Wings of Destiny part 26
अभी जो लकड़ियां बहुत अपने उफान पर धुआधार जल रही थी अब उनकी जलन जो है वह धीमी हो गई जलन के साथ-साथ रोशनी भी धीमी हो गई और इसी धीमी रोशनी में गीतिका की आंखें झिलमिला रही थी जिसमें बुखार तो था ही साथ-साथ अभी इस खुमारी वाले तरल पदाथ का असर भी था कल्पना की होठ गीतिका को देखकर हल्का सा मुस्कुराए कल्पना ने मोबाइल को बैठ के किसी किसी भी हिस्से पर रख दिया गीतिका ने फिर हिचकी ली क्यों आपको मैं क्यों क्यों बुरी लगती हूं हां बोलो गीतिका ने फिर से कॉलर को खींच लिया यह कहते हुए क्यों दूर भगा आप मुझे क्यों आपको यह मेरी बड़ी बड़ी आंखें नहीं दिखती अच्छी नहीं लगती पता है सूरज इन पर मर जाता है आपको मेरी यह नाक अच्छी नहीं लगती जिसे मिस्टर सिंह तलवार कहते हैं और यह गाल आपको मेरे ये गाल अच्छे नहीं लगते जिसमें यह छोटा सा गड्ढा पड़ता है आपको पता है इस गड्ढे में ना जाने कितने बंदे गिरते हैं गीतिका की इस बात पर कल्पना की मुस्कुराहट बड़ी हो गई उसकी मुस्कुराहट पर गीतिका की नजर पड़ी और उसने अपनी बात को आगे किया क्यों क्या हस रही है आप और यह यह यह कहकर गीतिका ने अपने चेहरे को टेढ़ करके अपनी चिन्ह को कल्पना की नजरों के सामने किया और अपने शब्दों को आगे किया यह दिल नहीं दिखता आपको जो मेरे चिन्न पर हमेशा रहता है देखो देखो यह कहते हुए गीति काने अपनी चिन्ह को उसकी नजरों के सामने करते हुए जूम इन किया और अपनी च को कल्पना की आंखों से चिपका दिया कल्पना की नजरें उस दिल पर अटक गई उसकी नजरें गहरी हो गई उसकी उस दिल पर उसके लब जो मुस्कुरा रहे थे वह बटुर से गए चेहरे का रंग संजीदा हो गया कल्पना बिना पलके झपकाए गीतिका की चिन्ह को देखती रही हां यह वही जगह है ना जहां बार-बार कल्पना की नजर ठहर जाया करती हैं यह वही स्पॉट है जो कल्पना को अपने चश्मे के पीछे से भी साफ साफ नजर आता है और जब भी नजर आता है उसकी नजर को गहरा कर जाता है जैसे अभी किए हुए हैं कल्पना अपने आप को खामोश पाती है बोलिए बोलिए ना आप बोलिए फिर एक हिचकी उसके शब्दों में दोबारा आ गई गीतिका ने चिन्ह को सीधा किया और कल्पना की खामोश नजरों में झांका और व भी कल्पना की नजरों में गुम हो गई अभी इन दोनों की वही पोजीशन थी गीतिका अभी भी कल्पना के ठीक ऊपर है और उसके सीधे हाथ की कोहनी कल्पना के सॉलिड रिब्स पर धसी हुई है हवाएं तेज चलने की वजह से बर्फ उड़ रही है और उड़कर इन खिड़कियों से टकराकर यहीं जम जा रही है जैसे अभी इन दोनों की आंखें एक दूसरे में जम स गई हैं इन दोनों की नजरें आपस में डूबकर एक एतिका बना रही थी जो गीतिका को कल्पना के चेहरे पर खींचने लग लगता है और अपनी झिलमिला आंखों से भी गीतिका कल्पना की आंखों को साफसाफ देख रही थी कल्पना की धड़कन थोड़ा सा अनद होने लगी तभी उसने अपने दोनों हाथों से