टिकल की ही बात छड़ेगैडमिशंस और यह लोग अपना अपने ड्रिंक हाथ में लिए अपनी अपनी बात करने लगते हैं सामने से यह तीनों की चारों की टोली आती है अनू सूरज जो एक हाथ अपना फोल्ड किए क्या कहते हैं उसे चलिए छोड़िए एक अपना हाथ फोल्ड किया हुआ है उसने बिकॉज उसमें उसके कंधे में जाहिर है जल्दी तो ठीक होगा नहीं ना तो उसे रेस्ट की जरूरत है लेकिन स् कर नहीं रहा पार्टी में आया है सूरज अनु और गीतिका सामने से आते हैं अनु की नजर सीधा कल्पना प पड़ती है और वोह बोल पड़ती है हाय देख उसे क्या लग रही है बंदी मतलब कोई सीमा नहीं है इसकी अट्रैक्शन की यार सूरज अपने टूटे हाथ से बोलता है सही बोल रही तू यार मैं तो बहुत खुशनसीब समझ रहा हूं अपने आप को कि इसने मुझे बचाया इन दोनों की बातों को सुनकर भी गीतिका कोई रिएक्शन नहीं दे रही कुछ रिएक्ट नहीं कर रही व बहुत चुप है बहुत खामोश है उसका चेहरा पूरा खामोश पड़ा हुआ है व वो ना जाने किस उसम है वह शायद वही जानती है ये दोनों गीतिका को पीछे छोड़कर फटाफट से कल्पना की गैंग पर पहुंच जाते हैं हेलो कल्पना पांडे जी अनु अपने शब्दों को बटोर हुए कल्पना से कहती है कल्पना अपनी निगाह तिरछी करती है और अनू से अपना सर हिलाकर हेलो हाउ आर यू अनु पागल जैसे व अभी बेहोश हो जाएगी उसी भाव में कहती मैं वेरी फाइन अरे आप भी है यहां कल्पना की तवज्जो सूरज ले जा सूरज अपना दाहिना हाथ आगे करक कल्पना से हैंड शेक के लिए बढ़ाता है कल्पना उसका हाथ पकड़ लेती है और सूरज की दिल की जो धड़कन है व कहीं गायब होने लगती है और वह उसी में कहता है थैंक यू सो मच मैं आपका कैसे शुक्रिया करूं वह अपने शब्द ढूंढने लगता है अपने कंठ में वॉइस बॉक्स में लेकिन उसे मिलते नहीं है तो कल्पना बोल पड़ती अरे इसकी कोई जरूरत नहीं है अभी आप ठीक है माफ कीजिएगा मुझे वक्त नहीं मिला हॉस्पिटल में आने का बाकी आप तो स्ट्रंग है ही मुझे मालूम था आप सरवाइव कर जाएंगे आप ठीक है ना कल्पना ने मुस्कुराते हुए ये सूरज से पूछा सूरज तो जैसे अभी खत्म हो जाएगा उसका हाल वैसा है सूरज कहता है हा हां हां मैं बिल्कुल बिल्कुल ठीक हूं अब कल्पना अपना हाथ जो है सूरज के हाथ से छुड़ा लेती है एक्सक्यूज मी और यह कहकर वो दूसरी तरफ चली जाती है बाकी जैसे पार्टीज में होता है मेहमान का आना किसी से मिलना किसी से बातें करना यह सब हो रहा है लेकिन गीतिका एक टेबल पर बैठे चुपचाप अपनी गिलास को अपनी दो उंगलियों से चारों तरफ घुमा रही है उस गिलास में पानी के अलावा कुछ नहीं है उसे घुमाए घुमाए वह सिर्फ उस पानी को देख रही है उसके चेहरे पर अभी कोई भाव नहीं है तब तक उसके कानों में एक अनाउंसमेंट पड़ती है अनाउंसमेंट यह है कि कल्पना को गाना गाने के लिए कहा गया है वहां पर जो कपल्स हैं वो डांस मंस करने का उनका इरादा है तो अभी और बैट अमेज जनाब के रिक्वेस्ट पर कल्पना जो है गाना गाने के लिए तैयार हो जाती है वह अपनी चेयर पर बैठ जाती है और अपना गाना शुरू करती है गीतिका की टेबल पर बिल्कुल सामने है गीतिका की टेबल और उस पर सूरज और अनु अपनी चाहत भरी निगाहों से सिर्फ और सिर्फ कल्पना को देख रहे हैं कल्पना अपना गाना शुरू करती है वह अपने गिटार पर पर अपनी उंगलियां फेरती है और अपने लफ्जों से शुरू करती है मैंने सोचा के चुरा लूं तेरे होठों की नमी और ऐसे के रह जाए इस चोरी में ना कमी मैंने सोचा के चुरा लू तेरे होठों की नमी और ऐसे के रह जाए इस चोरी में ना कमी तेरे सीने में मेरा दिल बड़के और रात ठहर जाए मेरी आवारा स नजरों को शायद घर मिल जाए मैंने सोचा के चुरा लू तेरे होठों की ये नमी कल्पना अपनी गिटार पर अपनी उंगलियां फिर से फेरती है और जनाब का हाथ पकड़कर अभी उसे क्लोज और रोमांटिक डांस के लिए ले जाता है सूरज और अनु का हाल बहुत बुरा है और गीतिका सिर्फ अपनी खाली निगाहों से कल्पना को देख रही है कल्पना अपना गाना आगे करती है रेश जुल्फ के झरने खोल दो होठों की पंखुड़ी से कुछ बोल दो गरदन की इस सुराही से कुछ जाम छलक जाए मेरी आवारा स नजरों को शायद घर मिल जाए मैंने सोचा के चुरा लू इन होठों कीय नमी और ऐसे के रहे जाए इस चोरी में ना कमी
Comments
Post a Comment