Wings of Destiny Part 20


कल्पना कमीशन हवाई है वो अपनी एयर ड्रेगन टीम को लीड करती है यह पूरी टीम आसमान की दूरियों को अपनी रफ्तार से नापते हुए अपने हवाई दुश्मनों को धारा शही करने में कामयाब हो जाती है और फतेह हासिल करके अपने बेस लौट आती है वहां दूसरी तरफ गीतिका ने जो जंग का ऐलान अपने ब्रांच के सामने किया था उस ऐलान से ही उस जंग का फैसला जो है वह गीतिका की तरफ हो जाता है मगर इस फैसले ने दूसरी तरफ जंग छेड़ दी है मिस्टर सिंह इतनी जल्दी इतनी आसानी से तो मान नहीं जाएंगे तो फिर हुआ ना दूसरी जंग का बिगुल रात को जब गीतिका ने फोन करके अम्मा का हालचाल लेना चाहा तो कल्पना ने उसे फिर से चढ़ा दिया और उसने अपना फोन ऐसे फेंका जैसे वो चार बार गुलाटिया खाकर गिर जा ता  है लेकिन गनीमत यह है कि वो बेड पर फेका उसने और हां आपको वो पैकेट तो याद ही होगा तो बस यही है रिकप चलिए थोड़ी सी छोटी उड़ान भर लेते हैं और आप लोग तब तक कुछ मिठाइयां लेकर आ जाइए लेकिन हां मिलावटी मत लाएगा चलिए हम आगे बढ़ते हैं वोह अपनी आंखों को धीरे-धीरे खोलते हुए अपने रूम की खिड़की की तरफ बढ़ जाती है वहां जाकर कदमों को रोकने के बाद वो उन पर्दों को धीरे से हटाती है और अपनी गर्दन को एक हल्की सी अंगड़ाई देती है गुड मॉर्निंग कल्पना सुबह के पहर की रोशनी को अपने चेहरे पर महसूस करती है और अपनी बंद आंखों से जैसे कि आसमान को सुप्रभात करना चाहती है अपनी नजरों को दाएं से बाएं फेरते हुए इस खूबसूरत नजारे को कल्पना ने अपने मन में भर लि और अपनी आंखों को वापस बंद कर लिया उसने अपने दोनों हाथों को एक दूसरे से जोड़कर उन्हें चारों तरफ घुमाया और वह उसकी अंगड़ाई लेने का अंदाज था उसका वह सुनहरा रंग सुबह की शुरुआती रोशनी से चमक रहा था कल्पना अपनी बंद आंखों को सीधा आसमान पर अब खोल देती है आसमान का व नीला रंग और उसे छूते ये पहाड़ उन पहाड़ों पर आंखों को लुभा देने वाला व हरा रंग उस पर अपनी लिखावट रच देने वाले यह सफेद से भी सफेद बादल न जाने कौन सा सुकून दे रहे हैं  कल्पना के दिल और उसकी आंखों को उसका रिफ्लेक्शन सीधा उसकी चमकती आंखों पर पड़ता है और उसके लब अपने आप मुस्कुरा जाते हैं कल्पना अपने कदमों को अब बाहर की तरफ कर देती है आ हा हाहा रुक जाइए रुक जाइए क्या कर रही हैं आप हां क्या कर क्या रही हैं किचन में क्या कर रही हैं आप अम्मा को किचन में देख के कल्पना ने अपने लफ्जों को ट्रेन की तरह दौड़ा हुए कहा तो क्या करूं मैं एक जगह पड़े पड़े कमर दुखने लगी है मेरी अम्मा ने धीमी आवाज में कहा बस करिए कितना फजूल बहाना बना रहे हैं आप बस करिए मिस जर्नलिस्ट का असर हो गया आपको उनके साथ रहते रहते उ की तरह बोल रही है आप यह कहते हुए कल्पना अपने ही लफ्जों पर हैरान हो गई मगर इस बार उसने अपनी हैरानी को थोड़ा किनारे किया और अम्मा का हाथ पकड़कर उन्हें लिविंग रूम में लेकर आई और उन्हें सोफे पर बिठा दिया अरे बेटा क्यों उसे बोलती रहती हो कितनी अच्छी बच्ची है वह अम्मा ने सोफे पर बैठते हुए कहा हां हां उसे ठीक है ठीक है वो बहुत अच्छी है ओके उनसे अच्छा कोई है ही नहीं अब चुप करके य बैठिए नो वर्ड्स नो वर्ड्स मैंने कहा ना मैं चाय लेकर आती हूं अपने ऑर्डर देने वाले अंदाज में कल्पना ने अपना पूरा वाक्य कह डाला और अपने कदमों को किचन की तरफ चाय के लिए बढ़ा दिया मैं सुबह सुबह ब्रेनलेस को क्यों याद कर रही हूं नहीं बिल्कुल नहीं मुझे उनसे भेंट करने का कोई शौक नहीं है उसने अपने इन शब्दों को कहते हुए अपनी भव को स कोड़ा और अपना चेहरा ऊपर की तरफ कर दिया जैसे वह भगवान से कोई प्रार्थना कर रही है तूने तो तहलका मचा दिया अनु ने ठीक गीतिका के सामने बैठते हुए अखबार को टेबल पर रखते हुए कहा आ तहलका अभी मजा नहीं है अभी मचेगा गीतिका ने एक सरकास्टिक वाली स्माइल देते हुए अपने लफ्जों को आगे किया आहा अच्छी दिवाली मनेगी अब अनु ने यह कहकर गीतिका की स्माइल को कॉपी किया अरे यार अच्छा याद दिलाया तूने मुझे आज जल्दी जाना है मम्मी की आज्ञा है क्या जल्दी आना तो जाना ही पड़ेगा यह कहते हुए गीतिका ने उस पैकेट की तरफ देखा और उसके लव ने हल्की सी मुस्कान को पास कर दिया तुझे जल्दी जाना है लेकिन क्यों अनू ने उससे सवाल किया अरे यार दिवाली से पहले