Wings of Destiny Part 8
कल्पना रास्ते में उसे महसूस होता है कि गीतिका को शायद एक जगह रुकना ठहराव चाहिए तो एक जगह रुकती है गीतिका के चेहरे को चाय की टपरी पर रुकती है गीतिका के चेहरे को वह अपने रुमाल से साफ करती है और बस यही है रीकैप तो चलिए एक छोटी सी उड़ान ले ली जाए गीतिका के चेहरे को जब व अपने रूमाल से साफ कर देती है और एक पानी की बोतल उसके हाथ में थ माती है और खुद जाकर वहां खड़ी हो जाती है जहां एक बाबा चाय बना रहे हैं गीतिका पानी की बोतल लेकर ऐसे पानी पीती है जैसे न जाने कितने दिनों के बाद उसे पानी की बोतल पकड़ाई गई है वह बहुत घबरा गई है या डर गई है उसके इस एक्शन से उसकी चुप रहने से समझ में आ रहा है दूर खड़ी कल्पना आंखों में एक विनर मु भाव लिए उसे देख रही है इस गहरा रात की हल्की रोशनी में गीतिका का चेहरा चमक रहा है उसके बाल बिखरे हुए हैं मगर हवा के साथ बातें कर रहे हैं उसकी गर्दन में जब वह पानी की घूट ट्रेवल करती है तो एक दृश्य बनाती है एक बीव बनाती है और कल्पना उसे देखती है और इस दृश्य ने कल्पना की आंखों को रोक लिया है कल्पना की नजरें सर गीतिका के चेहरे पर उसकी चीन पर रुक जाती हैं आज भी वही हुआ है कल्पना उस दृश्य को देख रही है और उसकी नजरें गीतिका के चेहरे पर उसकी चिन पर ठहरी हुई हैं इन सबके बीच में वह चाय वाले बाबा जो हैं वह अपना प्रेजेंस रख देते हैं और कहते हैं बेटा चाय तैयार हो गई अपना सर फोर ओ क्लॉक घुमा है कल्पना और देखती है और देखते कहती है हां जी थैंक यू व एक चाय का गिलास वहां से उठाकर दूसरा वही छोड़ देती है और जो उठाया है उसे हाथ में लेकर गीतिका के सामने आती है और वह गिलास उसके सामने करती है और पूछती है आर यू ल राइट अब अपना सर बिना उठाए गीतिका उसकी बात का जवाब देती है हां फिर कल्पना कहती है ये चाय पी लीजिए|
आपको बेहतर फील होगा ये सुनकर गीतिका अपनी गर्दन को उठाकर उसकी तरफ देखती है तो कल्पना कहती है चलिए चलिए जल्दी पकड़िए टाइम वेस्ट मत कीजिए ठंडी हो जाएगी चाय गीतिका उसे देखते हुए बिना कोई आर्गू करे चाय का कप पकड़ लेती है गिलास होता है ना टपरी वाला वो कल्पना जो है वापस जाकर इधर-उधर देखती है कि कहीं वह शैतान लोग यहां भी ना आ जाए और यहां अगर पहुंच गए तो बड़ा मसला हो जाएगा दिक्कत हो जाएगी तो अब वह यहां से भी जल्दी जल्दी निकलना चाहती है और वह फिर इधर उधर देखते हुए ही अपनी चाय का गिलास पकड़ती है और वही टपरी की दीवार से लगा लगा लेती है अपने आप अब टपरी की दीवार ईट की तो होती नहीं है तो हल्का सा लगाती है उसकी नजरें जैसे रुक सी गई है गीतिका पर इधर उधर दौड़कर व गीतिका पर ही जाती है गीतिका के उड़ते बालों को देखने लगती है हल्की हवा अब थोड़ा सा तेज हो गई है और उसके साथ-साथ एक सफेद कलर की सॉलिड वाली बूंद समझे