गीतिका का चेहरा पकड़कर हथेलियों में उसका चेहरा भर लिया और अपने चेहरे से दूर कर दिया आप आप होश में नहीं है तो दूर रहिए प्लीज इस बार कल्पना के लफ्जों में बेरुखी नहीं थी यह शब्द बहुत मखमली और बहुत धीमे थे गीतिका से हटने के लिए कहकर कल्पना ने अपने मन में कहा यह तो फिर से फिर से ना शुरू हो गई है क्योंकि उसकी हथेलियों ने उस गीतिका के चेहरे को पकड़ लिया था तो उसकी गरमाहट अब उसकी हथेलियां भाप रही थी नहीं मुझे दूर नहीं रहना मैंने कहा ना आपसे मैं होश में हूं समझे आप इस हिचकी ने फिर से इस गीतिका के सेंटेंस में हाजरी लगाई चकी के बाद उसने अपने शब्द को फिर से आगे किया क्यों क्यों नफरत करती हैं आप मुझसे बोलिए स्कड एन लीडर क्यों नशे में इंसान कैसा होता है कैसा हो जाता है बस गीतिका को वैसे ही इमेजिन कीजिए और वह तो कल्पना के ऊपर ही है जब नफरत लफ सुना गीतिका ने उसने फट से अपनी आंखों को गीतिका की आंखों में किया अपनी गर्दन गुना में हिला दिया नहीं नफरत कैसे समझाऊं मैं इसे अभी देखिए इधर सोइए चलिए कल्पना ने बात को बदलना चाहा और गीतिका को बगल में सो जाने के लिए कहा उसके कंधों से पकड़ कर मैंने कहा [संगीत] ना मुझे नहीं जाना दूर और मुझे नहीं सोना आपको बताना होगा क्यों नफरत करते हो आप मुझसे क्या मैं इतनी बुरी हूं आप सबसे प्यार करते हो सबसे फिर मुझसे ऐसा क्यों बोलो गीतिका ने जब यह कहा तो उसकी आंखों से पानी गिरने लगा हे नहीं बिल्कुल भी नहीं मैं क्या करू इस औरत का कल्पना परेशान नजर आई देखिए इस पर गीतिका ने मुंह फेर लिया अरे यार कैसे संभालू मैं इन्हें अभी मुंह पर मुंह रखा हुआ था अब मुंह फेर रही है मुझसे उधर कर रही है मुंह और इनकी बॉडी वापस सेवाम हो रही है गर्म हो रही है अपने आप से बात करके कल्पना ने लफ्जों को गीतिका पर खोला इधर देखिए गीतिका के दोनों गालों को पकड़कर अपने सामने किया कल्पना ने गीतिका ने पानी से भरी आंखों को कल्पना के सामने उठाया और उसमें भरे पानी ने अपना बांध तोड़ दिया वह पलकों से बाहर आ गया आ पहले तो यह पानी बहाना बंद कीजिए चलिए जल्दी कीजिए टाइम वेस्ट मत कीजिए कल्पना ने अपने दोनों हाथों के थम से उसके पर आए पड़े पानी को साफ किया मुझे उलझन है इन पानियों से मुझे उलझन होती है इनको देखकर चलिए इसे बंद कीजिए पहले और मैं आपसे नफरत नहीं करती बाबा बिल्कुल नहीं यह नफरत वर्ड मेरी वोकैबुलरी में ही नहीं है यहां तक कि मैं अपने हवाई दुश्मनों से भी नफरत नहीं करती फिर आपसे कैसे कर लूंगी हां और वैसे भी अगर मैं आपसे नफरत कर भी रही हूं तो आपको फरक नहीं पड़ना चाहिए ना तो क्यों पड़ता है आपको फरक हां नहीं पढ़ना चाहिए लेकिन पड़ रहा है पड़ रहा है फर्क मुझे फर्क पड़ रहा है अगर आप मुझसे नफरत करती हैं तो करती रहे लेकिन जब आप मुझसे नफरत करती है तो मुझे अच्छी क्यों लगती