क्या होता है या तो मेरी मम्मी जो है घर कि मुझसे सफाई करवाएंगे या फिर शॉपिंग के लिए लेकर जाएंगी अरे यार पूछ मत ये शॉपिंग ने तो कमर तोड़ रखी है अनू ने एक अंगड़ाई लेते हुए कहा क्यों तुझे क्या हुआ तुझसे किसने इतनी सारी शॉपिंग करवा ली पूछ मत यार ये जो मेरी वुड बी मदर इन लॉ है ना यह एक भी एक ऑर्डर देती रहती है यह कर लेना वो कर लेना मैं तंग आ गई हूं उनसे अनू ने ये कहते हुए अपने हाथ को झटका और अपने हाथ के टकने वाले अंदाज में अपनी गर्दन को भी झटक दिया रिलैक्स रिलैक्स बेटा शादी करने का तो तुझे ही शौक है ना तु जा कर अब क्यों इतना नाटक कर रही है उसकी बेबसी का मजाक उड़ाते हुए गीतिका ने उसका जवाब दिया हां यार तू सही कह रही है लेकिन बस कर तू कितनी टांग खींचती है शादी के मामले में अनू ने गीतिका की बात का हंसकर जवाब दिया और अपने माथे को रगड़ने लगी हां हां ठीक ना लेकिन तू इतना माथा क्यों रगड़ रही है माथा रगड़ने से तेरी ये जो लकीर है ये जो सिलवट है तेरे माथे की ये खत्म थोड़ी हो जाएंगे अनु ने अनु की बात पर गीतिका ने मजा के अंदाज से कहा हां हा ठीक है ठीक है अच्छा सुन हां बोल तू आज भी जाएगी क्या अनू ने अपनी भव को ऊपर किया और बड़ी उत्सुकता से गीतिका से सवाल किया कहां जाऊंगी उसी हैरानी से किका ने पूछा अरे स्न लीडर के घर जब किका ने य सुना तो उसने अपने कंधों को झुकाया उस झुकाव के साथ अपनी गर्दन को भी झुका लिया बस करो यार तुम लोग तुम लोग थकते नहीं हो हा जब देख तब स्क्ड लीडर स्ड लीडर स्ड एन लीडर पागल हो जाऊंगी तुम्हारी स्ड एन लीडर से क्यों तू क्यों पागल हो जाएगी जब अनू ने यह सवाल किया गीतिका थोड़ी देर के लिए खामोश हो गई और उसके मन में रात का ख्याल आने लगा वो ख्याल आने लगा जब उसने टमेंट उसके चेहरे पर मला था और वह हल्के से ख्याल में खो गई अरे बोल ना उसके ख्याल को तोड़ते हुए अनू ने फिर पूछा कुछ नहीं तू कितना दिमाग चाटती है जा अपना काम कर गरिका ने लाते हुए उसकी बात का जवाब दिया और यह दोनों अपने अपने काम में लग गए अच्छा सुनिए रवि आज कुछ शॉपिंग मॉपिंग करने जाना होगा आपको अच्छा आप एक काम करिए आप अम्मा से भी पूछ लीजिए उन्हें कुछ चाहिए तो हम ले आते हैं जाकर हम मतलब हम दोनों आपको मेरे साथ चलना होगा मुझे कोई भी एक्सपीरियंस नहीं है इन सब चीजों का रवि ने मुस्कुराते हुए अपनी गर्दन हिला दी और अपने कदमों को अम्मा की तरफ बढ़ा दिया और थोड़ी देर बाद वो वापस आया वापस आया तो देखते हैं जो कल्पना है वो अपनी पीड़ी क्वीन की सफाई करने में लगी है अ मैम फिर से मैं अपनी गर्दन को लेफ्ट साइड झुका दिया कल्पना ने और अपनी बंद आंखों से ही पूछ लिया अ कल्पना जी और उन्हीं बंद आंखों से वो मुस्कुरा दी जी भी तो हटाइए या तो मुझे मैम कह लेने दीजिए या फिर कल्पना जी कह लेने दीजिए मैम प्लीज अपने चेहरे पर एक रिक्वेस्ट का भाव लेते हुए रवि ने कल्पना की तरफ देखकर कहा हां हां ठीक है ठीक है आप कल्पना जी ही कह लीजिए बोलिए क्या कहा हां अमा ने दो तीन चीजें लाने के लिए कहा है ओके आपने नोट कर लिया एटली नोट किया देखिए एक भी चीज इधर से उधर नहीं होनी चाहिए रवि जी यह आपकी जिम्मेदारी है सामान ले आने के बाद अगर मुझे एक भी बात सुनाई गई अम्मा द्वारा तो फिर मैं आपकी टांग खीचू ठीक है उसने अपनी स्पीडी क्वीन से एक साफ करते हुए काला सा कपड़ा निकाला और उसी से अपना हाथ पछ और वो चीज वही एटली वही रखकर खड़ी हो गई तो फिर ठीक है आप मुझे 10 मिनट दीजिए 10 मिनट में आई तब तक आप हमारी मर्सी का जरा उर्ज पूज देखिए जरा उनके भा देखिए यह कहते हुए कल्पना ने अपने कदमों को अंदर की तरफ घर के अंदर की तरफ बढ़ा दिया और रवि ने कार की तरफ अपना रुख किया वह उससे पहले एक कदम भी बढ़ाते रवि साहब उससे पहले ही कल्पना रुक जाती है और पीछे मुड़कर कहती है सुनिए रवि क्या हम अपनी मर्सी का वाशिंग वाशिंग इनको नलवा सकते हैं आज टाइम होगा उनके पास जरा आप एक बार कंफर्म कर लीजिए बिकॉज मुझे मुझे थोड़ी सी ये गंदी लग रही है तो इन मोहतरमा को आज चमकाया जाए कल्पना ने यह कहकर एक बड़ी सी स्माइल रवि को दी और रवि ने अपना सर झुका दिया जी मैम फिर से मैम जी कल्पना जी आप नहीं सुधरेंगे ये कहते हुए कल्पना ने अपनी गर्दन को ना में हिला दिया ये  