सॉलिड बूंद का मतलब हां बर्फ का एक छो छोटा सा कण कण कह लीजिए बूंद कह लीजिए ड्रॉप कह लीजिए कल्पना की ऊपरी हथेली पर पड़ता है जिससे उसने चाय का गिलास पकड़ा हुआ है और वह फट से ऊपर आसमान की तरफ देखती है और धीरे से बोल पड़ती है इट नोइंग नाउ यह कह के वो अपनी गर्दन को सीधा आसमान से हटाकर सामने करती तो देखती है कि गीतिका अपने शोल्डर को थोड़ा सा ऊपर चढ़ा के इस ठंडी हवा को महसूस कर रही है कल्पना यह फट से भाप जाती है कि उसे ठंड लग रही है कल्पना की चाय ऑलमोस्ट ऑलमोस्ट खत्म हो चुकी है उस गिलास को व वहीं रखकर आगे बढ़ती है अपने कंधे पर से अपनी लेदर की जैकेट उतार कर वह गीतिका के कंधों से उसे उड़ा देती है अपने ऊपर ठंड के बजने का एक लिहाफ पाकर गीतिका कल्पना के चेहरे की तरफ देखती है तो कल्पना उसे देखकर बोल पड़ती है अब हमें यहां से निकलना चाहिए कल्पना क्योंकि कल्पना अच्छे से जानती है कि अगर बर्फ ने तेजी पकड़ ली और तेज गिरना शुरू कर दिया तो क्या होगा तो गीतिका अपने चाय पूरी खत्म कम कर चुकी है और अभी जाकर उसकी ब्रेन सेल्स में मॉनिटरी सेल्स ने काम करना शुरू किया है और यह स्नोर भी शुरू हो गई है थोड़ा तेज गिरने लगी है और सिहरन दे रही है गीतिका जैकेट को एक हाथ से पकड़ के खड़ी होती है और यह दोनों कल्पना की बाइक की तरफ बढ़ते हैं रात बहुत खूबसूरत होती जा रही है हवाओं के साथ-साथ जब बर्फ के वो छोटे-छोटे कण जिसे कहूं वो छोटी-छोटी बूंदे जब पेड़ों के पत्तों पर पड़ रही हैं तो बहुत खूबसूरती दे रही है इन दोनों के बालों पर पड़ रही हैं कल्पना अपने सर पर हेलमेट पहने हुए अपनी स् पीढी क्वीन पर बैठ जाती है और धीरे से गीतिका भी बैठ जाती है और कल्पना अपनी बाइक को स्टार्ट करती है और अक्सर वह अपनी बाइक को बाइक नहीं बुलेट कहती है तो वो अपनी बुलेट को स्टार्ट करती है और निकल पड़ती है इस बार वो अपनी स्पीडी की स्पीड को रोज से लोवर साइड पर रखती है थोड़ी दूर जाने के बाद वह गीतिका से एक सवाल करती है आपका घर किस जोन में है और यह बोलकर वो चुप हो जाती है कोई जवाब नहीं आता जैसे यह बात गीतिका को सुनाई नहीं दी हो और यह सच में है उसके कानों में यह चल रही ठंडी हवा जो बाइक पर तेज हो गई है और ठंडी भी जाहिर है जब तेज होगी तो ठंडी भी होगी वह सफेद रंग की छोटी स्नो के गोले उसके बालों में फस रहे हैं जिससे उसके जो जो सेल्स थे व अगेन थोड़ा सा ढीले पड़ते नजर आ रहे हैं उसकी कुछ रिएक्ट ना करने पर कल्पना साइड मिरर में देखती है और पाती है एक ऐसी पिक्चर बिल्कुल शांत और सहज चेहरा व सबसे पहले यह देखकर अपने मन में कहती है यकीन नहीं हो रहा हर वक्त चिलाने वाली इतनी खामोश कैसे है वो भी इतनी कामने स के साथ मगर इनका घर तो इन्हें ही पता होगा लगता है ब्रेन पर भी ठंड का असर हो गया इनके मगर ब्रेन तो है ही नहीं इनके पास कल्पना के यह वर्ड होते हैं और कल्पना फिर कहती है लेकिन पूछना तो इन्हीं से पड़ेगा अपने मन की बातों को सोचते हुए कल्पना बाइक को गली ब्रेक दे देती है जिससे गीतिका कल्पना की सॉलिड बॉडी से टकरा जाती है जिससे उसके सेल्स जरा लाइन पर आते हैं उसके बालों में जो स्नो अटक गई थी ठहर गई थी वो नीचे झड़ जाती है और व उसके हाथ ऑटोमेटिक कल्पना के शोल्डर पर जाकर अटक जाते हैं और यह फट से बोल पड़ती है आ क्या आप ठीक से नहीं चला सकती बाइक जब चलाना नहीं आता तो लेक क्यों घूमती है इसे हर जगह कल्पना यह सुनकर धीरे से कह दिया ब्रेनलेस की ब्रेन ब्रेनलेस की ब्रेन सेल्स ठिकाने पर आ गए लगता कल्पना पीछे मुड़कर बोलती है यह मत भूलिए कि आप मेरी ही क्वीन पर है और इसी ने आपको बचाया है तो गीतिका जो है बाइक से फट से उतर जाती है और क हां तो ठीक है उतर गई मैं आपकी इस क्वीन से खुश और मुझे अपनी आपकी कोई हेल्प नहीं चाहिए कोई जरूरत नहीं है मुझे आपकी हेल्प की कल्पना उसकी बात का जवाब देती है ब्रेनलेस चुपचाप बैठी है कल्पना को अच्छे से पता है कि अगर वह लोग यहां गलती से भी आ गए तो ना जाने वह क्या करेंगे और क्या होगा इसलिए वोह इतना कह रही है गीतिका से कल्पना फिर कहती है जल्दी कीजिए टाइम वेस्ट मत कीजिए बैठिए जल्दी कीजिए गीतिका अपना मुंह बनाकर कहती है नहीं मुझे नहीं बैठना कल्पना अपनी आंखों को बंद करके दोबारा खोलती है अपनी बाइक को एक हाथ से हैंडल करके दूसरे हाथ से गीतिका की कलाई को कस के पकड़ लेती है और उसकी पकड़ में बहुत ताकत होती है और उसको अच्छे से फील करती है गीतिका जो उसे बहुत स्ट्रांग लग रहा है कल्पना फिर कहती है मैं दोबारा नहीं कहूंगी आपसे टाइम वेस्ट मत कीजिए आप पहले ही पा मिनट वेस्ट कर चुकी हैं चुपचाप से बैठिए गीतिका जो है वह हेलमेट में उसकी बड़ी-बड़ी आंखें और अपनी कलाई पर उसकी पावर एक साथ महसूस कर उसकी पावर का नमूना वह अपनी कलाई पर देख रही है और चुपचाप से बैठ जाती है बाइक पर कल्पना फिर एक बार पूछती है किस तरफ जाना है घर के लिए स्ट्रेट वॉइस में पूछती है गीतिका यह भी तो किसी से कम नहीं है वह भी स्ट्रेट वॉइस में बोलती है अपनी कलाई को सहला हुए राफ्टिंग पॉइंट यह कहकर गीतिका अपने मन में बोलती है अरगंड तो है ही ऊपर से दर भी है कल्पना अपनी बुलेट को राफ्टिंग पॉइंट की तरफ मोड़ लेती है यह जो हल्की हल्की बर्फ गिर रही थी अब उसने और जोर पकड़ लिया है और इसके चलते गीतिका ने अपने दांतों को जोर से आपस में गले मिला दिया है जबकि उसने कल्पना की लेदर जैकेट भी पहनी है फिर भी उसकी बॉडी में हल्का सा कमप पन शुरू हो गया है अपने सामने बैठी सीधी और बुलंद गर्दन किए हुए रास्ते पर अपनी आंखें जमाए हुए कल्पना को देखकर कहती है गीतिका अपने मन में बॉडी भी पत्थर जैसी है