है क्यों अच्छी लगने लगी है आप मुझे आपकी आंखें मुझे प्यारी लग रही है और यह गर्दन क्यों खींचती है मुझे अपनी तरफ क्यों मुझे आपके करीब रहना अच्छा क्यों लगने लगा है जब आप मुझे सहारा देने के लिए अपनी हथेली आगे करती है तो वो मुझे क्यों अच्छा लगता है क्यों यह कहकर गीतिका ने अपनी आंखों को जबरदस्ती कल्पना की चेहरे पर खोला आपकी खुशबू मेरी सांसों तक उतर रही है क्यों जब वो दोनों बंदर आपकी खूबसूरती को पॉइंट आउट करते हैं तो मुझे जलन क्यों होती है और वह डॉक्टर उससे भी मुझे जलन होती है और वह एसीपी भी वो क्यों क्यों देखता है आपको ऐसे क्यों आपकी तरफ मेरा दिल खींच रहा है क्यों स्कन लीडर क्यों बोलो गीतिका ने फिर से एक बार कल्पना के कॉलर को खींचा यह सारी बातें कल्पना खामोशी से सुन रही है और हैरान हो रही है क्या क्या बोल रही है लेकिन अभी मेरे लिए इनकी हेल्थ ज्यादा जरूरी है एंड शी स्टार्टेड लिंग लेकिन इन्हे इन्हे यह क्यों लगता है कि मैं इनसे नफरत करती हूं इन्हें अपने आप से दूर क्यों करती [संगीत] हूं यह सब बातें बाद में अपने अंदर आ रहे थॉट्स को साइड किया कल्पना ने और फिर से गीतिका के चेहरे को कस कर थामा अपने दोनों हाथों में देखिए मिस जर्नलिस्ट मैं आपसे नफरत नहीं करती बाबा और और [संगीत] आपका कल्पना कुछ हिचक चाती नजर आई शायद उसके दिल में भी तो कुछ है उसने अपने शब्दों को हिचकिचाहट से निकाला और आपका यह चेहरा मुझे रोक लेता है यह जो पहरेदार ब उठाया है ना आपने भी यह मुझे रोक लेता है और यह बड़ी बड़ी आंखें मुझे थामती है और यह गड्ढा जो है ना आपका यह मुझे अपनी तरफ बुलाता है चलिए ब्लैंकेट में आइए यह कहकर कल्पना ने ब्लैकेट के सिरे को खोला सच्ची हां आप सच बोल रही है ना गीतिका सुनर खिल स गई इस खुमार में भी इस हैंगओवर में भी शायद इसे सुबह कुछ याद भी ना रहे या फिर रहे हां हां मैं सच बोल रही हूं आइए अपनी पलकों को बंद कर कर खोला कल्पना ने और गीतिका से कहा गीतिका ने यह बात सुनकर अपने आप को कल्पना के ऊपर से उतार लिया कल्पना को लगा कि वह उसके ऊपर से उतर कर उसके बगल में आकर सो जाएगी जहां उसने ब्लैंकेट को खोला हुआ है लेकिन गीतिका झटके से उठके वहां उस कमरे में जल रही विंटेज हीटर के पास भाग जाती है और वहीं जाकर खड़ी हो जाती है वहां पहुंचकर वो फट से मुंह चढ़ाती है कल्पना को नहीं मिस एरोगेंट मुझे नहीं आना पहले आप मुझे पकड़ो यह क्या मुसीबत यह क्या मुसीबत लेकर आ गई थी मैं कार से मगर वाइन किसको इतना चढ़ती है यह कहकर कल्पना बेड पर बैठ गई और अपनी हथेली से अपने माथे को टैप किया ना जाने यह क्या क्या करेंगी अब क्या क्या करवाएंगे मुझसे कल्पना क्या जरूरत थी वाइन निकालने की यह कहकर कल्पना अपने आप को पीछे की तरफ बेड पर छोड़ दिया
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