नहीं सुधरने वाले जैसे हम किसी को देखकर करते हैं और आगे चले जाते हैं बस कल्पना ने वही रुख अपनाया और वो आगे चली गई उस वाली शॉप पर अगर हम जाएंगे मम्मी तो शायद यह सारी चीजें मिल जाए गीतिका ने एक थक जाने वाले अंदाज में पीछे मुड़कर अपनी मम्मी से कहा और यह दोनों मार्केट में अपने कदम आगे बढ़ाते हुए उस शॉप पर चले गए उस शॉप पर बैठकर मम्मी ने कुछ चीजें ली जो आज धनतेरस के मौके पर ली जाती है वहां से कुछ चीजें लेकर यह दोनों आगे की तरफ बढ़े और गीतिका ने कुछ पॉइंट आउट किया अपने आप को थोड़ा सा तिरछा करके जब उसने अपने आप को तिर किया तो उसने यह पाया कि वह किसी से टकरा गई है उसने पीछे मुड़कर इतना ही कहा कि उसकी आंखों के सामने कल्पना आ गई आप यहां भी नो वे कल्पना का व चेहरे का ताव उसके चेहरे पर वह चश्मा उसका व ऐसा ही नजर आ रहा है उसकी गर्दन ऊंची है और उसी भाव में उसने गीतिका को देखते हुए मुंह बनाकर कहा आप यहां पर और उसके भाव से जैसे हर बार गीतिका चुड़ जाती है इस बार भी उसने चुड़ते हुए ही पूछा हां मैं यहां पर क्या यह मार्केट आपने खरीद लिया है यह आपकी जागीर है अरे मिस जर्नलिस्ट मुझे मालूम नहीं था वरना मैं यहां आपने कदम रखती ही नहीं कल्पना के शब्दों ने फिर से गीतिका को छेड़ा आप और उसने अपनी दोनों मुट्ठ को तेज बांध लिया रिलैक्स कर रिलक्स करिए हाइपर होने की जरूरत नहीं है यहां कोई डॉक्टर नहीं है जो आपका बीपी चेक करेगा कल्पना ने वही भाव दोहराया और अपनी गर्दन को थोड़ा सा राइट साइड पर किया गीतिका के चेहरे पर अपनी चाबी का निशान देखने के लिए तो उसने देखा वो निशान थोड़ा सा हल्का हुआ है लेकिन अभी है क्या ऐसे क्या देख रहे हैं आप यह मार्केट है भाई यहां कोई भी आ सकता है यहां मैं आ सकती हूं प्राइम मिनिस्टर आ सकते हैं आ सकते हैं कोई भी आ सकता है तो ऐसे क्या देख रही है हा अरे बापरे क्या आपकी परमिशन लेनी थी मुझे कल्पना ने फिर से अपनी गर्दन को नीचे झुकाया और उसके चेहरे के सामने अपना चेहरा करके अपनी बात कही लेकिन उसकी बात कहने से गीतिका चिढ़ गई और वह कुछ नहीं कर पा रही है कुछ बोल ही नहीं पा रही है उसके हाथ में एक झोला है झोले में काफी सामान है झोला इन द सेंस शॉपिंग बैग है क्या हुआ बेटा मम्मी ने राइट साइड की तरफ देखा और गीतिका से पूछा जब गीतिका से यह पूछ रही है मम्मी तो कल्पना अपना चश्मा उतार देती है और उसकी नजरें सीधा गीतिका की मम्मी पर पड़ती है और वह अपने आप को थोड़ा नॉर्मल करती है नमस्कार आंटी कल्पना यह कहते हुए गीतिका की मम्मी के चरण स्पर्श कर लेती है और गीतिका की मम्मी का जो हाथ है वह अपने आप कल्पना के सर पर फिर जाता है और उसे बहुत सारा आशीर्वाद देता है खुश रहो बहुत कामयाब हो इस तरीके का अब अपनी मम्मी के दिए आशीर्वाद से भी गीतिका छिड़ जाती है आप उनको क्यों आशीर्वाद दे रही है क्या मतलब है बेटा आशीर्वाद ना दो नहीं नहीं आंटी इन्हें ही दीजिए सारा आशीर्वाद इन्हें दीजिए ताकि इनके दिमाग में कुछ तो ब्रेन सेल्स काम करें कुछ काम नहीं करता है इनके दिमाग में कुछ चलता ही नहीं है थोड़ा इनको आशीर्वाद दीजिए अपना हाथ उनके सर पर फेरिए तभी तो हां आपका दिमाग बहुत काम करता है इतना रूड बात करती है इतना एरोगेंट लेडी है आप हा वो तो मैं हूं ही वो मुझे बताने की जरूरत नहीं है तो कुछ और नया बताइए वैसे आंटी जी आप यहां मतलब शॉपिंग सारी शॉपिंग होगी तो कल्पना ने थोड़ा सा बात छेड़ करर सॉरी दूसरी तरफ मोड़कर आंटी से बात की व आंटी से कुछ बात करने लगी आइए इस तरफ वहां बहुत भीड़ थी आंटी थोड़ा सा अनकंफरटेबल लग रही थी तो कल्पना उन्हें एक कंफी जगह की तरफ पॉइंट करती है अपने सीधे हाथ से और उस तरफ आने के लिए कहती है कल्पना के हाथ में भी एक दो और वो आंटी जो है कल्पना की मम्मी को लेकर सॉरी गीतिका की मम्मी को लेकर कल्पना एक अच्छी और सेफ जगह मतलब ज्यादा लोग नहीं है वहा वहा चली जाती है और फिर इधर उधर जो गीतिका मम्मी है व अपनी गर्दन लाने लगती है क्या हुआ आंटी अरे बेटा गीतिका कहां रह गई अरे हां यह तो आपने बिल्कुल पॉइंट पकड़ा अगर उन्ह नहीं ढूंढा गया तो वो कहीं भी घूम हो सकती है है ना कल्पना की बात सुनकर आंटी मुस्कुरा दी नहीं बेटा अरे आंटी जी मैं मजाक कर रही हूं और बैठ आप बैठ जाइए तभी रवि जो है कल्पना के पास आ जाते हैं एक और बैग लेकर रवि साहब क्या आपने मुझे ट्रॉली समझा है एक पर एक बैग लेकर आए जा रहे हैं आप कितने बैग पकडू मैं आपके अरे कल्पना जीय मेरे थोड़ी है अम्मा ने जो लिखवाया था कितना लिखवा दिया अम्मा ने अभी कुछ बाकी रह गया है कल्पना ने अपनी गर्दन को चारों तरफ घुमाते हुए रवि से पूछा हां यह दो चीजें नहीं मिल रही है उसने भी बेबसी हो बेबस वाले अंदाज से बेबसी का भाव अपने चेहरे पर रखते हुए कल्पना से कहा क्या है वो दिखाइए तब गीतिका की जो मम्मी है वो पूछ पड़ती है क्या नहीं मिल रहा है बेटा अरे दिखाइए आंटी को दिखाइए पता होगा आंटी को जल्दी दिखाइए जल्दी करिए ये कहते हुए कल्पना ने अपना चश्मा वापस अपनी आंखों पर लगा लिया और रवि ने वो बात वो जो पर्चा था उनके हाथ में वो आंटी को दिया और जिस पर क्रॉस लगा हुआ है जिन चीजों पर वो आंटी ने देख लिया अरे बेटा ये तो उस वाली शॉप पर मिलता है वही मैं जा रही हूं और यही चीज लेने जा रही हूं तो आप भी चलो हां हां बिल्कुल आंटी चलिए लेकिन बेटा गीतिका वो वो देखिए आ गई शैतान का नाम लो शैतान हा जी गीतिका की मम्मी के सामने भी जरा सा टेट नहीं कर रही उ नए नए वर्ड्स देने में और गीतिका आप कहां चली जाती है कहां चली जाती क्या मतलब है आपका अरे थोड़ा तो ख्याल रखा करिए इतनी भीड़ में आंटी अनकंफर्ट बल हो रही थी और आपको कोई फर्क नहीं पड़ता तो बस मैं उन्ह कंफी जगह पर लेकर आ गई चलिए जल्दी कीजिए हमें चीज लेने जाना सामान लेने जाना है मुझे मेरी मम्मी के सामने ही आर्डर दे रही है ये कहकर गीतिका ने अपने दांत पीस लिए और कल्पना गीतिका की मम्मी को लेकर आगे उस दुकान की तरफ बढ़ गई रवि क्या खाकर आई है ये क्या खाकर पैदा हुई है ये बहुत कम और धीमे अल्फाज में गीतिका ने रवि से चलते हुए पूछा रवि ने अपनी गर्दन को नाम में हिला दिया सुनाई दे रहा है मुझे सब सुनाई देता है मुझे कल्पना ये कहते हुए आंट के साथ आंटी के साथ आगे बढ़ गई और इन लोगों ने सारी चीजें ले ली इस बीच गीतिका बहुत बार गलसी कल्पना ने मुझसे बहुत बार चढ़ाया तो जब सारी शॉपिंग इन लोगों की हो जाती है तब आंटी चलिए आप छोड़ देती हूं मैं आपको घर चलिए चलिए जल्दी कीजिए टाइम वेस्ट मत कीजिए अपनी बात आंटी से कह लेने के बाद यह वाला जो इसका डायलॉग है कल्पना का ये इसने को देखकर कहा हां हां ठीक है चलिए उसने अपना मुह गोल बनाया और गीतिका की बातों को ही दोहरा दिया इससे कुछ नहीं होगा मिस [संगीत] ज चलिए यह कहते हुए कल्पना ने कार का दरवाजा खोला और पहले आंटी को बिठाया और फिर अपनी गर्दन से इशारा किया गीतिका को अंदर जाने का उसके चेहरे पर उसकी आंखों पर उसके सनग्लासेस है तो आंखें तो उसकी दिख नहीं रही है लेकिन गीति कागा सिर्फ उसके चश्मे को देखकर ही बैठ गई बिल्कुल चुपचाप शायद उसकी नजरें उसकी गर्दन पर अटक गई जो हर बार होता है तो गीतिका अपनी मम्मी के साथ बैक सीट पर बैठ जाती है और कल्पना रवि के बगल में ड्राइविंग सीट के बगल में बैठ जाती है चलिए रवि जी जल्दी कीजिए थोड़ा जल्दी कीजिएगा प्लीज मुझे बहुत तेज भूख लगी है ओके रवि यह कहते मुस्कुरा देते हैं और अपनी कार को गेयर में डाल देते हैं कभी कुछ देर जाने कुछ दूर जाने के बाद गीतिका जो है वो पूछ पड़ती है अ रवि अम्मा ठीक है अमा का तबीयत उनकी अरे तो रवि को क्या पता मुझसे पूछिए  मुझसे नहीं पूछ सकती है आप कल्पना ने अपनी आंखों से चश्मा हटाकर फ्रंट मिरर में गीतिका को देखकर कहा और इन दोनों की उस मिरर में आंखें कनेक्ट हो गई कल्पना को उतना असर नहीं हुआ या उसने होने नहीं दिया लेकिन गीतिका उसकी आंखों को देखती रही कुछ सेकंड तक देख लेने के बाद कल्पना ने अपनी नजरों को बाहर की तरफ कर दिया हां तो रवि भी तो वही रहते ना तो मैं रवि से पूछ रही हूं मैं आपसे क्यों पूछूं गीतिका ने फिर से अपनी भव को सिकोड़ागाड़े हां हां ठीक है इतनी ही चिंता है तो जाकर मिला आइए ना पूछने से क्या होगा देख आइए जाकर कल्पना ने बाहर देखते देखते ही गीतिका की बात का जवाब दे दिया बाहर व देख जरूर रही है लेकिन साइड मिरर में जो उसे दिख रहा है व उसे ही पता है आप लोगों को पता है वाह वाह भाई वाह जब यह सारी कन्वर्शन गीतिका की मम्मी ने सुनी तो उन्होंने सारी सिचुएशन को