Winga of Destiny Part 14

उस कमरे से निकलकर कल्पना हॉस्पिटल के बाहर वाले हि में आ गई है पेड़ पौध के बीच में लगे बेंच पर व अपने उदास आख के साथ बैठ जाती है ली में वैसे ही हवाए चल रही है यह बर्फ अपने छोटे छोटे अंश नीचे आ रही है सर्द है मौसम मगर कल्पना पर यह मौसम बेसर है व अपनी नीज पर अपनी एल्बो रखकर अपना चेहरा थामे हुए हैं मेरी अम्मा को कुछ ना होने देना तो तो मेरी जान ले ले मगर मेरी अम्मा को ठीक कर दे कल्पना ने बहुत धैर्य टोरते हुए कहा और अपने शब्दों को आवाज द और अपनी रिक्वेस्ट को आगे किया मैं तुसे ही कह रही हूं य कहते हुए उसने अपना सर ऊपर कर लिया आसमान की तर ये बर्फ के छोटे टुकड़े उतनी ताकत नहीं है इनम कि वो इसकी पलको को झपका सके इसलिए इसलिए मैं अपने आप से सबको दूर रखती हूं उसे भी जिससे मैं प्यार कर जो छीना है तने क्या वो काफी नहीं है इस बार मैं तुझे य नहीं करने दूंगी नहीं करने दूंगी मुझे मेरी अमा ठीक चाहिए ये कहते हुए कना अपने पर दबाव डालती है और अपनी आंखों में एक जिद भ लेती है अपने दोस्तों के पास बैठी गति की आंखें थक रही है उसे सिर्फ कल्पना की कही हुई बातें याद आ रही है इस वक्त भी इस वक्त भी वो कितनी कड़वे ...