दिल भी वैसे ही होगा ये धीरे से कहना और अपनी आंखों को मलकाना यह करती है गीतिका तो कल्पना कहती है कि क्या कुछ कहा आपने गीतिका हैरान हो जाती है कि मैंने तो मन में कहा इसको कैसे पता चला ये बात को बदलते हुए कहती है हां कहा स्टॉप हेयर अब वो यहां रुकने के लिए कहती है गीतिका यह सुनकर कल्पना अपनी बुलेट को रोक देती है गीतिका बाइक से नीचे उतर जाती है अपने दोनों हाथों को एक दूसरे से बांधे हुए कहती है मेरा घर आ गया अपनी गर्दन को लेफ्ट साइड पर 3 ओ क्लॉक घुमाकर कल्पना सिर्फ अपनी गर्दन हा में हिलाती है गीतिका पीछे मुड़ती है और एक कदम आगे बढ़ाती है तभी कल्पना बोल पड़ती है दूसरों को मैनर्स का पाठ पढ़ाना बहुत आसान है कल्पना के तंज को सुनकर गीतिका अपने कदम रोक लेती है और पीछे मुड़ती है वह अच्छे से समझ रही है कि गीतिका के तंज का क्या मतलब मतलब है पहले और मुड़ती है अपने आप को मड़ती है इससे पहले कि वो कुछ बोले कल्पना फिर बोल पड़ती है किसने कहा था आपको यहां आने के लिए और क्यों आई आप हां आपकी वजह से हुआ आज हाथ से निकल गया यह सुनकर गीतिका को गुस्सा आता है और उसके कान जो भी ठंडे पड़ रहे थे वह गरम होने लगते हैं और वो कहती है मैं मैं आप आप क्यों आए मेरे बीच में और आप खुद ही कहती रहती है ना कि मुझसे दूर रहो मुझसे दूर रहो तो आप क्यों मेरे पीछे पीछे चली आती है या मेरे आगे आगे क्यों चली आती है और मेरे काम में क्यों बीच में आ जाती है आप आई है मैं नहीं अब गीतिका की यह बात सुनकर अपनी भव को थोड़ा ऊपर चढ़ाकर कहती है कल्पना काम जब काम बोल पड़ती है गीतिका तो काम को पकड़ लेती है कल्पना और काम की बात को अब टालते हुए
कल्पना उसकी सॉरी गीतिका उसकी बात का जवाब देती है काम नहीं और वह ना जाने कौन सी लड़की को ढूंढ रहे थे और उसके चक्कर में वो मेरे पीछे लग गए यह सुनकर कल्पना का संदेह सच हो जाता है उसे पहले से पता था कि यह तीनों वही है जिनको मैं चकमा देकर आई हूं और यह तीनों इसके पीछे भाग रहे हैं और और उसे पता लग जाता है क्योंकि उस कमरे में वही थी इनके एक साथी को वही बेहोश करके आई और वही उथल-पुथल करके आई है उस कमरे में तो उसे मालूम है और वह समझ जाती है कि आज गीतिका जब उन तीनों के बीच में फसी तो वह उसकी जगह नहीं थी कल्पना की जगह थी और यह इस बात को एक्सेप्ट करती है
कल्पना और इसी बात को टालने के लिए व आर्गू पर वापस आ जाती है और कहती है मुझे आपके काम से और आपसे कुछ नहीं लेना देना तो मैंने पहले भी कहा था मेरे रास्ते में मत आइए मुझसे दूर रहिए इतनी सी बात आपको समझ नहीं आती हां याददाश्त कमजोर हो गई है लगता है आपकी और अगर कमजोर हो गई है तो अपने जो पॉइंट जो आपने अपना प्लान बोर्ड बना रखा है उस पर पॉइंट बनाकर क्यों नहीं लिखती हां यह सुनकर गीतिका जैसे कि मैंने कहा जो इसके कान ठंडे पड़ रहे थे अब गर्म होना शुरू हो जाते हैं वह अपने दांतों को पीसकर हथेलियों को बांध कर गुस्से में देखती है