गीतिका से जान तो उन्होंने भी सजेस्ट किया कि हमें चलना चाहिए उनसे मिलना चाहिए उन्हें देखना चाहिए तो अब जो इनकी गाड़ी है वह कल्पना के घर की तरफ बढ़ गई वहां जाकर अम्मा गीतिका को देखकर खुश हो गई और उसकी मम्मी से मिली व सारी बातें हुई कल्पना अपने सोफे पर बैठे कितनी बातें करती है यह ब्रेनलेस औरत ब्रेन नहीं है ब्रेनलेस है कहने को लेकिन फिर भी पटर पटर पटर बोलती चली जाती है कल्पना को सोफे पर बैठ बड़बड़ा देख गीतिका फिर से अपनी भव को सिकोड़ना को तो कल्पना की नजर गीतिका पर पड़ती है और गीतिका इशारे में अपनी भों को फैला देने का इशारा करती है गीतिका को यह देखकर उसके इशारे को देखकर गीतिका अपने चेहरे का रुख दोनों आंटी पर कर देती है अब सारी बातें हो लेने के बाद चाय वाय पी लेने के बाद गीतिका की मम्मी और गीतिका जाने की इजाजत मानते हैं तब अम्मा उन्हें दिवाली की पार्टी के लिए इनवाइट कर देती है अम्मा के कहने पर कल्पना गीतिका और उसकी मम्मी को कार तक छोड़ने आती है और रवि से बहुत सारे इंस्ट्रक्शन देती हैं कि कैसे सही से ले जाइएगा सही से पहुंचाएगा एंड ल दैट और फिर से वह कार का डोर जो है व गीतिका की मम्मी के लिए ओपन करती है और मम्मी के बैठने से पहले वह फिर से उनके चरण स्पर्श करती है मम्मी दोबारा उसे बहुत सारा आशीर्वाद देती हैं आशीर्वाद के मामले में कल्पना बहुत धनी है और गीतिका यह सब देखकर हल्के से मुस्कुरा देती है उसने यह बात भी नोटिस की थी जब पूरी मार्केट में सरेआम लोगों के बीच में कल्पना ने गीतिका की मम्मी के पैर छुए ऐसा तो नहीं है कि वो बहुत जगजाहिर पर्सनालिटी है लेकिन है तो सही और यह बात गीतिका के दिल में घर कर जाती है जब कल्पना उनके पैर छूकर उनका आशीर्वाद लेकर उठकर इसकी तरफ देखती है तो गीतिका अपने मुस्कुराते लबों को बांध देती है अच्छा सुनिए मिस जर्नलिस्ट आपके वो जो दोनों दोस्त हैं उनका उन्हें भी इनवाइट कर दीजिएगा दिवाली की पार्टी के लिए मेरी तरफ से आप तो अम्मा की तरफ से हैं लेकिन मेरी तरफ से उन दोनों को भी इनवाइट कर दीजिएगा जब कल्पना के मुख से यह सुनती है गीतिका फिर से उसके जो कान है वो बर्न होने लगते हैं जलने लगते हैं और यह सुनकर कि मैंने तो आपको नहीं इनवाइट किया अम्मा ने इनवाइट किया तो यह बात ठीक है ठीक है मुझे कोई मैं क्यों इनवाइट करूंगी मैं क्यों बोलूंगी आपको इनवाइट करना है ना तो आप जाकर बोलिए गीतिका चिड़क ये कह देती है हां हां ठीक है ठीक है बाबा इतना चिड़ने की क्या जरूरत है लाइए मुझे उन दोनों का नंबर दे दीजिए मैं उन्हें खुद इनवाइट कर लूंगी अपने दाहिने हाथ को कल्पना ने गीतिका के सामने फैलाया जिस तरह वह उस वक्त उसको पकड़ने के लिए फैला रही थी जब डॉक्टर के पास ले गई थी उसकी हथेली को देखकर थोड़ी देर के लिए गीतिका खामोश हो जाती है अरे क्या हुआ नंबर दीजिए मेरे हाथ को क्या देख रही है मेरे पास कोई नंबर बंबर नहीं है किसी का भी और मैं क्यों दूं आपको नंबर मेरे पास कोई नंबर नहीं है गीतिका ने फिर से चुड़कर कहा अजीब औरत है आप आपके पास आपके दोस्तों का नंबर नहीं है किस जमाने में जी रही है क्या इतना भी मैनर्स नहीं है हां मैनर्स करने वाली बात मैनर्स की बात करने वाली औरत है आप ब्रेनलेस तो चलो ठीक है लेकिन इतना भी ब्रेनलेस नहीं हो जाना चाहिए कि अपने दोस्तों के नंबर अपने मोबाइल में फीड ना करो आप बहुत बोल रही हैं प्लीज थोड़ा कम बोलिए ओ माय गॉड मतलब किसी के ब्रेन ने नॉक किया कि मैं बहुत बोल रही हूं कल्पना ने फिर से गीतिका चढ़ा दिया और वो फिर से चिढ़ गई जैसे कि वो उसके पास शब्द नहीं आ रहे कल्पना से वो आर्गू कर सके अरे ठीक है अब मैं किससे उन दोनों के नंबर लेने जाऊं मिस जर्नलिस्ट तो आप उन्हें इनवाइट कर दीजिएगा अपने साथ ले आइएगा इतना ही मैं कह सकती हूं और इस बार में बहुत नॉर्मल कह रही हूं आपसे चलिए जाइए बैठिए मम्मी इंतजार करें चलिए चलिए टाइम वेस्ट मत कीजिए जल्दी चलिए यह कल्पना के शब्द होते हैं और गीतिका फिर से चुड़कर शायद वह अपनी मम्मी का लिहाज कर रही है या फिर उसे सच में नहीं वर्ड मिल रहे कि वो कल्पना से आर्गू करे और या तो उसका दिल अलग चाल चल रहा है तो वो गुस्से में आकर कार में बैठने लग जाती है गुस्से के कारण उसके जो बैग है वो अटक जाते हैं कल्पना उन्हें अपने हाथों में थाम लेती है जब वो उन बैग्स को अपने हाथों में पकड़ती है तो गीतिका का हाथ उसके हाथ में आ जाता है और यह स्पर्श गीतिका को कहीं ना कहीं ट्रिगर कर जाता है बहुत तेज वाला करंट दे जाता है और बस वह सुनन हो जाती है और देखती है सिर्फ कल्पना को चलिए चलिए अंदर बैठिए और उसके देखने के देखने भी नहीं देती कल्पना थोड़े से सेकंड में ही उसे तोड़ देती है उसका कनेक्शन यह कह कर चलिए चलिए जल्दी करिए टाइम वेस्ट मत करिए और यह कहकर व बैग थोड़े से एडजस्ट करवा देती है और फट से कार का दरवाजा बंद कर  देती है और रवि से जाने के लिए कहती है और यह लोग अब इनके घर के लिए बढ़ जाते हैं दिवाली की पार्टी के लिए कल्पना जो है वह अपनी ड्रैगन टीम को भी इनवाइट करती है अपनी सीओ सर को इनवाइट करती है सीओ सर से जो जूनियर है उन्हें इनवाइट करती है इन शॉर्ट व अपने सारे कलीग्स को इनवाइट कर देती है वहां गीतिका जो है वह भी जब सूरज और अन्नू से कहती है तुम दोनों को भी स्क्वाड्रन लीडर ने अपनी दिवाली अपने घर पर दिवाली की पार्टी प इनवाइट किया है तो उन दोनों का जो खुशी का ठिकाना है वो सातव आसमान पर होता है अनू का तो नहीं क्यों है यह खुद उसे नहीं मालूम चलिए सूरज का तो मानते हैं लेकिन अनू उसका भी कोई ठिकाना नहीं बड़े ही पु जोशी से यह लोग पार्टी का तैयारी करते हैं अरेंजमेंट करने लगते हैं कि यह पहनेंगे वह पहनेंगे फलाना ठिकाना तो दिवाली और धनतेरस के बीच में जो भी वक्त होता है इसमें यह सब यह लोग करते हैं जब दिवाली के एक दिन पहले ऑफिस य लोग पहुंचते तो वह पॉलिटिशियन जिसका नाम सरे आम छापा है गीतिका ने और एक बार वह पहले विजिट कर चुका है गीतिका के कबि में उसके ऑफिस में वह दोबारा से आता है और इस बार भी उसे वैसे ही धमकी देकर जाता है जैसे उसने पिछली बार दी थी और इस बार व कुछ ज्यादा  ही मतलब उसके क्रूर सीन वाले अंदाज में वो उसे धमका है मगर गीतिका भी गीतिका है भले कल्पना के सामने उसके शब्द नहीं निकलते लेकिन ये जो पॉलिटिशियन है जिला अध्यक्ष जिसे कहते हैं उसके सामने वह अपनी पूरी ताकत से उससे शब्दों की लड़ाई लड़ती है और उसे खुला इनवाइट करती है तुम्हें जो करना है कर लो मैं जो कर रही हूं वो मैं करके रहूंगी और यह बात उस पॉलिटिशियन को थोड़ा सा लग जाती है और जब एक तो वो पॉलिटिशियन है ऊपर से वो मेल है मेल ईगो पर तो गीतिका जो है वह फीमेल है तो भाई साहब जब एक जिला अध्यक्ष के सामने उसके पॉइंट ऑफ व्यू से तो एक छोटी सी जर्नलिस्ट ही है ना गीतिका कु ज्यादा बड़ी या कोई नेता अभिनेता तो नहीं है तो उसको यह हर्ट कर जाता है कि एक छोटी सी जर्नलिस्ट मुझे चैलेंज कर रही है और कहीं ना कहीं वो जो जिला अध्यक्ष है वो अपनी मेल गो पर ये लेकर चला जाता है और अपने दांतों को पीसते हुए उसके कबि से बाहर आता है यह कहकर कि तुम्हें तुम्हें छोड़ने वाला नहीं हूं और तुम बहुत पछताओ गी भूल जाओगी कि खबर क्या होती है उसे छापते कैसे हैं तो आदत के मुताबिक जो पॉलिटिशियन होते हैं वोह पैटियर की सोच रखते हैं तो यह सोच वो लाउडली अनाउंस करके वहां गीतिका को खुलेआम धमकी देकर वहां से अपने गुसल कदमों को बाहर ले जाता है उसकी इस धमकी से अनु का दिल थोड़ा-थोड़ा डरने लगता है मुझे डर लगने लगा अ इससे यार किस तरीके से बात करके गया है वो तो रिलैक्स अनू रिलैक्स कुछ नहीं होगा गदर धमकियां है इसकी और अगर देख लूंगी मैं भी ये जोक करता है और क्या करेगा और क्या करना चाहता है यह क्या सोच रहा है यह मुझसे बकवास करके जाएगा मुझे ये फालतू की धमकियां देकर जाएगा तो मैं डर जाऊंगी और अपनी न्यूज को अपने आर्टिकल को ऐसे ही जाने दूंगी नहीं मैं अपना काम नहीं छोड़ सकती मैंने जिस चीज के लिए यह फील्ड जवाइन किया था जिस चीज के लिए मैंने इतना इतना संघर्ष किया है मैं ऐसे नहीं छोड़ सकती और इस जैसे लोगों के लिए तो बिल्कुल भी नहीं और वो भी डर के ना कभी नहीं तो तू रिलैक्स हो जा और शाम की पार्टी की तैयारी कर चल अच्छा मूड बना तुझे अपनी स्क्ड लीडर की पार्टी में जाना है ना तो चल जल्दी खड़ी हो चल रेडी हो जा गीतिका ने अनू के ध्यान को हल्का सा दूर दूसरी तरफ किया और उसे स्क्वाड्रन लीडर की याद दिलाई और जैसा गीतिका चाहती थी कि स्क्वाड्रन