कल्पना को और कहती है मुझे और मेरे काम को कोई शौक नहीं है आपके सामने आने का तो कल्पना इसकी बात का जवाब देती है कहती तो बारबार है आप मगर इस को प्रेशर्स में नहीं डालती क्यों गतिका यह सुनकर अपने होठ खोले उससे पहले ही कल्पना बोल पड़ती है आ रिलैक्स रिलैक्स मैं समझ गई सिस्टम ही करप्ट है तो प्रोसेसिंग कहां से होगी जाइए जाइए अंदर जाइए वरना जो भी बचा कुचा सिस्टम है क्रैश हो जाएगा जाइए यह कहते हुए कल्पना अपना हेलमेट सर पर टिका कर अपनी बुलेट स्टार्ट करके यहां से चली जाती है और गीतिका अपने वर्ड्स अपने अंदर लिए ही यही खड़ी रह जाती है
अपने ना बोलने की फ्रस्ट्रेशन को गीतिका अपनी लेफ्ट वाले पैर को जमीन पर मारक निकाल कर कहती है आ इसे इतना घमंड क्यों है अपने आप पर यह क्या समझती है खुद को एरोगेंट घमंडी औरत कहीं की यह कह के वो घर के अंदर जाने ल है तभी उसे याद आता है कि रात काफी हो गई है और मां बाबा पता नहीं जगे होंगे या नहीं और वह जाती है दरवाजे पर और नॉक करती है उसने अपने नॉक करने का तरीका अपने पेरेंट्स को पहले से बताया हुआ है चेताया हुआ है आफ्टर ऑल जर्नलिस्ट है इतनी तो सतर्क रहेगी ना बाबा आक डोर ओपन करते हैं और गीतिका कहती है बाबा को देखकर बाबा इतनी जल्दी दरवाजा ओपन किया आप सोए नहीं तो बाबा कहते हैं धीरे बोलो मां जग जाएगी गीतिका अपने होठों पर उंगली रख लेती है यह सुनकर बाबा दरवाजा धीरे से बंद कर देते हैं तब गीतिका कहती है बाबा आप क्यों जगे हुए हैं हां चलिए जाइए सो जाइए तो बाबा इसकी बात का जवाब देते हैं जिस का बेटा आया ना हो वो कैसे सो जाए अपने बाबा के सामने आकर गीतिका कहती है अभी बेटा आ गया ना हां अब जाइए सो जाइए बाबा जो है गीतिका के होठों पर लगे एक दाग को देख लेते हैं और वह उस परे अपना थम रखकर कहते हैं यह क्या हुआ है बेटा कल्पना को थोड़ा हर्ट हो जाता है जब वो छूते हैं वो कहती है सॉरी गीतिका बहुत हर्ट हो जाता है जब वो छूते हैं तो गीतिका कहती आच ये तो मुझे याद ही नहीं है यह कहकर वह बाबा के हाथ पर हाथ रखती है और अपने हाथों में उनका हाथ पकड़ लेती है अपने चेहरे से हटाकर और कहती वो बाबा वो अब वो क्या कहे वो थोड़ा सा असमंजस में पड़ती है फिर उसका दिमाग जो है काम कर देता है और कहती है वो भूख गिर गई थी सेल्फ से आज आज लाइब्रेरी से उतारते वक्त हॉल में इतनी तेज लाइट नहीं जल रही कि प्रॉपर उसका जखम दिखे तो बाबा कहते हैं बेटा तो गीतिका कहती है कि बाबा मैं ठीक हूं इससे पहले मां जग जाए आप जाओ गीतिका बाबा का हाथ पकड़ के उनके रूम तक ले जाती है और कहती है मैं खाना खा लूंगी बाबा कहते हैं बेटा ध्यान रखते क्यों नहीं हो इतना ही कहते