लीडर की याद आते ही उसके चेहरे पर चमक आ जाए वैसा ही हुआ और यह लोग फटाफट से रेडी होने चले गए और रेडी अपने अपने घर चले गए और गीतू ने सबको कहा कि मैं मम्मी पापा के साथ आऊंगी तो तुम लोग डायरेक्ट वहां पहुंच जाना तो अब यह लोग अपने अपने घर चले गए गीतिका जब घर जाने लगी तो उसके मन में उस पॉलिटिशियन की बातें आने लगी व शब्द गूंजने लगे और कहीं ना कहीं उसको ख्याल आने लगा उसका जो दिमाग है वो उस पर पॉइंट करने लगा वो अपने लिए नहीं डर रही है लेकिन जब वो अपने मां-बाप का सोचती है तब वो डरने लगती है लेकिन गीतिका डरने वालों में से है नहीं वह अपने डर पर काबू करती है जो सिर्फ और सिर्फ अपने पेरेंट्स के लिए है और इस बार उसके हाथ में वह पैकेट भी है जो उसे कल्पना ने दिया था वह घर पहुंचती है घर जाकर देखती है कि मां बाबा तो रेडी हो गए हैं और मां उसे फट से रेडी होने के लिए कहती है वो हो जाती है मां भी रेडी है उससे मिलने के लिए इतना क्यों ठीक है मां ठीक है मुझे सिर्फ 15 मिनट दो मैं अभी रेडी होकर आती हूं गीतिका ने जल्दी जल्दी करती कर रही अपनी मम्मी से यह कहा कि उन्होंने इसे ऑर्डर दिया जल्दी तैयार हो जा कल्पना बेटा वहा वेट कर रही होगी एक मुलाकात में कोई कितना दीवाना हो जाता है कोई क्यों दीवाना हो जाता है कल्पना का य परेशान कर रहा है गीतिका को व परेशानी में अपने कदम अपने कमरे की तरफ बढ़ाती है और फटाफट से रेडी होने की तैयारी करती है व वो जो पैकेट है व वो टेबल पर रख देती है अपने कदमों को वरूम की तरफ ले जाना चाहती ही है कि रुक जाते हैं वह कदम और फिर मैं देखू तो सही कि इस पैकेट में है क्या यह कहते हुए गीतिका व पैकेट बड़े आराम से खोलती है और जब वह खोलती है तो हैरान हो जाती है क्या सच में ये कितना खूबसूरत ड्रेस है और ये कलर क्या क्या उन्हें पता था कि यह कलर मेरा फेवरेट है लेकिन यह कैसे पॉसिबल है और यह भी कैसे पॉसिबल है कि मेरा फेवरेट कलर मुझे ही दिया गया वो भी इतने खूबसूरत ड्रेस में इतना क्या सोचना है गीतिका अपने ही ख्यालों को अपने ही बातों को वह दरकिनार करना चाहती है और दरकिनार करते हुए दूसरे ख्याल करती है कोई भी दे सकता है ये कोई इंसिडेंट भी हो सकता है कम ऑन यह कहते हुए वह पूरा ड्रेस ओपन करती है और उसकी आंखें चुप हो जाती है उसे कुछ सोचता नहीं कुछ कहना ठीक है अच्छा ड्रेस है गीतिका यह तय करती है कि वह यह ड्रेस पहनकर कल्पना के घर आज दिवाली पार्टी में जाएगी और वह वॉशरूम जाती है कुछ देर बाद वो ड्रेस अपने बदन पर उड़े बाहर आती है उसे देखकर उसकी मम्मी बहुत बड़ी स्माइल देती है वाह बेटा आप तो बहुत खूबसूरत लग रहे हो इधर आओ गीतिका की मम्मी वही करती है जो हर एक मम्मी करती है उसकी नजर का टीका लगाती है उसे और वह ब्लश कर जाती है इस चीज से कि उसकी मम्मी को वह पसंद आई इतनी व भी किसके दिए हुए ड्रेस में कल्पना के दिए हुए ड्रेस में उसका चेहरा हल्का सा सुर्क हो जाता है चलिए अब आपको देर नहीं हो रही और इस चीज को फिर से वो डिनायर हुए अलग करते हुए चलने के लिए कहती है और यह सब अब कल्पना के घर की तरफ बढ़ जाते हैं जब गीतिका कल्पना के घर पहुंचती है तो देखती है उसका घर सजा हुआ पूरी लाइटिंग है रास्ते में भी बहुत लाइटिंग है जाहिर सी बात है दिवाली की शाम है तो लाइटिंग तो होगी ही होगी गीतिका जिस वेकल से गई थी वो कल्पना के घर के आगे रुकता है और वो वो पे करके अपने मां बाबा का हाथ पकड़े अंदर आ जाती है अंदर जब आती है तो उसे पहले ही इसके दो नमूने मिल जाते हैं सूरज और अनू वाओ गीतू य लकिंग सो ब्यूटीफुल सूरज ने अपनी आंखों को बड़ा करते हुए कहा थैंक यू गीतू यह ड्रेस तूने कभी लिया मतलब तू हर ड्रेस त छोटा सा भी कुछ भी ड्रेस लेती है तोत मुझे लेकर जाती है यह तूने कब लिया क्या तूने ये अकेले खरीद लिया अनू ने बड़ी ही उत्सुकता से बहुत ही हैरानी वाली नजरों से इसे देखा और अपनी बात को कहा वो मैं आप इधर आप लोग इस तरफ आइए अनु की बात का गीतिका कोई जवाब ढूंढ ही रही थी तभी रवि आकर जैसे उसे बचा लेता है और उन्हें इन सबको इशारा करते हुए अंदर वेलकम करता है और गीतिका अपनी ड्रैगन टीम के साथ है अंदर बातें कर रहे हैं और सीओ सर जो है व अम्मा के साथ सोफे पर बैठे हैं जरना खूबसूरत लग रही है