हैं उससे पहले और कुछ बोले बाबा या रीड हू गीतिका कहती है मैं बिल्कुल ठीक हूं बाबा और वह यह कहकर अपने बाबा के सीने से लग जाती है और बाबा कुछ नहीं कह पाते कुछ नहीं कर पाते हैं और वो फिर अपने रूम में चले जाते हैं गीतिका अपने रूम में आ जाती है वहां कल्पना अपने घर पहुंचती है और तभी अभी का कॉल आ जाता है और कल्पना कॉल उठाकर कहती है हां अभी अभी कहते तू कहां चली गई है हां और तेरा फोन नहीं लग रहा तू पांडा पागल है आर यू ओके तो कल्पना कहती है रिलैक्स अभी आई एम फाइन बस एक जगह अटक गई थी और वहां मेरे ख्याल से नेटवर्क काम नहीं कर रहा होगा तो सॉरी तुम सब को मैंने परेशान किया तो अभी कहता है इट्स फाइन पांडा तू घर पर है पहुंच गई तो कलपना दिया तो अभी कहता है रजा थैंक गॉड तो कल तुम लोग घर पहुंच गए या नहीं तो अभी कहता है हां बस अमीज है मेरे साथ उसको छोड़कर मैं घर ही जाता हूं पता है वह कितना रीड हो गया है तुझे लेकर तो कल्पना जो है वो मुस्कुराते हुए कहती है बस कर उसे क्या रिलैक्स करें तो कल्पना की बात का जवाब देता है अभी ओके सुन ही रहा है वह खुद ही बोल दे तो कल्पना कहती है अमेज रिलक्स टेक केयर एंड टेक अ 12 डिग्री यह सुनक ये दोनों इनफैक्ट य तीनों ही मुस्कुरा देते हैं हस देते हैं और यह दोनों एक साथ कहते या 12 डिग्री और यह कहक यह लोग कन्वर्सेशन को खत्म कर देते हैं फोन नीचे रखने के बाद वो बाहर खिड़की की तरफ देखती है इतने में अम्मा चाय लेकर अंदर आती है अम्मा कल्पना के पास पहुंचे इससे पहले वह अपने कदम आगे बढ़ाकर अम्मा के हाथ से चाय ले लेती है और कहती है थैंक यू सो मच अम्मा अब जाकर आप सो जाइए तो अम्मा कहती तोत ठीक है ना बेटा तो कल्पना कहती बिल्कुल देखिए आपके सामने हूं चलिए अब जल्दी कीजिए टाइम वेस्ट मत कीजिए जाइए जाइए सो जाइए यहां भी व टाइम वेस्ट की बात करती है और अमा चली जाती हैं अपने रूम में अपना कप लेके अपनी बालकनी में आती है कल्पना और बाहर मौसम का मिजाज वैसा ही है जैसा अभी कुछ देर पहले था कुछ बदला नहीं है अभी कुछ देर पहले जो हुआ वह एकदम से कल्पना के चेहरे के सामने से निकलना शुरू कर देता है और वो बोलती है वो हाथ से निकल गए वरना आज गौरव तक पहुंच गई होती मैं इस सारा काम जर्नलिस्ट की वजह से बिगड़ गया ये क्यों मुझसे मिल जाती है क्यों मुझसे टकरा जाती है मैं नहीं चाहती इनसे मिलना इनसे टकराना फिर क्यों यह कहते हुए अचानक से गीतिका का वह चेहरा कल्पना की नजर के सामने आ जाता है जिस पर चोट लगी है और उसकी बातें वहीं रुक जाती हैं और बदल जाती हैं अब वह कहती है मगर उन्हें वह चोट नहीं लगनी चाहिए थी बिकॉज वह शायद कहीं ना कहीं मेरी वजह से लगी है कल्पना इस बात से परेशान हो रही है कि उसकी वजह से गतिका को चोट आई है वहां गीतिका के पास सूरज का कॉल आता है वह फोन