अभी खूबसूरत लग रहा है उसकी पूरी टीम खूबसूरत लग रही है और टीम तो टीम होती है ना जहां वह होती है वहां बातें ना हो रंग ना जमे ऐसा कैसे हो सकता है तो यह सब बातें कर रहे हैं तभी जो रवि है वो कल्पना जी मेहमान आ गए जब अपने कानों में रवि की आवाज कल्पना सुनती है अपनी गर्दन राइट साइड की तरफ घुमा है उसकी जैसे ही उसकी गर्दन घूमती है उसकी नजर गीतिका पर पड़ती है और जैसे उसकी नजर ठहर जाती है गीतिका का व रंग जो इस उसके दिए हुए रंग में उभर कर आ रहा है उसकी दी हुई ड्रेस में जो गीतिका मखमली लुक दे रही है वो उसे अपने दिल होल्ड कर लेना चाहती है अपनी नजरों के द्वारा और बस उसे ताकती रहती है गीतिका अपने कदम अंदर बढ़ाते हुए कल्पना की तरफ देखती है तो उसके कदम अपने आप रुक जाते हैं यह देखकर कि कल्पना की नजरें उस पर ठहर गई है और जो इसके साथ जो दो नमूने इसके दोस्त है वह सिर्फ और सिर्फ कल्पना को देख रहे हैं कल्पना एक बहुत ही नॉर्मल ड्रेस में है वाइट का उसका नॉर्मल ड्रेस है जनाब जो है वो मरून कलर पहने हुए हैं विद मस्टर्ड येलो और बॉयज तो बॉयस है ना वो तो कुछ भी पहने चलता है तो बस यार ये वाइट कलर में बिल्कुल ट्यूब लाइट लग रही है अनू ने धीरे से सूरज से कहा चुप कर जा यार ट्यूब लाइट कौन सा कंप्लीमेंट होता है पूरी दूध लग रही है दूध जी ये कौन सा कंप्लीमेंट होता है इन दोनों की जो बड़बड़ा हट थी वो गीतिका का ध्यान जो है थोड़ा सा भंग कर जाती है और उसे फिर से गुस्सा आ तुम दोनों चुप रहो ना चुप नहीं रह जा तुम दोनों से और वो अपने चेहरे का भाव एकदम से बदलती है और उसके भाव के बदलने से कल्पना जो उसे देख रही थी जो उसके चेहरे को तब देख रही थी उसका भी कनेक्शन टूट जाता है ये अपना चेहरा ऐसा बनाना कब छोड़ेगी कब छोड़ें ये कहते हुए कल्पना अपनी जगह से आगे बढ़ती है और जाकर फिर से गीतिका के पेरेंट्स के पैर छूती है इस बार फादर के भी पैर उसने छुए बेटा लड़किया पैर नहीं पड़ती खुश रहो फादर ने भी उसे आशीर्वाद से नवाज दिया मां तो मां थी ही लेकिन फादर भी पीछे नहीं हटे उसे आशीर्वाद की लड़िया देने में हा अब यह भी शुरू हो ग ये रहो वो रहो इतने बढ़ो उतने बढो इतने में पेरेंट्स जो है वो आगे चले जाते हैं उमा से मिलने और कितना बड़ बढ़ाती है आप ब बड़ाए बगैर| आपका खाना नहीं पचता हा चलिए आगे कल्पना ये कह कर उससे आगे जाने के लिए कहती है गीतिका आगे बढ़ भी जाती है कल्पना जो है व मुस्कुरा देती है और सबका इंट्रोडक्शन होता है सब चीजें सब लोग यहां एक दूसरे से मिलते हैं और फिर अम्मा जो है वो अम्मा वैसे साउथ इंडियन है साउथ इंडिया से बिलोंग करती है लेकिन पूजा और हवन में थोड़ा सा ज्यादा बिलीव करती है तो आज उन्होंने पूजा रखी है वो हमेशा करती है ऐसे और उन्हे लगता है उन्हे क्या सभी को लगता है जब हम अपनी श्रद्धा दिखाएंगे तो ऊपर वाला भी हमें सेफ रखेगा तो बस अमा का यही मन कि जो उनकी बेटी है  कल्पना वह हमेशा सलामत रहे और इसी कामना में व सभी बच्चों का अपना दुआ करती है प्रार्थना करती है और अब दिवाली की पूजा के लिए सबको बताते है कि उस तरफ जाना है रवि बताते हैं कि उधर रवि की फैमिली आई हुई है और व जो छोटी मेंबर है उनसे अभी यह पूरी टीम मिलेगी कल्पना की गीतिका की मिलेगी सब मिलेंगे गीतिका के पेरेंट्स भी मिलेंगे लेकिन अभी पूजा की तरफ ये लोग बढ़ जाते हैं और हम भी बढ़ते हैं अपनी पूजा की तरफ आप लोग भी बड़िए लेट मत करिए आज के लिए इतना ही रखते हैं और सुनते रहिए अपनी अपनी प्रेजेंस लगाइए क्या हो गया है आप लोगों को एनीवेज दिवाली की सजावट ने तो मुझे भी थका दिया है तो आप जाहिर है सभी लोग थके होंगे तो बस अपने अपने दिल को को साफ रखिए जैसे हम दिवाली की सफाई में क्या नहीं साफ कर देते वैसे अपना दिल भी साफ रख कर लीजिए रख लीजिए और उसे साफ ही रखिएगा क्योंकि अगली दिवाली आते आते वह गंदा भी हो जाता है जिस तरह हर दिवाली पर रावण उजागर हो जाता है हर दशहरे पर रावण उजागर हो जाता है फिर दशहरे पर रावण का वत करने के बाद जब राम जी घर पधारे थे तो दिए जलाकर दुनिया को भी रोशन कर दिया जाता है अयोध्या को भी रोशन कर दिया जाता उसी तरह दिवाली पर दीप जलाइन दिल को रोशन कीजिए |  

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