उठाकर कहती है हां सूरज बोल सूरज उसको कहता है तुझे कॉल किया मैंने कितना तेरा कॉल नहीं लग रहा था हां सूरज मा नेटवर्क का इशू होगा बोल तू ठीक तो है क्या हुआ तेरी आवाज इतनी डाउन लग रही है गीतिका उसकी बात का जवाब दे दिया हां मैं ठीक हूं तू बोल ना तो सूरज कहता है कि तुझे बाद में मिला गीतिका कहती है नहीं यार नहीं मिला जिसे मिलना था वो मिलता नहीं है जिससे मैं नहीं मिलना चाहती वह मेरे सामने आ जाता है उसकी बात को सुनकर सूरज कहता है कौन आ गया तेरे सामने यह सब छोड़ मुझे दूसरा क्लू मिला है और यह कल का है और हो सकता है हम इसकी गिरोह तक पहुंच जाए गीतिका कहती है व्ट तू सच कह रहा है तो सूरज कहता है हां मैं ठीक कह रहा हूं मैं तुझे फॉरवर्ड कर रहा हूं और हां इस बार हमारे पास चेहरा भी है तो गीतिका यह सुनकर खुश होती है और कहती है
अच्छा फटाफट भेज मुझे तो सूरज कहता है और हां हमें कल सुबह जल्दी ही निकलना होगा बिकॉज वह लोग यहां से निकलने के चक्कर में है उनका एक गिरोह यहां से कुछ बच्चों को लेकर जा रहा है और अगर इस वक्त वह पकड़ा नहीं गया तो व बच्चे हमारे हाथ से निकल जाएंगे इनफैक्ट वो सारे हमारे हाथ से निकल जाएंगे गीतिका तो गीतिका कहती है ओके फाइन तू मुझे मैसेज फॉरवर्ड कर हम सुबह ही निकलते हैं हम अपने बच्चों को इनको नहीं ले जाने देंगे देखते हैं कैसे निकलते हैं यह लोग यहां से सूरज कहता है ओके डन मैं तुझे 4:30 पर मिलता हूं तो गीतिका कहती है हां ठीक है लेकिन तेरा जाना जरूरी है तो सूरज कहता हां मैं तुझे अकेले नहीं जाने दे सकता वहां वो खतरे से खाली नहीं है तो गीतिका कहती है ओके ठीक है यार लेकिन सुन इसका क्या हुआ इस पॉलिटिशियन का तो सूरज कहता है रिलैक्स ब्रांच सर ने कहा है कि वह आर्टिकल दोबारा नहीं छपना चाहिए या उस चीज को लेकर दोबारा कोई आर्टिकल नहीं इनफैक्ट उन लोगों का नाम उस आर्टिकल में नहीं आना चाहिए यह सुनकर गीतिका का पारा गर्म हो जाता है वो कहती क्या ब्रांच सर ने यह बोला सूरज कहता हां आई का बिलीव मैं उस आर्टिकल को नहीं छोडूंगी और उन लोगों को भी नहीं छोडूंगी मेरा आर्टिकल छपे और उन लोगों के साथ छपे सूरज कहता है गीतिका रिलैक्स अभी कल के बारे में सोच ओके तो गीतिका कहती है हां ठीक है चल ठीक है तू सो जा गुड नाइट और ये कहकर वो फोन कट कर देती है गीतिका फोन कट करने के बाद फिर से सोचने लगती है जो आज हुआ उसके बारे में और उसके दिल उसके दिमाग उसकी नजरों के सामने वही वाला सीन आता है जब उस आदमी ने उस पर हाथ उठाया और वह घूमते हुए जाकर कल्पना की बाहों में गिर गई वह हल्का हल्का सा उसे नजर आ रहा है वह हल्का हल्का सा उसे एहसास हो रहा है कल्पना ने किस तरह फाइट किया उन तीन के साथ और इसको बचाया और इसका मन कह रहा है कि हां कल्पना ने इसे बचाया अपने मन को यह इग्नोर करते हुए उसे अलग करते हुए कहती नहीं उसने थोड़ी बचाया मुझे कोई भी होता उसकी जगह तो व यही करता नहीं बिल्कुल नहीं एरोगेंट लेडी है वो क्रूर है वो यह कहते हुए अपनी कलाई को देखती है उसकी कलाई पर कल्पना की तीन उलिया छप चुकी है कल्पना ने इतनी पावर से रिस्ट को पकड़ा कि वहां का ब्लड सर्कुलेशन ही नहीं हुआ और वहां निशान पड़ गया गीतिका उसे देखकर अपनी भव को ऊपर उच काते हुए कहती है सी कितनी एरोगेंट और कितनी क्रूर है यह मेरी रिस्ट बता रही है व ये सांस भरते हुए ऊपर आसमान की तरफ देखती है और कहती है दोबारा उससे मुलाकात मत कराना मैं नहीं चाहती उससे मिलना और वो उसके शब्द कि मुझसे दूर रहो मुझसे मिलो मत मुझे शौक नहीं है कोई उसके पास जाने का मगर यह मेरी किस्मत न जाने क्यों उससे बार-बार मिलवा देती है अब नहीं मिलना मुझे उससे नहीं और ऐसे ही आसमान की तरफ अपना चेहरा उठाए व आंखें बंद कर लेती है यहां गीतिका कि ख्याल से निकलकर कल्पना दूर भाष को कॉल करती है कनेक्टिंग दूर भाष कनेक्टिंग पांडा दूर भाष वह हाथ से निकल गया मेरे पांडा आप अकेले गए थे यस यह सब बातें छोड़ो दूरभाष अभी मुझे आपकी दोबारा हेल्प चाहिए और मुझे जल्द से जल्द नेक्स्ट क्लू चाहिए तो प्लीज कुछ करिए बिकॉज मुझे गौरव को लेकर बहुत बहुत बैड वाली फीलिंग आ रही है प्लीज मैं यह फीलिंग इतनी देर तक हैंडल नहीं कर सकती प्लीज कुछ करिए उसकी इस बात को सुनकर दूर भाष कहते हैं ओके पांडा मुझे कुछ टाइम दो नहीं दूर भाज टाइम नहीं है मैं आपसे रिक्वेस्ट कर रही हूं बिकॉज यह ऑफिशियल वर्क नहीं है वरना मैं आपको ऑर्डर देती कि मुझे आधे घंटे में दूसरा क्लू चाहिए और आधे घंटे में से आप एक मिनट वेस्ट कर चुके हैं तो जल्दी कीजिए टाइम वेस्ट मत कीजिए लेकिन अभी मैं रिक्वेस्ट कर रही हूं प्लीज टाइम वेस्ट मत कीजिए मुझे क्लू दीजिए दूर भाष जो है कल्पना की बेचैनी को समझते हुए कहते हैं पांडा मैं आपकी बेचैनी को समझ रहा हूं ठीक है मैं आपको आधे घंटे में अपडेट करता हूं ओके दुर्वास डिस्कनेक्ट यह कहकर वह अपना सेलफोन कट कर देती है और टेबल पर रख देती है बाहर दोबारा व आसमान की तरफ देखती है अपनी हथेली को आगे करती है हां वह अपनी बालकनी से बाहर अपनी हथेली को करती है और उसकी हथेली पर जब बर्फ की बूंदे पड़ती है तो वह अपने हथेलियों को बंद कर लेती है जैसे ही वह अपनी हथेलियों को बंद करती है उसके लब मुस्कुरा देते हैं मुस्कुराने के बाद वह अपनी आंखें बंद कर लेती है आंखें बंद करके कहती है जैसे उसे कुछ याद आया हो कुछ बेहतरीन कुछ प्यारा बहुत प्यारा याद आया हो तो बस वो कहती है उसी एहसास को फील करते हुए आप आपको को बर्फ कितनी पसंद थी ना और बस वह अपनी आंखें बंद करके इस बर्फ को महसूस करने लगती है
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